उत्तरप्रदेश के जिला अलीगढ़ के थाना गांधीपार्क इलाके में जीटी रोड स्थित एसजेडी हॉस्पिटल में बुधवार रात्रि कुछ घंटों के अंतराल पर पांच मरीजों की मौत की सूचना से प्रशासन खलबली मच गई। मृतकों के परिजनों ने ऑक्सीजन की कमी से मौत का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। देर रात पुलिस टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार, जीटी रोड स्थित धनीपुर मंडी के पास 40 बेड के एसजेडी हॉस्पिटल में प्रशासनिक अनुमति से कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा है। बुधवार रात्रि कुछ घंटों के अंतराल पर एक-एक कर पांच मरीजों की मौत से खलबली मच गई। मृतकों के परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत हुई है। उन्होंने हॉस्पिटल में हंगामा भी किया।
ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत की सूचना के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने मामले की जांच के लिए एसीएमओ डॉ. अनुपम भास्कर को देर रात एसजेडी हॉस्पिटल भेज दिया।
इधर, मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी पहुंच गया। एक मृतक के भाई श्याम का कहना है कि भाई एवं अन्य लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई है। मरने वालों में थाना सासनीगेट के जयगंज की 54 वर्षीय सरिता रानी, अकराबाद के 30 वर्षीय युवक मुकेश, जनपद मथुरा में प्राथमिक शिक्षक के रूप में तैनात महेंद्रनगर के 50 वर्षीय अनिल कश्यप, हाथरस के शिक्षा मित्र 50 वर्षीय जयवीर और ललित प्रसाद शामिल हैं। हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संजीव शर्मा का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मृत्यु नहीं हुई है।
सभी मृतक वेंटिलेटर पर और बाईपैक्ट सपोर्ट पर थे। फेफड़े फेलियर का केस है। रात्रि में अलग-अलग समय में मरीजों की मृत्यु हुई है। सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि एसीएमओ डॉ. अनुपम भास्कर को मौके पर भेजा है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत नहीं हुई है। जिस समय मरीजों की मौत हुई है, उस समय हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध थे। मरीजों की मौत एक साथ न होकर अलग-अलग समय में हुई है।
वहीं, विनीत कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि एसजेडी हास्पिटल के प्रबंधन ने रात नौ बजे के करीब आक्सीजन सिलिंडर की मांग की थी। इसके बाद करीब दस बजे उनको 40 सिलिंडर की आपूर्ति की गई। एसजेडी प्रबंधन के मुताबिक जिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है, वह हाई रिस्क पर थे। इस मामले की जांच की जा रही है।