उत्तरप्रदेश के जिला अलीगढ़ में 19 साल पुराने हत्या कांड में न्यायालय ने तीन आरोपियों उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों आरोपियों 20-20 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। शुक्रवार दोपहर आये इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार के चेहरे पर खुशी दिख रही थी तो वहीं, आरोपियों के परिजनों के चेहरों पर मायूसी नजर आई। इस दौरान न्यायालय में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। कड़ी सुरक्षा में तीनों आरोपियों को जेल भेजा गया।

2002 को दिन दहाड़े हुई थी संजीव चौधरी की हत्या
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता डीजीसी फौजदारी धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि शहर के थाना गांधीपार्क इलाके के जीटी रोड़ स्थित डीएस कॉलेज में 27 अप्रैल 2002 को दिनदहाड़े संजीव चौधरी की हत्या हुई थी। जिसमें मूल रूप से थाना टप्पल इलाके के गांव उसरह और हाल निवासी प्रेस कालोनी संजीव चौधरी की हत्या हुई थी। हत्याकांड को उस समय अंजाम दिया गया जब संजीव बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा देने कॉलेज आया था। मामले में मृतक के पिता अधिवक्ता पिता बलवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था।
कॉलेज के गेट पर मारी थी गोली
हत्यारोपी संजीव उर्फ रॉबी, योगेश और राघवेंद्र उर्फ कालू पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही मृतक संजीव चौधरी कार से उतरकर कालेज के गेट के पास पहुंचा, तभी उक्त हत्यारों ने उस पर फायरिंग कर दी। संजीव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।
प्रोपर्टी को लेकर चल रहा था विवाद
मृतक के पिता बलवीर ने अपनी तहरीर में बताया था कि उनका बेटा कुछ लोगों की साझेदारी में रामघाट रोड पर राज विहार कालोनी में प्लाटिंग कर रहा था। हत्यारे उस पर ऐतराज जता रहे थे। इसी विवाद में उसकी हत्या की गई। जिसके बाद उन्होंने हरदुआगंज के गांव कलाई के संजीव उर्फ रॉबी, राघवेंद्र सिंह कालू, ग्वालरा के योगेश पर आरोप लगाते हुए नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। सत्र न्यायालय में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर शुक्रवार को फैसले की तारीख नियत की गई थी। कोर्ट ने शनिवार दोपहर बाद तीनों आरोपी तलब किए और दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा के साथ 20-20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।
कोर्ट के बाहर भारी संख्या में रही भीड़
संजीव हत्याकांड अलीगढ़ के चर्चित मामलों में से एक रहा था। शनिवार को इस मामले का फैसला आना था। इसके चलते भारी संख्या में कोर्ट परिसर में भीड़ मौजूद रही। वहीं दूसरी तरफ मामले को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी एलर्ट था। अंदर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। फैसला आने के बाद पुलिस ने तीनों हत्यारों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेजा गया।