अखिल भारतीय शिक्षा समागम का एएमयू में प्रसारण 29 जुलाई को
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिल्ली के प्रगति मैदान के प्लीनरी हॉल में 29 जुलाई को आयोजित होने वाले अखिल भारतीय शिक्षा समागम के लाइव टेलीकास्ट का प्रदर्शन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी किया जायेगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे ।जिसमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
इस कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत भी होगी और प्रधानमंत्री इस अवसर पर राष्ट्र को सम्बोधित करेंगे। इस कार्यक्रम तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, उद्घाटन सत्र का दूरदर्शन और प्रमुख टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण किया जाएगा, और यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। वैश्विक स्तर पर दर्शकों के लिए इवेंट का लाइव वेबकास्ट इस लिंक पर किया जाएगाः https://webcast.gov.in/moe.
छात्र कल्याण के डीन प्रोफेसर अब्दुल अलीम ने कहा कि एएमयू ने अपने शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के लिए उद्घाटन सत्र को लाइव देखने का व्यापक प्रबंध किया है । जिससे वे देश में शिक्षा के भविष्य को आकार देने के उद्देश्य से की जाने वाली परिवर्तनकारी पहल के ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
जेएन मेडिकल कॉलेज में जटिल आर्थोस्कोपिक घुटने की सर्जरी को अंजाम दिया गया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के आर्थोपेडिक सर्जनों ने एक जटिल प्रक्रिया द्वारा एएमयू के बीई छात्र जमील अहमद के घुटने के मेनिस्कस में एक दरार की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंाजम दिया गया । न्यूनतम दर पर आर्थ्रोस्कोपी का उपयोग करके एसीएल लिगामेंट का पुनर्निर्माण किया।
प्रोफेसर नय्यर आसिफ के मार्गदर्शन में इस सर्जरी को अंजाम देने वाले डॉ. एम.जे. खान ने बताया कि जमील अहमद को चार महीने पहले घुटने में चोट लगी थी । जिससे विकृति उत्पन्न हो गयीं और वह गंभीर दर्द का शिकार हो गया। एक निजी मेडिकल सेंटर में एमआरआई स्क्रीनिंग से पता चला कि उसके घुटने के मेनिस्कस में एक दुर्लभ बकेट हैंडल में समस्या उत्पन्न हो गयी थी । जिस पर आर्थोस्कोपिक सर्जन को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता थी।
बाद में, जमील ने जेएनएमसी में स्पोर्ट्स और आर्थ्रोस्कोपिक क्लिनिक से परामर्श लिया जहां डॉक्टरों ने प्रभावित जगह की सर्जरी करने का फैसला किया जो एक सफल पहल साबित हुई। इस टीम में डाक्टर एमजे खान के साथ सीनियर रेजीडेंट डा. चंदन सिंह व जूनियर रेजीडेंट डाक्टर अहसान और डाक्टर प्रांजल भी शामिल रहीं। डॉ. खान ने बताया कि डॉ. उबैद के नेतृत्व में एनेस्थेटिस्ट की टीम ने सर्जरी में अमूल्य मदद प्रदान की।
घुड़सवारी ग्रीष्मकालीन कोचिंग का समापन
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के राइडिंग क्लब द्वारा आयोजित हॉर्स राइडिंग समर कोचिंग कैंप का समापन मुख्य अतिथि, एएमयू रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान (आईपीएस) द्वारा युवा घुड़सवारों के सम्मान और उन्हें भागीदारी के प्रमाण पत्र वितरण के साथ हुआ।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मोहम्मद इमरान ने युवा प्रतिभागियों से खेल में उत्कृष्टता हासिल करने का आग्रह किया । क्योंकि इससे उन्हें पुलिस सेवाओं और सेना सहित विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने में भी मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि एक स्तर पर सवारी करने के विशिष्ट लाभ हैं । लेकिन सामान्य तौर पर यह आपको अनुशासन और नियंत्रण सिखाता है और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। मानद अतिथि दिनेश तोमर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अलीगढ़ और एएमयू राइडिंग क्लब के पुराने सदस्य शुजाउद्दीन खान खुसरू ने प्रमाण पत्र वितरण में भाग लिया।
इससे पूर्व, मेहमानों का स्वागत करते हुए, विश्वविद्यालय खेल समिति के सचिव प्रोफेसर सैयद अमजद अली रिजवी ने खेल समिति की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय में युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षित और पोषित करने के लिए ग्रीष्मकालीन कोचिंग शिविर आयोजित करने के लिए विभिन्न क्लबों की सराहना की।
राइडिंग क्लब के अध्यक्ष डॉ. वासिफ मोहम्मद खान ने राइडिंग क्लब की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि क्लब द्वारा आयोजित तीसरा ग्रीष्मकालीन कोचिंग शिविर था । जिसमें 21 युवा छात्रों ने भाग लिया और इस अद्वितीय खेल की बारीकियां सीखीं। उन्होंने कहा कि यह खेल सभी वर्ग के लोगों को घुड़सवारी सीखने का अवसर प्रदान करता है, चाहे वे छात्र हों या कर्मचारी।
उन्होंने कहा कि घुड़सवारी से सवारों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना पैदा होती है और उन्हें यूनिवर्सिटी राइडिंग क्लब के राजदूत के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। राइडिंग क्लब के कोच इमरान खान ने एक माह तक चलने वाले शिविर में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।