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क्लीनिकल ट्रायल पद्धति और वैज्ञानिक लेखन पर एक जेएन मेडिकल कालिज में कार्यशाला आयोजित

 अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के क्लीनिकल फार्माकोलॉजी यूनिट ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स फॉर क्लिनिकल ट्रायल मेथोडोलॉजी एंड साइंटिफिक राइटिंग’ पर एक ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में क्लीनिकल ट्रायल पद्धति पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण और अनुसंधान और वैज्ञानिक लेखन के लिए एआई उपकरणों के उपयोग पर एक दिन का प्रशिक्षण भी शामिल था। कार्यशाला की शुरुआत डॉ. पूजा गुप्ता (एम्स, नई दिल्ली) के व्याख्यान से हुई, जिसमें उन्होंने क्लीनिकल ट्रायल और शैक्षणिक क्लीनिकल ट्रायल पर विस्तृत चर्चा की। जबकि डॉ. सुधीर सी. सारंगी (एम्स, नई दिल्ली) ने अनुसंधान नेटवर्क के विकास और सहयोग पर चर्चा की।

 

डॉ. सुगंती एस (जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी) ने नैदानिक परीक्षणों की रणनीति के बारे में बताया, जबकि डॉ. यांगशिन ल्हामो (एम्स, बिलासपुर) ने रोगी भर्ती और रणनीति पर प्रकाश डाला। डॉ पीयूष मिश्रा (जीएमसी, जालौन) ने कहा कि प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया रिपोर्टिंग और प्रतिकूल प्रतिक्रिया प्रबंधन नैदानिक परीक्षणों का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने परीक्षणों के दौरान गंभीर प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्टिंग के लिए समयरेखा स्पष्ट की, जबकि डॉ. सैयद जफरुद्दीन (जोल्फर फार्मा, यूएई) ने डीएक्स3 पैमाने का उपयोग करके प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं के कारणों के आकलन की व्याख्या की। डॉ. अर्चना मिश्रा (एम्स, भुवनेश्वर) ने क्लीनिकल रिसर्च में सैंपल साइज पर विस्तृत चर्चा की।

डॉ. वंदना रॉय (मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली) ने कार्यशाला के दूसरे चरण के दौरान ‘अनुसंधान पत्र लिखने में एआई टूल्स का उपयोग करने की नैतिकता’ पर एक व्याख्यान दिया, जिसके बाद निशुल्क कृत्रिम बुद्धिमत्ता वेबसाइटों का लाइव प्रदर्शन किया गया। अनुसंधान के विभिन्न चरणों जैसे अनुसंधान विचार/प्रश्न निर्माण, साहित्य समीक्षा, समीक्षा लेखन, व्याकरण सुधार और संदर्भ प्रबंधन उपकरण जैसे चैटपीडीएफ, सहमति, अनुसंधान खरगोश, एलिसिट, राइटफिल, क्विलबॉट, जोटेरो और चैट जीपीटी आदि शामिल थे। डॉ. सैयद शारिक नईम (संगठन सचिव), डॉ. अहमद फराज (संयुक्त आयोजन सचिव) और डॉ. बुशरा एच. खान (कोषाध्यक्ष) ने लाइव प्रदर्शन किया।

कार्यशाला में देश भर के 200 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया, जबकि रिसोर्स पर्सन के रूप में एम्स, नई दिल्ली, सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणेय जिपमरय एम्स गोरखपुर, भुवनेश्वर और बिलासपुर, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, नई दिल्ली और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ शामिल हुए। फार्मास्युटिकल उद्योग का प्रतिनिधित्व जुल्फार फार्मा यूएई और एस्ट्राजेनेका इंडिया ने किया। प्रो. वसीम रिजवी (संगठन अध्यक्ष), सैयद शारिक नईम (संगठन सचिव), डॉ. जमील अहमद (संयुक्त आयोजन सचिव), डॉ. नफीस फैजी, प्रो. फरीदा अहमद, डॉ. इरफान अहमद खान और डॉ. जावेद रिजवी ने कार्यशाला को संबोधित किया।

 

एएमयू छात्र द्वारा प्रोफेसर शाद बानो अहमद पर पेपर प्रस्तुत

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के स्नातक छात्र और यूनिवर्सिटी डिबेटिंग एंड लिटरेरी क्लब के सदस्य मुहम्मद शम्स उद्दुहा खान ने कर्नाटक द्वारा आयोजित ‘उपमहाद्वीप’ ‘महिला इतिहास’ विषय पर आयोजित सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। और ‘प्रोफेसर शाद बानो अहमदः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की महिला आयरन लेडी’ शीर्षक पर अपना पेपर प्रस्तुत किया।

 

उन्होंने कहा कि प्रोफेसर शाद बानो अहमद, जो समाजशास्त्र विभाग की सेवानिवृत शिक्षिका और अब कनाडा में रहती हैं, 1996-1999 के दौरान एएमयू के प्रॉक्टर थी। वह एएमयू में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने एक छोटी अवधि (अक्टूबर 1996 – नवंबर 1996) के लिए कुलपति के रूप में भी कार्य किया। प्रोफेसर शाद बानो अहमद को विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर रहने वाली पहली महिला के रूप में सेवा करने का सम्मान प्राप्त है। वह समाजशास्त्र विभाग (1969) की पहली महिला शिक्षिका, वीमेन्स कॉलेज (1980) में समाजशास्त्र की पहली शिक्षिका, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (1974-75) और अलीगढ़ की पहली महिला कार्यकारी सदस्य थीं।

प्रो शाद बानो ने प्रोवोस्ट, सरोजिनी नायडू हॉल (1982-1988), समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष के रूप में तीन बार (अंतिम अवधि 1999-2001), ओएसडी, एएमयूएबीके स्कूल (2002-2005-) के रूप में कार्य किया। एएमयू कार्यकारी परिषद, अकादमिक परिषद और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य के रूप में कार्य किया। वह एएमयू में इमादुल मुल्क क्रेच और महिला कल्याण सोसायटी की संस्थापक सदस्य और सचिव भी थीं। उनके प्रयासों से समाजशास्त्र विभाग ने 1998 में 25वें अखिल भारतीय समाजशास्त्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। शम्स उद्दुहा खान का शोधपत्र अंतर्राष्ट्रीय जर्नल के अगले खंड में प्रकाशित किया जाएगा।

इंटेल इंटरनेशनल द्वारा वीमेन्स कालिज की 7 छात्राओं का चयन किया गया

 अग्रणी वैश्विक संस्था इंटेल इंटरनेशनल ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेन्स कॉलेज की 10 छात्राओं को रिसर्च एसोसिएट्स और कंसल्टेंट्स के रूप में नियुक्त किया है।

एएमयू के प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी साद हमीद के अनुसार विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों से चयनित छात्राओं में निदा रियाज, अलीना खान, हुदा खान, अर्तजा फारूक, उलमा सलीम, दीपांशी अग्रवाल और गुनीशा शामिल हैं। वीमेन्स कॉलेज की प्राचार्या प्रोफेसर नईमा खातून ने चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

 

अलीगढ़ के स्कूली छात्रों के लिए फुटबॉल समर कोचिंग कैंप का आयोजन 1 जून से

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय गेम्स कमेटी के फुटबॉल क्लब द्वारा 1 जून से 21 जून 2023 तक एएमयू सहित जनपद के स्कूली छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी फुटबॉल ग्राउंड पर फुटबॉल समर कोचिंग कैंप आयोजित किया जा रहा है।

फुटबॉल क्लब के अध्यक्ष प्रोफेसर अली अतहर ने बताया कि कोचिंग कैंप का समय सुबह 5ः30 बजे से 8ः30 बजे तक रहेगा। जिसमें फुटबाल कोच द्वारा फुटबाल के बारे में सामान्य जानकारी उपलब्ध करने के अलावा, इसकी तकनीक और छात्रों को फिट रहने के बारे में भी बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैम्प के आयोजन से छात्राओं में आपसी सौहार्द की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।

यूपी की ‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना 2023’ के तहत एएमयू ने 550 छात्रों को टैबलेट बांटे गये

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू कार्यालय ने 24 और 25 मई को एक विशेष समारोह के दौरान 550 छात्रों को उत्तर प्रदेश ‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना 2023’ के तहत टैबलेट प्रदान किए गए। इस का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को डिजिटल उपकरण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। 2021 से, इस योजना के तहत कुल 3550 टैबलेट वितरित किए गए हैं।

 

 

पहले दिन, अलीगढ़ के सिटी मजिस्ट्रेट चंदर शेखर और डीएसडब्ल्यू, एएमयू के प्रोफेसर अब्दुल अलीम ने बी.टेक और यूनानी मेडिसिन (अंतिम वर्ष) के छात्रों को टैबलेट वितरित किए। जबकि दूसरे दिन एएमयू के रजिस्ट्रार  मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने पीएचडी और स्नातकोत्तर छात्रों को टेबलेट वितरित किये। मोहम्मद  इमरान ने राज्य में युवाओं के डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक सराहनीय पहल के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मुफ्त टैबलेट/स्मार्ट फोन योजना कार्यक्रम’ की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जो छात्र ऐसे उपकरणों को खरीदने में असमर्थ हैं, उन्हें अब इस स्मार्ट फोन योजना द्वारा प्रदान किए जाने वाले टेबलेट से बहुत लाभ होगा। टैबलेट वितरण कार्यक्रम 26 मई तक चलेगा।

 

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