एएमयू न्यूज बुलेटिन | Aligarh Muslim University | Amu News Aligarh | the khabarilaal

प्रो. सलमा अहमद ने केस एनालिसिस पर वाराणसी में आयोजित वर्कशॉप में कौशल विकसित करने के तरीके बताये

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च की डीन प्रोफेसर सलमा अहमद ने वाराणसी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में ‘सप्लाई चेन मैनेजमेंट – लर्निंग थुरू रियल वर्ल्ड केस स्टडीज’ विषय दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को विश्लेषणात्मक और निर्णय लेने के कौशल विकसित करने और उन्हें कॉर्पोरेट जगत के लिए तैयार करने में मदद करना था।

प्रोफेसर सलमा अहमद ने कार्यशाला के प्रतिभागियों को बताया कि वे अभी भी ‘अचेतन अक्षमता’ की स्थिति में हैं और कई आवश्यक कौशलों से अनभिज्ञ हैं। उन्हें ‘अचेतन क्षमता’ की स्थिति में आने और कमियों को दूर करने के लिए खुद पर काम करना होगा। प्रोफेसर सलमा अहमद केस विश्लेषण पद्धति की व्याख्या की और इसमें स्वयं द्वारा लिखित वास्तविक जीवन के मामलों पर आधारित केस विश्लेषण शामिल किया। इन सत्रों के जरिए उन्होंने बोलने के डर पर काबू पाने, आत्मविश्वास पैदा करने, विचारों को व्यवस्थित करने और सिद्धांत को अभ्यास से जोड़ने के महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए।

वर्कशॉप के दो बैच थे जिसमें मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के 200 से अधिक छात्रों ने कुल मिलाकर भाग लिया। गौरतलब है कि प्रो. सलमा अहमद ने 17 प्रमुख मामलों का विश्लेषण किया है जो भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित ‘विकलोप-द जर्नल ऑफ डिसीजन मेकर्स’ में शामिल हैं। उन्होंने ‘हाउ टू राइट एंड एनालिसिस केस’ नामक पुस्तक भी लिखी है।

 

जेएन मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब में कार्यशाला आयोजित

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में कॉम्प्लेक्स परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) पर कैथ लैब में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, मैक्स, साकेत के डॉ. विवेका कुमार ने जटिल पीसीआई के बारे में विस्तार से चर्चा की जिसमें आईवीयूएस जैसी इमेजिंग तकनीकों की मदद और रोटा एब्लेशन का उपयोग से कैल्शियम को नष्ट करने और कैल्सिफाइड अवरुद्ध धमनियों में स्टेंट के लिये रास्ता बनाने में मदद मिलती है, ताकि कोरोनरी के अवरूध मार्ग को प्रशस्त किया जा सके।

जेएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिफ हसन ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं कार्डियोलोजी के क्षेत्र में हो रही प्रगति के बारे में मदद करती हैं और विशेष रूप से डीएम छात्रों के लिए विशिष्ट कौशल सीखने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी कई कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना है, जिसमें प्रतिष्ठित संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रतिभागियों को अपना ज्ञान और कौशल प्रदान करेंगे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: