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एएमयू के विधि संकाय द्वारा आपराधिक न्याय प्रणाली पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा संकाय के पूर्व डीन स्वर्गीय प्रोफेसर मोहम्मद जकारिया सिद्दीकी की स्मृति में ‘भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली पर’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया।

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विधि संकाय के डीन प्रो. जफर महफूज नोमानी ने प्रो. रशीदा राना सिद्दीकी (प्रोफेसर सिद्दीकी की पत्नी), सबा जकारिया अहमद (बेटी) और फैसल जकारिया सिद्दीकी (पुत्र) की उपस्थिति में सेमीनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया और प्रो. जकारिया सिद्दीकी को याद किया।

प्रोफेसर बलराज चैहान, पूर्व कुलपति, धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जबलपुर और राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने सेमिनार का उद्घाटन किया और सामान्य रूप से भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में अभियोजन प्रणाली में सुधार के लिए प्रोफेसर जकारिया सिद्दीकी के विद्वतापूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन सत्र में कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मेराज उद्दीन मीर ने अपने संबोधन में एक शोधकर्ता के रूप में प्रो. जकारिया सिद्दीकी से अपने जुड़ाव को याद किया और आपराधिक न्यायशास्त्र और आपराधिक न्याय व्यवस्था के सिद्धांत के बुनियादी सिद्धांतों पर चर्चा की।

प्रोफेसर फैजान मुस्तफा, पूर्व कुलपति, द नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, हैदराबाद पुरानी यादों में चले गए और उन्होंने वर्तमान आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की रणनीति को बेहतर बनाने में आपराधिक कानून और अपराध विज्ञान पर प्रो. जकारिया के कार्यों को सराहा।

प्रो नुजहत परवीन खान, पूर्व डीन, विधि संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने कानूनी शिक्षा में शामिल होने और किशोर न्याय और आपराधिक फोरेंसिक पर शोध करने के लिए प्रो जकारिया सिद्दीकी के प्रति उनका आभार जताया।

प्रोफेसर सैयद मोहम्मद अफजल कादरी, पूर्व डीन, स्कूल ऑफ लॉ, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर ने आपराधिक और दंडात्मक परिप्रेक्ष्य में प्ली बार्गेनिंग और अधिकार आधारित पीड़ित दृष्टिकोण के क्षेत्र में अपने शोध मार्गदर्शन को याद किया।

पश्चिम बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंस, कोलकाता के प्रोफेसर सरफराज ए खान ने आपराधिक न्याय प्रणाली के तहत पीड़ितों के प्रोबेशन, पैरोल और पुनर्वास पर प्रोफेसर जकारिया की विरासत को याद किया। भारतीय विधि संस्थान, दिल्ली के प्रोफेसर अनुराग दीप ने समकालीन परिप्रेक्ष्य में प्रोफेसर जकारिया सिद्दीकी द्वारा प्रतिपादित आपराधिक न्याय के प्रमुख सिद्धांतों को रेखांकित किया।

सेमिनार की अध्यक्षता अमेरिका के कैलिफोर्निया में इंजीनियरिंग के निदेशक और मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के प्रमुख फैसल जकारिया सिद्दीकी ने की, जिन्होंने कानून शोधकर्ताओं की पीढ़ियों के लिए कानूनी कौशल बनाने में अपने पिता के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और समय के साथ उनकी विरासत को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।

सबा जकारिया ने प्रो. सिद्दीकी की बौद्धिक परंपरा और विधि संकाय के शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित किया। सेमिनार में केरल, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।

 

डा. हारिस हसन खान कोर्ट सदस्य नियुक्त

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रिमोट सेंसिंग और जीआईएस एप्लिकेशन के अंतःविषय विभाग के अध्यक्ष डा. हारिस हसन खान को वरिष्ठता के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए एएमयू कोर्ट का सदस्य नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल सम्बन्धित विभाग का अध्यक्ष बने रहने तक होगा।

 

 

 

 

 

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