* इस्लामिक स्टडीज सोसायटी द्वारा रमजान पर व्याख्यान का आयोजन
* एएमयू की स्तुति परियोजना रिपोर्ट को डीएसटी से मिली सराहना
*एएमयू के शिक्षक टाइगर सेलिब्रेशन सम्मेलन में सम्मानित
* रोजगार मेले में केंद्रीय मंत्री ने एएमयू शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक स्टडीज विभाग की इस्लामिक स्टडीज सोसाइटी द्वारा रमजान के पवित्र महीने के उपलक्ष में दो व्याख्यान आयोजित किए गए . प्रोफेसर अब्दुल मजीद खान ने रमजा़न के पवित्र महीने के महत्व और इस्लामी कैलेंडर में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर जियाउद्दीन ने ‘रमजानः शुद्धिकरण का महीना‘ पर बात की और पवित्र महीने के दौरान दान और उदारता के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने तजकिया (आत्मा की शुद्धि) की अवधारणा के महत्व को रेखांकित किया और जरूरतमंद लोगों की मदद करने और समाज को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के महत्व पर जोर दिया। अपने समापन भाषण में, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर अब्दुल हमीद फाजिली ने इस तरह के सूचनात्मक व्याख्यान आयोजित करने के लिए इस्लामिक स्टडीज सोसाइटी के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम का संचालन आफिया रियाज ने किया।तत्पश्चात, इफ्तार कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
एएमयू की स्तुति परियोजना रिपोर्ट को डीएसटी से मिली सराहना
‘सिनर्जिस्टिक ट्रेनिंग प्रोग्राम यूटिलाइजिंग द साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर‘ (एसटीयूटीआई) प्रोजेक्ट पीएमयू, जिसे भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग को स्वीकृत किया गया था, को ‘डीएसटी, नई दिल्ली की एसटीयूटीआई सलाहकार समिति द्वारा ‘बहुत अच्छा‘ की टिप्पणी से सम्मानित किया गया है। परियोजना के समन्वयक, प्रोफेसर बी.पी. सिंह ने बताया कि उन्होंने आईआईएसईआर, तिरुवनंतपुरम में आयोजित एसटीयूटीआई सलाहकार समिति (एसएसी) की बैठक में परियोजना की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा कि एसएसी ने विभिन्न मापदंडों के आधार पर प्रगति का मूल्यांकन किया, जिसमें आयोजित किए गए प्रशिक्षणध्जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या, कवर किए गए राज्यों, सरकारी संस्थानों की भागीदारी, शोधकर्ताओं को होने वाला लाभ, देश के कम प्रतिनिधित्व वाले राज्योंध्क्षेत्रोंध्समाज के शोधकर्ताओं की भागीदारी, पुरुष- महिला अनुपात, महत्वपूर्ण क्षेत्र, प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया, आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि फरवरी 2022 से शुरू होने वाली अवधि में परियोजना के तहत कुल 10 सहक्रियात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम और एक विज्ञान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए। डॉ. एम. वसी खान और डॉ. जय प्रकाश परियोजना में सह-प्रमुख अन्वेषक हैं।
एएमयू के शिक्षक टाइगर सेलिब्रेशन सम्मेलन में सम्मानित
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वन्यजीव विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. कलीम अहमद को हाल ही में कर्नाटक के मैसूर में आयोजित टाइगर सेलिब्रेशन के 50 साल और पहले भारतीय संरक्षण सम्मेलन में सम्मानित किया गया। भारतीय वन्यजीव संस्थान, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में डॉ. कलीम को पच्चीस हजार का उपकरण अनुदान प्राप्त हुआ।
उन्होंने पश्चिमी हिमालय, उत्तराखंड के विभिन्न ऊंचाई वाले ग्रेडियेंट में आवास उपयोग और पांच अनगुलेट्स प्रजातियों के आला ओवरलैप पर सम्मेलन में एक पेपर भी प्रस्तुत किया। सम्मेलन का उद्घाटन भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिन्होंने इस अवसर पर अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2022ः 3167 का परिणाम जारी किया।सम्मेलन में दुनिया के तेरह बाघ रेंज देशों के मंत्रियों और कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भाग लिया।
रोजगार मेले में केंद्रीय मंत्री ने एएमयू शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री भारत सरकार महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने लखनऊ में आज 13 अप्रैल को आयोजित चैथे रोजगार मेले में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के 4 प्रोफेसर, 6 एसोसिएट प्रोफेसर, 17 असिस्टेंट प्रोफेसर और एक वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक (फार्मासिस्ट) सहित 27 लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने डॉ. निगहत रशीद (एसोसिएट प्रोफेसर, इस्लामिक अध्ययन विभाग) और डॉ. अहमद मुजतबा सिद्दीकी (सहायक प्रोफेसर, भूगोल विभाग) को नियुक्ति पत्र सौंपा।
नियुक्ति पत्र पाने वाले अन्य लोगों में डॉ. निगार आलम सिद्दीकी, डॉ. नुरुल अबसार, डॉ. जियाउद्दीन, और डॉ. मोहम्मद नसीम खान (सभी प्रोफेसर), डॉ. मशकूर अहमद, डॉ. तकवीम अली खान, डॉ. बिलाल अहमद कुट्टी, डॉ. एजाज अहमद, और डॉ. मो. फिरोज अहमद (सभी एसोसिएट प्रोफेसर), डॉ. मोहम्मद नैयर जैदी, डॉ. सैयद कौसर शमीम, डॉ. शमशाद, डॉ. अरशद अमीन, डॉ. मोहम्मद अदनान कासिम, डॉ. नसीम उस सबा, डॉ. इफ्तिखार अहमद, डॉ. मोहम्मद सैफ, डॉ. मोहम्मद इरफान अहमद, डॉ. जियाउर रहमान अंसारी, डॉ. गजाला परवीन, डॉ. आइशा इम्तियाज, डॉ. गुलाम नबी नाज, डॉ. शेख इदरीस मुजतबा, डॉ. राजधा परवीन और डॉ. शेख बिलाल अहमद (सभी सहायक प्रोफेसर) और श्री वसीम खान (एसएलए फार्मासिस्ट) शामिल हैं।