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प्रो. आबिदा मलिक के निधन पर शोकसभा का आयोजन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और मेडिसिन संकाय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों ने माइक्रोबायोलॉजी विभाग की पूर्व अध्यक्ष, एवं मेडिसिन संकाय के डीन प्रोफेसर आबिदा मलिक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके निधन को कॉलेज के लिए एक बड़ी क्षति बताया। प्रो. आबिदा मलिक 1972 से 2014 तक अपनी सेवानिवृत्ति तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सेवा में रहीं।

मेडिसन संकाय में आयोजित शोक सभा की अध्यक्षता करते हुए संकाय के डीन प्रोफेसर हारिस एम खान ने कहा कि प्रोफेसर आबिदा मलिक पेशेवर ईमानदारी और समर्पण की प्रतीक और एक गतिशील महिला थीं। शोक संदेश पढ़कर उन्होंने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की।

23 जनवरी 1949 को जन्मी प्रो आबिदा मलिक ने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद एमबीबीएस और एमडी की शिक्षा एएमयू से प्राप्त की। वह 1 जनवरी, 1972 को जेएनएमसीएच में हाउस ऑफिसर (प्रसूति एवं स्त्री रोग) के रूप में शामिल हुईं और जनवरी 1973 में डेमोंस्ट्रेटर (माइक्रोबायोलॉजी) बनीं। वह जुलाई 1976 में लेक्चरर बनीं, बाद में दिसंबर 1980 में रीडर और जून 1993 में प्रोफेसर बनीं।

उन्होंने चार बार माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और थोड़े समय के लिए संकाय की डीन भी रहीं। प्रो. आबिदा मलिक को यूनिवर्सिटी कब्रिस्तान में सपुर्दे खाक किया गया। उनके परिवार में पति प्रोफेसर शरफ मलिक और दो पुत्र हैं।

 

एएमयू, आईआईआईटी हैदराबाद और एमएनआईटी जयपुर को अभिनव संयुक्त परियोजना के लिए फण्ड मिला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, आईआईआईटी हैदराबाद और एमएनआईटी जयपुर ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सी2एस योजना के तहत ‘हेल्थकेयर और सुरक्षा अनुप्रयोगों में एमएमवेव रडार सेंसिंग के लिए सिलिकॉन सिद्ध आईपी कोर, ट्रांसीवर आईसी और सिस्टम प्रोटोटाइप का विकास’ शीर्षक वाली परियोजना के लिए संयुक्त रूप से 288 लाख रुपये की फंडिंग प्राप्त की है।

प्रत्येक संस्थान के पास 96 लाख रुपये का हिस्सा होग जो कि उद्योग मानक सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर टूल्स की उपलब्धता के अतिरिक्त है। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. मोहम्मद वाजिद एएमयू के मुख्य अन्वेषक हैं और एएमयू के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मोहम्मद हसन, प्रो. उमर फारूक और प्रो. नौशाद आलम सह-अन्वेषक हैं।

इस प्रतिष्ठित परियोजना के कार्यान्वयन में वीएलएसआई, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग (डीएसपी), एम्बेडेड सिस्टम, एंटीना डिजाइन आदि के डोमेन में विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।

ऑटोमोटिव रडार प्रौद्योगिकी सहित स्वास्थ्य देखभाल और सुरक्षा अनुप्रयोगों में इन प्रगति का लाभ उठाया जाएगा। इस परियोजना में इन क्षेत्रों में क्रांति लाने और भारत में प्रौद्योगिकी के समग्र विकास में योगदान करने की जबरदस्त क्षमता है।

 

ओरल ऑन्कोलॉजी और तंबाकू से संबंधित स्वास्थ्य खतरों पर डेंटल कालिज में विस्तार व्याख्यान

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. जेड.ए. डेंटल कॉलेज के पेरियोडोंशिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग द्वारा ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ के अवसर पर ‘टर्निंग जीन व्हील्स इन ओरल ऑन्कोलॉजी’ विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।

अतिथि वक्ता, प्रसिद्ध ऑन्को-सर्जन और शोधकर्ता डॉ अंशुमान कुमार, निदेशक, धर्मशिला कैंसर अस्पताल, नई दिल्ली ने ओरल ऑन्कोलॉजी और तंबाकू से संबंधित स्वास्थ्य खतरों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। डॉ. अंशुमान और उनकी टीम के सदस्यों, जिनमें डॉ. कल्याणी सिंह, डॉ. देबस्मिता सरकार और डॉ. आकांक्षा सिंह शामिल हैं, जो सिर और गर्दन के कैंसर के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, ने तम्बाकू के उपयोग के स्वास्थ्य संबंधी खतरों को रेखांकित किया।

जेडएडीसी के प्रिंसिपल प्रोफेसर आर के तिवारी ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व स्तर पर मनाया जाता है, जो तंबाकू सेवन से जुड़े खतरनाक स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करता है।

उन्होंने कहा कि तंबाकू का उपयोग न केवल श्वसन और हृदय रोगों से जुड़ा हुआ है, बल्कि मुंह के कैंसर के लिए भी एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य की बढ़ती चिंता को बल देता है।

विस्तार व्याख्यान से प्रमुख विशेषज्ञों को अपने ज्ञान और अंतर्दृष्टि को उपस्थितजनों के साथ साझा करने का अवसर प्रदान किया। इस आयोजन ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और जनता के सदस्यों को ओरल ऑन्कोलॉजी के विभिन्न पहलुओं के बारे में संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया।

व्याख्यान के दौरान, मुख कैंसर के प्रकार, व्यापकता और जोखिम कारक, तंबाकू के उपयोग और मुख स्वास्थ्य के बीच की कड़ी, शीघ्र पहचान और रोकथाम की रणनीति, मुख ऑन्कोलॉजी अनुसंधान और उपचार में नवीनतम प्रगति और तंबाकू को बढ़ावा देने में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका और तम्बाकू मुक्त वातावरण के विकास पर चर्चा की गई।

आयोजन सचिव प्रोफेसर नेहा अग्रवाल ने कहा कि व्याख्यान सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की हमारी सतत प्रतिबद्धता का हिस्सा था। प्रो विवेक कुमार शर्मा, अध्यक्ष, पेरियोडोंटिया और सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग, प्रो डॉ एन डी गुप्ता, प्रो डॉ नेहा अग्रवाल, और डॉ सैयद अमान अली ने कार्यक्रम के आयोजन में सहयोग किया।

 

ट्रॉमा, मेमोरी और पोस्ट मेमोरी’ विषय पर राष्ट्रीय अंतःविषय ऑनलाइन छात्र सम्मेलन आयोजित

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की रैले लिटरेरी सोसाइटी द्वारा तीन दिवसीय रैले लिटरेरी फेस्टिवल 1.0 का आयोजन किया गया। पहले दिन के कार्यक्रम में ‘ट्रॉमा, मेमोरी और पोस्ट-मेमोरी’ पर एक राष्ट्रीय अंतःविषयी छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया । जिसमें पूरे भारत से स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया।

आठ सत्रों में गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में देश भर के 40 से अधिक विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों की भागीदारी के साथ-साथ सौ से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की। सम्मेलन में साहित्य, राजनीति, इतिहास, मनोविज्ञान, साथ ही लिंग अध्ययन सहित विभिन्न प्रकार के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सोसायटी के अध्यक्ष और अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद आसिम सिद्दीकी ने कहा कि अंतःविषयता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक राष्ट्रीय सम्मेलन के रूप में, इस कार्यक्रम ने अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों के शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर अपना लक्ष्य पूर्ण रूप से प्राप्त किया, जिन्होंने विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला के अंतर्गत विभिन्न विषयों के बारे में बात की।

बर्दवान विश्वविद्यालय से संबद्ध चंडीदास महाविद्यालय के मुख्य वक्ता प्रोफेसर अभिनंद चक्रवर्ती ने समापन भाषण दिया।

 

डिजिटल फोरेंसिक पर कार्यशाला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के छात्रों को आधुनिक तकनीक और कॉरपोरेट ट्रेंड से अपडेट करने और उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से ‘डिजिटल फोरेंसिकः उपकरण प्रदर्शन और कैरियर के अवसर’ विषय पर छात्रों को साइबर सुरक्षा और डिजिटल फोरेंसिक के क्षेत्र में बेहतर करियर संभावना के लिए तैयार करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।

साइंट टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ)  विभु आनंद ने संवादात्मक तरीके से सत्र का संचालन किया और आज के चुनौतीपूर्ण समय में डिजिटल फोरेंसिक के महत्व के बारे में बात की, जहां हर गतिविधि और लेनदेन को रिकॉर्ड किया जा रहा है।

हेमंत बागसी, महाप्रबंधक, रचित कुमार, तकनीकी सहायता कार्यकारी और यशस्वी, ग्राहक सफलता कार्यकारी पर आधारित उनकी टीम ने कई डिजिटल फोरेंसिक उपकरणों के काम का प्रदर्शन किया और संबंधित समस्या के समाधान पर चर्चा की।

श्री विभू ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल फोरेंसिक में करियर के व्यापक अवसर हैं और छात्रों को साइबर सुरक्षा से संबंधित आवश्यक कौशल हासिल करना चाहिए। उन्होंने इस क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न भूमिकाओं के बारे में बताया जिसके लिए छात्र खुद को तैयार कर सकते हैं। साइंट टेक्नोलॉजीज की टीम ने छात्रों द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब दिए।

सत्र के अंत में, डिजिटल फोरेंसिक संबंधी ज्ञान की समझ का आकलन करने के लिए मौके पर ही एक ऑनलाइन क्विज का आयोजन किया गया। क्विज में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया।

इससे पहले, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आसिम जफर ने वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने प्रासंगिक विषय पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए डॉ फैसल अनवर, सहायक प्रोफेसर और कार्यशाला के समन्वयक के प्रयासों की सराहना की। सत्र का संचालन डॉ मोहम्मद नदीम ने किया, जबकि डॉ अरमान रसूल फरीदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग संकाय के लगभग 150 प्रतिभागियों ने कार्यशाला के लिए पंजीकरण कराया था।

 

यूनिवर्सिटी वीमेन्स पॉलिटेक्निक द्वारा सफल उद्यमिता पहल कार्यक्रम का आयोजन

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी विमेंस पॉलिटेक्निक द्वारा छात्राओं के बीच व्यावसायिक उपक्रमों के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उद्यमिता पहल का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत ‘पोशाक डिजाइन और परिधान प्रौद्योगिकी’ डिप्लोमा पाठ्यक्रम ने छात्राओं को डिजाइन और विपणन में अत्याधुनिक कौशल से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विमेंस पॉलिटेक्निक की प्रिंसिपल डॉ सलमा शाहीन ने कहा कि कॉस्ट्यूम डिजाइन एंड गारमेंट टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा कोर्स से नौ स्टार्ट-अप उभर कर सामने आए हैं और अब वे प्रतिष्ठित ‘उद्यम’ पोर्टल पर पंजीकृत हैं।

सिदरा बिलाल की ‘एवर ब्लूम’ जो हाथ से आकर्षक पेंट, मुद्रित और रंगे हुए कपड़े पेश करती हैं । जैनब मोइन का ‘नेपस्टार’, बच्चों के लिए आरामदायक और कार्यात्मक नरम तकिए और कुशन बनता हैय सुश्री आशी शर्मा का ‘किड्स रैंप’, बच्चों के लिए पार्टी वियर ड्रेसेस में विशेषज्ञता रखता है, और शिरीन कमाल की ‘डॉली की कोठरी’ है जो कस्टमाइज तरीकों के साथ सस्ती कीमतों पर सुंदर बार्बी गुड़िया के कपड़े का एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।

सारा खान का ‘ट्विर्ल्स एंड कर्ल्स’ हेयर एक्सेसरीज बाजार को लक्षित करता है, जबकि  लाइबा की ‘बीडेड ब्यूटी’ ट्रेंडिंग बीडेड और फैब्रिक ज्वेलरी प्रस्तुत करती है। सुश्री सुबूही का ‘हिजाबी’ ब्रांड लड़कियों और महिलाओं के लिए रेडी-टू-वियर फैंसी हिजाब प्रदान करता है । तैयबा अनम का ‘एथनिक पोशाक’ डिजाइनर दुपट्टों पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, शाइस्ता ने ‘ब्यूटीफुल’ नाम से अपना बुटीक स्थापित किया है।

इन स्टार्ट-अप्स की सफलता का श्रेय डॉ. शीबा मंजूर, ओएसडी और शिक्षकों सादिया नईम, फौजिया खान और इकरा सलीम के मार्गदर्शन को दिया जा सकता है।

 

एएमयू में सतत विकास के लिए औद्योगिक रसायन में नए परिदृश्य पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के औद्योगिक रसायन विज्ञान विभाग ने सतत विकास को बढ़ावा देने व सतत विकास के लिए औद्योगिक रसायन विज्ञान में नए परिदृश्य पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आईसीएसडी-23 का आयोजन किया।

उद्घाटन समारोह में शिक्षा जगत और उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की । मुख्य अतिथि इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए के प्रो मोहम्मद इसहाक खान ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में पदार्थों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर मुख्य भाषण दिया।

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर समीर सपरा और सिगवार्क उद्योग के उपाध्यक्ष डॉ जेके राघव ने इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की और सतत विकास में अकार्बनिक पदार्थों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

सम्मेलन की अध्यक्षता प्रोफेसर काजी मजहर अली ने की और औद्योगिक रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अनीस अहमद ने जी20 शिखर सम्मेलन के साथ अपने संरेखण पर जोर देते हुए विभाग और सम्मेलन के विषय का एक अंतर्दृष्टिपूर्ण अवलोकन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का संचालन सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. मोहम्मद जैन खान ने किया और डॉ. शहाब अली असगर नामी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

सम्मेलन से पूर्व एसीएस के सहयोग सेएक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों की ने भाग लिया। जिससे सम्मेलन के बौद्धिक विमर्श को और समृद्ध बनाया गया।

शमशाद निसार आज़मी टेक्निकल आफिशियल नामित

एएमयू एबीके हाई स्कूल गर्ल्स के स्पोर्ट्स टीचर शमशाद निसार को  एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया ने टेक्निकल ऑफिशियल नामित किया है, जो खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी एथलेटिक मीट 29 मई से 1 जून लखनऊ में गुरुगोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में होगी।

डायरेक्टर प्रो असफर अली खान, डिप्टी डायरेक्टर प्रो कुदसिया तहसीन, प्रिंसिपल डॉक्टर समीना उप प्रधानाचार्य सबा हसन ने नई जिमेदारी के लिए मुबारकबाद दी है।

 

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