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गुलिस्तान-ए-सैयद में 24 दिसम्बर को क्राइसेन्थियम, कोलियस एंव गुलाप पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लैण्ड एण्ड गार्डन्स विभाग द्वारा 24 एवं 25 दिसम्बर 2022 को क्राइसेन्थियम, कोलियस  एवं रोज शो का आयोजन गुलिस्तान-ए-सैयद पार्क पर किया जा रहा है।लैण्ड एण्ड गार्डन्स विभाग के प्रभारी प्रो. जकी अनवर सिद्दीकी ने बताया है कि 23 दिसम्बर 2022 को प्रतियोगी अपने अपने गमले गुलिस्तान-ए-सैयद पार्क पर लगायेंगे तथा 24 दिसम्बर 2022 को प्रात 8 बजे से 9.30 बजे तक गमलों की जजिंग होगी। सुबह 10 बजे पुष्प प्रदशर्नी का उद्घाटन अमुवि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर करेंगे तथा जिलाधिकारी अलीगढ़ श्री इन्द्र विक्रम सिंह और अमुवि रजिस्ट्रार श्री मोहम्मद इमरान उद्घाटन सत्र के सम्मानित अतिथि होंगे।



25 दिसम्बर 2022 को प्रो. मोहम्मद गुलरेज, सहकुलपति सायं 3 बजे विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित करेंगे तथा प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान, वित्त अधिकारी एवं प्रो. अब्दुल अलीम, डीन छात्र कल्याण सम्मानित अतिथि होंगे। 26 दिसम्बर 2022 को दोपहर 2.30 बजे गुलिस्तान-ए-सैयद पार्क पर फूलों के गमलों को विक्रय किया जायेगा। इच्छुक व्यक्ति पार्क पर पहुंचकर विभाग द्वारा तैयार गमलों को खरीद सकते है।

जेएनएमसी में एमबीबीएस, बीडीएस के नए छात्रों के लिए वाइट कोर्ट समारोह आयोजित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडीकल कालिज के आडीटोरियम में बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) और बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) के नए छात्रों की व्हाइट कोर्ट सेरेमनी आयोजित हुई जिसमें उन्होंने सफेद कोट पहनकर चिकित्सा पेशे की नैतिकता को बनाए रखने का संकल्प लिया और एक नए करियर की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने हिप्पोक्रकेट शपथ भी ली।



नए छात्रों को संबोधित करते हुए एएमयू के वाइस चांसलर प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि आप सभी इस नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं और उम्मीद है कि आप ज्ञान और कौशल से जुड़ेंगे और रिश्तों के मायने समझेंगे। छात्रों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे चिकित्सा और दंत विज्ञान के प्रतिष्ठित व्यवसायों में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें सेवा और व्यक्तिगत बलिदान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि जेएनएमसी और डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज भारत के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में से एक हैं और यहां एक अनूठा वातावरण है जो छात्रों को चिकित्सा और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कई विकासों के बारे में बताता है और अकादमिक उपलब्धियों के लिए तैयार करने में मदद करता है। ये दोनों कॉलेज एएमयू का एक विशेष हिस्सा हैं, छात्रों को संस्कृति से समृद्ध करते हैं और उच्च शिक्षा के विशिष्ट संस्थान हैं जहां छात्रों को भविष्य के जीवन के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है।

प्रो. एमयू रब्बानी (डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन) ने कहा कि छात्र सफेद कोट पहनकर कुछ नैतिक मानकों को बनाए रखने की प्रतिज्ञा करते हैं।यह उनके माता-पिता के लिए भी एक यादगार पल है, जिन्हें वह डॉक्टर और दंत चिकित्सक बनते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल पेशा जीवन बचाने का एक अवसर है और डॉक्टरों को अपनी क्षमता के अनुसार रोगियों का इलाज करना चाहिए, रोगी की गोपनीयता का सम्मान करना चाहिए और आने वाली पीढ़ी को चिकित्सा और स्वास्थ्य के सिद्धांतों से परिचित कराना चाहिए।



प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल, जेएनएमसी) ने कहा कि अगले साढ़े चार वर्षों में मेडिकल और डेंटल छात्रों को आधुनिक शिक्षण और अनुसंधान और उपचार के सिद्धांतों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने नए छात्रों से विनम्रता, साहस, त्याग और धैर्य जैसे गुणों को विकसित करने का आग्रह किया।

प्रो राजेंद्र कुमार तिवारी (प्रिंसिपल, जेडएडीसी) ने कहा कि सफेद कोट समारोह सिर्फ एक रस्म नहीं है बल्कि एक छात्र के आगामी करियर और पेशे की जिम्मेदारियों को समझने का अवसर है। सभी नए छात्रों को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे जिस पेशे में प्रवेश कर रहे हैं, उसमें रोगियों के हितों को प्राथमिकता देना और ईमानदारी के मानकों को स्थापित करना सर्वाेपरि है।

प्रोफेसर तमकीन खान (स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग) ने छात्राओं को हिप्पोक्रेटिक शपथ दिलाई। डॉ. शगुफ्ता मोईन (जैव रसायन विभाग, जेएनएमसी) ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया, जबकि डॉ. नफीस फैजी (सामुदायिक चिकित्सा विभाग) ने कार्यक्रम का संचालन किया। जेएनएमसी एवं जेडएडीसी के वरिष्ठ चिकित्सकों ने नवागुंतक छात्रों को व्हाइट कोट पहनाया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों के अभिभावकग्रण भी मौजूद रहे।

 

प्रो. आरिफ नजीर कला संकाय के नए डीन बने

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर आरिफ नजीर को कला संकाय का डीन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। उन्होंने 20 दिसंबर को पदभार ग्रहण किया था।



हिन्दी विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो आरिफ, हिंदी विभाग के वरिष्ठ व्याख्याता, ने 2013 से 2016 तक विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और 2019 तक कला संकाय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ से संबंधित कार्य की देखरेख में डीन के समर्थन के लिए नोडल अधिकारी भी रहे।

प्रो. आरिफ ने यूजीसी अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा किया है, दस से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनके विभिन्न पुस्तकों में नौ अध्याय हैं और आधिकारिक पत्रिकाओं में कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उन्होंने कई पत्रिकाओं का संपादन किया है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में पत्र प्रस्तुत किए हैं।प्रोफेसर आरिफ नजीर 1989 में एएमयू में व्याख्याता के रूप में शामिल हुए और बाद में रीडर और प्रोफेसर बने।

उनकी विशेष रुचियों में भारतीय संस्कृति, मध्यकालीन हिंदी कविता, रहीम की कविता, भारतेन्दु साहित्यिक रचनाएँ, कार्यात्मक हिंदी, अनुवाद, द्विभाषी कम्प्यूटरीकरण और आलोचना शामिल हैं।

 

मल्लापुरम केन्द्र के कानून के छात्रों ने केरल हाई कोर्ट का दौरा किया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मल्लापुरम केंद्र, केरल के कानून विभाग के 51 छात्रों के एक समूह ने केरल उच्च न्यायालय की कानूनी सेवा समिति के सहयोग से केरल उच्च न्यायालय का दौरा किया, जहां उन्होंने अदालती कार्यवाही में भाग लिया। न्यायपालिका और कानूनी पेशे के व्यावहारिक पहलुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए न्यायाधीशों के साथ बातचीत भी की। यह दौरा करियर प्रमोशन प्रोग्राम के तहत आयोजित किया गया था।



न्यायमूर्ति ए मुहम्मद मुश्ताक, न्यायमूर्ति अनु शिरमन, न्यायमूर्ति सीएस डियाज़ और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ ने केरल विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव के साथ छात्रों के साथ बातचीत की और कानून के छात्र होने से लेकर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनने तक के अपने अनुभवों को बताया। उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही, फाइल तैयार करने, इंटर्नशिप और अन्य संबंधित मामलों के बारे में छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।

डॉ नसीमा पीके (अध्यक्ष, कानूनी सहायता प्रकोष्ठ) ने कोर्ट विजिट का आयोजन किया और मोहसिन चौहान (छात्र प्रभारी) ने समन्वयक के रूप में कार्य किया। छात्रों के साथ डॉ शाइस्ता नसरीन, एडवोकेट एमटी सलाम (प्रभारी शिक्षक, एलएसी) और एडवोकेट नीमा नूर भी थीं।

दूसरी ओर एएमयू मल्लापुरम केंद्र के लैंग्वेज एंड कल्चरल क्लब ने उच्चारण में सुधार आवाज और स्वर के तटस्थीकरण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें ऑस्ट्रेलियाई डॉ अमीर हसन (मुख्य कार्यकारी निदेशक, सेंटर नॉलेज सिटी, कोझिकोड) ने छात्रों को प्रशिक्षित किया।

फैसल केपी (निदेशक, एएमयू मलप्पुरम केंद्र) ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने अंग्रेजी भाषा कौशल में सुधार करें क्योंकि यह प्रभावी संचार का आधार है।कार्यशाला संयोजक डॉ जमीला टी ने धन्यवाद ज्ञापन किया जबकि डॉ सैयद हयात बाशा (संयुक्त संयोजक) ने अतिथि वक्ता का स्वागत किया।

 

प्लांट जीनोमिक्सः प्रेजेंट, पास्ट एंड फ्यूचर’ पर प्रसिद्व वैज्ञाकि प्रो. राजीव का व्याख्यान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रोफेसर राजीव कुमार वार्ष्णेय ने पौधों के जीनोम की आनुवंशिक संरचना, संरचना और कार्यों के अध्ययन में आगे की संभावनाओं पर चर्चा की। वे एएमयू के वनस्पति विज्ञान विभाग में ‘प्लांट जीनोमिक्सः प्रेजेंट, पास्ट एंड फ्यूचर’ विषय पर यूनिवर्सिटी एक्सटेंशन व्याख्यान दे रहे थे।



प्रोफेसर राजीव ने बढ़ती आबादी की खाद्यन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रमुख खाद्य फसलों में तनाव सहिष्णु जीन की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि यह विभिन्न प्रकार के तनावों, रोग प्रतिरोधी, पोषण और उपज बढ़ाने वाले जीनों के प्रतिरोधी विशिष्ट जीन समावेश के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जीनोम को असेंबल करके, जीनोमिक संसाधनों को विकसित करके और फसल सुधार कार्यक्रमों में जीनोमिक तकनीकों को एकीकृत करके खाद्य और पोषण सुरक्षा में सुधार किया जा सकता है।

प्रोफेसर राजीव ने अनुप्रयुक्त जीनोमिक्स, आणविक प्रजनन, तुलनात्मक और कार्यात्मक जीनोमिक्स, फसल जैव प्रौद्योगिकी, फसलों की आर्थिक और जर्मप्लाज्म वास्तुकला, बीज प्रणालियों को मजबूत करने और अगली पीढ़ी की अनुक्रमण तकनीकों और प्लेटफार्मों के बारे में भी बात की।

प्रो ग़ज़ाला परवीन (अध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग) ने स्वागत भाषण दिया और प्रो अनवर शहज़ाद (कार्यक्रम संयोजक) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन मुंजिला मेहदी ने किया।

 

एएमयू प्रोफेसर द्वारा ऑनलाइन व्याख्यान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कॉमर्स विभाग में मास्टर ऑफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट (एमटीटीएम) पाठ्यक्रम की समन्वयक, प्रोफेसर शीबा हामिद ने कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यटन अध्ययन विभाग के मास्टर ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट एंड बी. वोक. (पर्यटन एवं आतिथ्य प्रबंधन) के नए बैच के छात्रों के लिए आयोजित ‘इंडक्शन कम ओरिएंटेशन प्रोग्राम’ में ऑनलाइन मुख्य भाषण प्रस्तुत किया।



उन्होंने कहा कि यात्रा और पर्यटन उद्योग, संबंधित क्षेत्रों के योगदान के साथ, आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। इस उद्योग में नौकरी अत्यधिक रोमांचक और साहसिक हो सकती है और यहां तक कि इसमें अच्छी आय की भी आशा की जा सकती है। भारत में, यात्रा उद्योग में 2025 तक 46 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। सरकार की पहल उन लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य खोल रही है जो इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में पदोन्नति और रोजगार के उज्ज्वल अवसर हैं क्योंकि कुशल कर्मचारियों की कमी है।

यात्रा और पर्यटन में अंतर्दृष्टि विकसित करने के लिए उन्होंने नए प्रवेशकों को डिजिटल और पारस्परिक और संचार कौशल, और भौगोलिक और गंतव्य ज्ञान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर कार्यक्रम

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने अंतर्राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम के तहत आयोजित संगोष्ठी में एक बड़े लोकतांत्रिक ढांचे में अल्पसंख्यक अधिकारों का अर्थ, चुनौतियों और उनको सुनिश्चित करने के तरीकों और साधन समेत अल्पसंख्यक अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

‘बियॉन्ड माइनॉरिटिज्मः द सिग्निफिकेंस ऑफ इंटरनेशनल माइनॉरिटी राइट्स डे’ पर बोलते हुए, प्रो. मोहम्मद मोहिबुल हक ने दुनिया भर में अल्पसंख्यकों के लिए स्वतंत्रता के अधिकार और समान अवसरों को बनाए रखने और जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया।

सहायक प्रोफेसर परवेज आलम ने ‘लोकतंत्र और अल्पसंख्यक अधिकार’ पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक अधिकारों को न्याय के माध्यम से और अल्पसंख्यकों को सत्ता में उनकी भागेदारी देकर सुनिश्चित किया जा सकता है।



विभाग के शोध छात्र सलमान ने ‘भारत में अल्पसंख्यकों के लिए अवसर और चुनौती’ विषय पर बात की और सामान्य रूप से भारतीय संविधान के भाग तृतीय और विशेषकर अनुच्छेद 29 और 30 पर प्रकाश डाला।एक अन्य शोधार्थी उत्बा इसरार शेख ने लोकतंत्र के प्रमुख तत्वों पर बात की और निर्णय लेने में अल्पसंख्यकों की भागीदारी के महत्व पर जोर दिया।

इससे पूर्व फिजा हैदर (कार्यक्रम समन्वयक) ने कार्यक्रम के विषय पर प्रकाश डाला और विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर इकबालुर रहमान ने वक्ताओं का स्वागत किया और अल्पसंख्यक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विविधता और बहुसंस्कृतिवाद के महत्व पर जोर दिया।

 

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