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एएमयू प्रोफेसर जियोग्राफर अवार्ड से सम्मानित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर निजामुद्दीन खान को लाइवस्टॉक हसबेंडरी, मार्केटिंग भूगोल, राजनितिक भूगोल, कृषि भूगोल, अनुसंधान, फील्डवर्क, शिक्षण और सार्वजनिक रूचि के क्षेत्रों में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए नेशनल एसोसिएशन ऑफ ज्योग्राफर्स, भारत द्वारा ‘प्रोफेसर बंडाः हेमा मालिनी एमिनेंट ज्योग्राफर्स अवार्ड-2022’ से सम्मानित किया गया है।रानी चन्नम्मा विश्वविद्यालय, बेलगावी, कर्नाटक में आयोजित 44वें भारतीय भूगोल कांग्रेस में उन्हें ये पुरस्कार प्रदान किया गया।



प्रोफेसर निजामुद्दीन ने पशुधन पालन और कृषि विपणन पर पांच प्रमुख आईसीएआर, आईसीएसएसआर, यूजीसी, नई दिल्ली और यूपीसीएसटी, लखनऊ द्वारा प्रायोजित अनुसंधान परियोजनाओं को पूरा किया है। उन्होंने 13 किताबें लिखी हैं और पीयर-रिव्यू जर्नल्स में उनके कई पेपर प्रकाशित हो चुके हैं।

 

‘अनुसंधान लेखन और पद्धति’ पर जेएन मेडीकल कालिज के सर्जरी विभाग में सीएमई संपन्न

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ‘रिसर्च राइटिंग एंड मेथडोलॉजी’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम में विकासशील क्षेत्रों में विचारों को प्रकाशनों में बदलने की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।



सर्जरी विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर अफज़ल अनीस ने कहा कि सर्जनों और अन्य डॉक्टरों के मुख्य उद्देश्यों में से एक चिकित्सा विज्ञान के अनुप्रयोग और उन्नति के माध्यम से मानव जीवन में सुधार करना है। यह न केवल क्लिनिकल सेटिंग में रोगियों का इलाज करके किया जा सकता है, बल्कि अभिनव अनुसंधान के माध्यम से चिकित्सा ज्ञान के कोष में योगदान देकर भी किया जा सकता है जिससे भविष्य में बेहतर उपचार हो सकते हैं।

वह स्नातकोत्तर रेजीडेंसी में शोध पद्धति सीखने की आवश्यकता पर बोल रहे थे। एम्स ऋषिकेश के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर सोमप्रकाश बसु और प्रोफेसर फरहानुल हुदा ने प्रतिभागियों को सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं के माध्यम से वैज्ञानिक साहित्य में योगदान का एक सिंहावलोकन प्रदान किया और ओसलर और मिनी-सैक्स के लिए व्यावहारिक परीक्षाओं के बदलते पैटर्न का प्रदर्शन किया।

उन्होंने मरीज की देखभाल में सुधार के लिए डॉक्टर-रोगी संबंध पर भी बात की। डॉ सुभाशीष मिश्रा (कंसल्टेंट ऑन्कोलॉजिस्ट, ब्रैंडन रीजनल हॉस्पिटल, फ्लोरिडा, यूएसए) ने रेजीडेंसी के दौरान तनाव प्रबंधन पर सुझाव साझा किए और ‘जस्ट-इन-टाइम टीचिंग’ रणनीति पर बात की, जिसका उद्देश्य अधिक सक्रिय लर्निंग के लिए कक्षा के समय के उपयोग को बढ़ावा देना है।

डॉ तबस्सुम नवाब (सामुदायिक चिकित्सा विभाग) ने वैज्ञानिक साहित्य की खोज के तरीकों पर चर्चा की और प्रासंगिक लेखों को खोजने के लिए कदमों को साझा किया। डॉ. नफीस फैजी (सामुदायिक चिकित्सा विभाग) ने नियोजित अनुसंधान गणना के लिए रोगियों की संख्या वाले नमूने के आकार के बारे में बात की।

 

उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता पर कार्यशालाओं की श्रृंखला संपन्न

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वीमेन्स कॉलेज तथा उन्नत महिला अध्ययन केंद्र (एसीडब्ल्यूएस) ने संयुक्त रूप से ‘भारत में उच्च शिक्षा में लिंग समानता को बढ़ावा देना’ विषय पर आधारित ब्रिटिश काउंसिल परियोजना के अंतर्गत लैंगिक संवेदनशीलता कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की।



सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय (एसबीपीयू), पुणे और ब्रुनेल यूनिवर्सिटी लंदन के साथ नौ अन्य उच्च शिक्षा संस्थान इस परियोजना में एएमयू के साथ भागीदारी कर रहे हैं। प्रो सैयदा सैय्यदैन हमीद, प्रो रूप रेखा वर्मा, प्रो दीप्ता भोग, एडवोकेट संचिता ऐन और शोधार्थी सोहनी हर्षे, सिनु सुगथन, नूपुर जैन और भाव्या गुप्ता रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्यशाला में शामिल हुए।

प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए, एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने प्रतिभागियों से परिसर में लैंगिक समानता के मुद्दों पर विचार करने और लोगों को संवेदनशील बनाने और शिक्षा में समानता के लिए सर्वाेत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने का आग्रह किया।

महिला अध्ययन केंद्र, एसबीपीयू, पुणे की शिक्षक डॉ स्वाति दयाहद्रॉय ने ‘लिंग जागरूकता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना’ विषय पर वीमेंस कॉलेज में कर्मचारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया और लैंगिक समानता के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में उनकी भूमिका पर जोर दिया। एनजीओ निरंतर और महिला अध्ययन केंद्र, एसबीपीयू, के शोधकर्ताओं सिनु सुगथन और नूपुर जैन ने एसीडब्ल्यूएस में छात्रों के लिए ‘उच्च शिक्षा में लिंग और समानता को समझना’ पर कार्यशाला आयोजित की।

प्रोफेसर सैयदा सैय्यदैन हमीद, संस्थापक, मुस्लिम महिला फोरम, भारत ने कैंपस में विशिष्ट लैंगिक मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि बेहतर कैंपस माहौल और छात्रों के शैक्षणिक जीवन के लिए लैंगिक मुद्दों से सम्बंधित मामलों पर प्रभावी विमर्श की आवश्यकता है। प्रोफेसर दीप्ता भोग, सह-संस्थापक, निरंतर (जेंडर और शिक्षा केंद्र, दिल्ली) ने लैंगिक समानता के क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए असमानताओं की पहचान करने के उद्देश्य से ‘शिक्षा में लिंग’ विषय पर वीमेंस कॉलेज में शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की।

प्रख्यात शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता और साझी दुनिया की संस्थापक प्रो. रूप रेखा वर्मा ने प्रो. दीप्ता भोग, डॉ. स्वाति द्याहद्रोय और अधिवक्ता संचिता ऐन, एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया, के साथ एक गोलमेज चर्चा की और एएमयू परिसर में महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा के लिए विषय का परिचय दिया।

प्रो. रूमाना एन. सिद्दीकी ने अतिथियों का परिचय कराया, जबकि प्रो. नईमा खातून, प्राचार्य, वीमेंस कॉलेज और प्रो. अज़रा मुसवी, निदेशक, एसीडब्ल्यूएस, के साथ प्रो. इमराना नसीम और प्रो. मुनीरा टी ने कार्यशालाओं की श्रृंखला का पर्यवेक्षण किया। प्रो नाज़िया हसन और डॉ शादाब बानो कार्यक्रम की समन्वयक थीं।

 

गुलिस्तान-ए-सैयद में पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन कल

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लैण्ड एण्ड गार्डन्स विभाग द्वारा क्राइसेन्थियम, कोलियस  एवं रोज पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन गुलिस्तान-ए-सैयद पार्क पर आज शनिवार को प्रातः 10 बजे कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा किया जाएगा।

लैण्ड एण्ड गार्डन्स विभाग के प्रभारी प्रो. जकी अनवर सिद्दीकी ने बताया कि जिलाधिकारी  इन्द्र विक्रम सिंह और अमुवि रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान उद्घाटन सत्र में मानद् अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। प्रदर्शनी का समापन 25 दिसम्बर को प्रो. मोहम्मद गुलरेज, सहकुलपति द्वारा सायं 3 बजे विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण के साथ होगा। प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान, वित्त अधिकारी एवं प्रो. अब्दुल अलीम, डीन छात्र कल्याण मानद् अतिथि होंगे। 26 दिसम्बर 2022 को दोपहर 2.30 बजे गुलिस्तान-ए-सैयद पार्क पर फूलों के गमलों को विक्रय किया जायेगा। इच्छुक व्यक्ति पार्क पर पहुंचकर विभाग द्वारा तैयार गमलों को खरीद सकते है। कार्यक्रम के मानद् सलाहकार प्रोफेसर इरशाद महमूद और कनवीनर अतिरिक्त सदस्य प्रभारी डा. तारिक आफताब हैं।

 

स्टेट बैंक ने अहमदी दृष्टिबाधित स्कूल में शिविर लगाया

भारतीय स्टेट बैंक, ब्रांच मेडिकल कालिज अलीगढ़ के सौजन्य से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अहमदी स्कूल फार द विज़ुअली चैलेंज्ड में विभिन्न छात्र छात्राओं का बैंक अकाउंट खोला गया।



डिजिटल बैंक अकाउंट और युनो से संबंधित जानकारी मुख्य प्रबंधक राजेश कुमार चौधरी ने छात्र-छात्राओं को विस्तार से उपलब्ध कराई। इस अवसर पर स्कूल की प्रिन्सिपल डा नायला राशिद, प्राक्टर प्रोफेसर वसीम अली, डिप्टी प्राक्टर प्रोफेसर हशमत अली खान, प्रोफेसर अली नवाज़ जै़दी, डाक्टर सदफ नासिर बैंक कर्मी प्रज्ञा बंसल, चंद्रपाल यादव, नीतीश आदि के साथ साथ विद्यालय के आवासीय वार्डन डा बबलू कुरैसी, आवासीय महिला संचालक शाहीन परवीन, कारी अनवर अहमद, सलमान साबिर पूर्व मेंबर एएमयू कोर्ट इमरान अली आदि मौजूद रहे।

 

एएमयू में राष्ट्रीय गणित दिवस पर कार्यक्रम

गणित के शोध छात्र मोहम्मद अज़ीम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गणित विभाग में प्रख्यात गणितज्ञ, श्रीनिवास रामानुजन की जयंती, राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सीनियर स्तर की प्रश्नोत्तरी में जीत हासिल की।

सीनियर क्विज में अरसलान उल्लाह खान (एमएससी) ने दूसरा और मनोज कुमार (पीएचडी) ने तीसरा स्थान हासिल किया। मानव शर्मा (बीएससी) को जूनियर स्तर की क्विज प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया, बीएससी के शाहिदुल इस्लाम और डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग के छात्र मोहम्मद शाहनवाज आलम क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।



पुरस्कार वितरण समारोह को सम्बोधित करते हुए, गणित विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर मोहम्मद अशरफ ने कहा कि रामानुजन एक विशुद्ध गणितज्ञ और अब तक के सबसे महान भारतीय गणितज्ञों में से एक थे, जिन्होंने ऐसे प्रमेयों पर काम किया, जिन्हें हल करना असंभव लग रहा था। रीमैन श्रृंखला, निरंतर अंश, हाइपरजियोमेट्रिक श्रृंखला, दीर्घवृत्तीय समाकलन, और जीटा फ़ंक्शन से संबंधित कार्यात्मक समीकरणों पर उनके काम को दुनिया भर में विशेष महत्व हासिल है।

समारोह में प्रो मोहम्मद अशरफ, प्रो असमा अली और प्रो नदीमुर रहमान की अध्यक्षता में आयोजित तीन अलग-अलग सत्रों में गणित के मूल्य और इस विषय में हालिया प्रगति और सफलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हाइब्रिड ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किये गए।

पहले सत्र में, गणित विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रोफेसर एमेरिटस, प्रो अजय कुमार ने ‘वास्तविक संख्याओं की पूर्णता संपत्ति’ और ‘पाई’ और बाइबिल में इसके उल्लेख के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को चित्रित किया। प्रो पुनीता बत्रा (हरीश रिसर्च इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद) ने दूसरे सत्र में रामानुजन के पहले शोध पत्र, ‘ऑन सम प्रॉपर्टीज ऑफ बर्नाैली नंबर’ पर बात की।

उन्होंने कहा कि रामानुजन का पहला शोध पत्र 1911 में इंडियन मैथमैटिकल सोसाइटी के जर्नल में प्रकाशित हुआ था। उन्होंने 1912 और 1913 में जर्नल में चार और लघु पत्र भी प्रकाशित किए। तीसरे सत्र में, प्रोफेसर कल्याण चक्रवर्ती (निदेशक, केरल स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स) ने ‘रामानुजन गार्डन के कुछ बहुमूल्य रत्न’ पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने जी एच हार्डी के साथ रामानुजन के संबंध पर विचार-विमर्श किया।

रामानुजन के कार्यों और राष्ट्रीय गणित दिवस के महत्व पर बोलते हुए कार्यक्रम संयोजक, प्रो क़मरुल हसन अंसारी ने बताया कि रामानुजन ने गणित में कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की और फिर भी उन्होंने इस विषय में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। सह-संयोजक, डॉ. शाकिर अली ने कहा कि रामानुजन ने 20वीं सदी के गणित के विकास में मौलिक भूमिका निभाई और उनके अंतिम लेखन इस सदी के गणित के लिए एक प्रेरणा का काम कर रहे हैं।

डॉ. शाकिर ने धन्यवाद भी ज्ञापित किया तथा कार्यक्रम का संचालन संयुक्त संयोजक, डॉ. मुसव्विर अली ने किया । ईरान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया और मलेशिया और देश भर से शिक्षकों ने कार्यक्रम में और कुल 184 छात्रों ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया।

 

शोक सभा का आयोजन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गर्ल्स स्कूल में कम्प्यूटर के अंशकालिक शिक्षक डा. यासिर जफर खान के निधन पर स्कूल में एक शोक सभा का आयोजन किया गया जिसमें स्कूल के समस्त शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं तथा छात्राओं ने उन्हें श्रद्वांजलि अर्पित की।



 

स्कूल की प्रिन्सिपल आमना मलिक ने कहा कि यासिर जफर खान वर्ष 2018 से एएमयू गर्ल्स स्कूल में छात्राओं को कम्प्यूटर की शिक्षा दे रहे थे और वह स्कूल में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर भी कार्यरत रहे। उन्होंने शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतत्प परिवार को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की। डा. यासिर जफर खान का बीते दिवस निधन हो गया था। उन्हें यूनिवर्सिटी के कब्रिस्तान मिंटोई में दफनाया गया।

 

 

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