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जेएन मेडिकल कालिज के एमबीबीएस 1995 बैच के छात्रों के पुर्नमिलन कार्यक्रम में कालिज में बिताये दिनों की यादों को ताज़ा किया 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (एएमयू) से 27 साल के लंबे अंतराल के बाद स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले 1995 बैच के एमबीबीएस छात्र एक बार फिर एकत्र हुए और पुराने दिनों को याद किया। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और भारत के विभिन्न क्षेत्रों सहित दुनिया के अन्य हिस्सों से ये स्नातक ‘रूबरू‘ शीर्षक के तहत आयोजित ‘रीयूनियन‘ कार्यक्रम में शामिल हुए।



समारोह के मुख्य अतिथि एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस अवसर पर कहा कि‘ 1995 के बाद से लेकर पिछले 27 वर्षों में जेएन मेडिकल कालिज में बहुत कुछ बदल गया है। यहां आपके अल्मा मेटर में नए विभाग और नए कोर्स शुरू हुए हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार हुआ है। एएमयू बिरादरी को आपकी उपलब्धियों पर गर्व है।

कुलपति ने पूर्व छात्रों के सम्मेलन को बैठक के नियमित रूप से आयोजित करने पर जोर दिया और विशेष रूप से कोविड-19 के कठिन समय के दौरान उनके बहुमूल्य सहयोग के लिए पूर्व छात्रों के पूरे नेटवर्क को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि “हमारे पूर्व छात्रों ने महामारी के दौरान जेएन मेडिकल कालिज में सुविधाओं को बढ़ाने में हमारी मदद की बहुत से लोगों की जाने बची. हमें उम्मीद है कि एमबीबीएस 1995 बैच के छात्र ब्रांड एंबेसडर के रूप में दुनिया भर में अपने अल्मा मेटर का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे और बेहतरीन तरीके से इस संस्था के विकास में योगदान देंगे।‘

गेस्ट ऑफ ऑनर, एएमयू प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर मुहम्मद गुलरेज़ ने कहा कि ‘पुरानी यादें हमें एक ही समय में हंसाती और रुलाती हैं। निश्चित रूप से आप सभी का यहाँ गहरा संबंध है, आपके दिल यहाँ हैं, और घर वह है जहाँ दिल है।‘ उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व छात्रों ने अनेक सम्मान हासिल किये हैं। उन्होंने एक सफल डॉक्टर और एक अच्छे इंसान होने की विश्व भर में मिसाल पेश की है और छात्रों की एक पीढ़ी को ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है। एएमयू समुदाय पूर्व छात्रों के योगदान को स्वीकार करता है और उनके सभी प्रयासों के लिए आभारी है।



फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन, प्रोफेसर एम.यू रब्बानी ने कहा कि “हालांकि इन छात्रों को अपनी संस्था को छोड़े एक लंबा समय हो गया है, लेकिन आपके चेहरे अभी भी ताजा हैं। हम यह देखकर खुश हैं कि आप सभी ने करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। एमबीबीएस 1995 बैच जेएनएमसी के गौरवशाली अतीत का एक अभिन्न हिस्सा है और इस बैच के छात्रों ने स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सेवाओं में अपनी सफलता की कहानी रची है। मातृ संस्था के लिए उनकी सेवाएं अमूल्य हैं।‘

जेएन मेडिकल के प्रिंसिपल, प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कहा कि “यह एक अद्भुत क्षण है। यह कार्यक्रम  पूर्व छात्रों कि लिए एमबीबीएस 1995 बैच के छात्रों के लिए अपने सहपाठियों, दोस्तों और शिक्षकों से मिलने और जीवन की पुरानी यादों को ताजा करने का एक मंच है। यह वर्तमान छात्रों के लिए पूर्व छात्रों की सफलता की कहानियां सुनने का अवसर भी है।

कार्यक्रम की आयोजन सचिव डा उजमा फिरदौस (बाल रोग विभाग, जेएनएमसी) ने अपने स्वागत भाषण में कहा, ‘ऐसा लगता है जैसे कल की ही बात हो, जब 1995 में हम जेएनएमसी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों से मिले और उत्साह के साथ प्रवेश किया। हममें से कुछ लोगों के लिए चीजें आज भी वैसी ही हैं। मुझे आशा है कि यह मुलाकात कई सुखद और अद्भुत पलों को वापस लाएगी और मातृत्व के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को पूरा करने के हमारे संकल्प को मजबूत करेगी।

कार्यक्रम का संचालन एराज़ लखनऊ मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल, के डा. श्रेष्ठ भटनागर एवं पीजीआई, चंडीगढ, के डा. दिव्या जैन ने किया। डा. शारिका यूनुस खान ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

एएमयू शिक्षक प्रो अबसार ‘रोज़ लाइफ साइंस इनोवेशन अवार्ड‘ के लिए चयनित 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इंटरडिसिप्लिनरी नैनोटेक्नोलॉजी सेंटर के प्रोफेसर अबसार अहमद को नैनोसाइंस और इसके बहुआयामी अनुप्रयोगों में उनकी सेवाओं के लिए ‘रोज़ लाइफ साइंस इनोवेशन अवार्ड-2022‘ से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है।



पुणे में रोज़ लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में आयोजित होने वाले समारोह में उन्हें पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक स्वर्ण पदक और प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। प्रोफेसर अबसार को पहले भारत सरकार द्वारा टाटा इनोवेशन फेलोशिप, वासविक इंडस्ट्रीज अवार्ड, मैटेरियल्स रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया अवार्ड, सीएसआईआर नेशनल केमिकल लेबोरेटरी साइंटिस्ट आफ द ईयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इनके प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में अनेक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं और उन्होंने शोध परियोजनाओं को पूरा किया है।

एएमयू-ई-लाइब्रेरी के माध्यम से ई-संसाधनों तक पहुंच पर ऑनलाइन उपयोगकर्ता जागरूकता कार्यक्रम 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का मौलाना आजाद पुस्तकालय 29 दिसंबर को दोपहर 3ः30 बजे ‘एएमयू.ई‘ नाम से एक कार्यक्रम का शुभारंभ करेगा। विश्वविद्यालय लाइब्रेरियन प्रोफेसर निशात फातिमा ने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार वेबसाइट https://amu.ac.in/libraries/maulana-azad-library/library-event पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डा मनव्वर इकबाल (डिप्टी लाइब्रेरियन) से ईमेल आईडी malcad@myamu.ac.in पर संपर्क किया जा सकता है। कार्यक्रम एएमयू.ई लाइब्रेरी और रिफ्रेड लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म https://amu.refread.com/ पर इसके मोबाइल ऐप पर भी चर्चा करेगा। यह ऐप एंड्रोइड और आई.ओ.एस ऑपरेटिंग सिस्टम पर उपलब्ध है।

यूएनए-यूएसए की अध्यक्षता के लिए एएमयू के छात्र ने जीता चुनाव

(भाषा) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र नवेद आलम को चुनाव जीतने के बाद ‘यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका‘ (यूएनए-यूएसए) के यूथ एफिनिटी ग्रुप के को-चैयर के रूप में चयनित किया गया है। जोकि की 12 से 16 दिसंबर तक आयोजित किया गया था।

इस भूमिका में, नावेद मानवाधिकारों, सतत विकास लक्ष्यों और लैंगिक समानता के महत्वपूर्ण और सामयिक मुद्दों को और आगे बढ़ाएंगे। वह एक विरोधात्मक शोध भागीदार और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सदस्य और निवर्तमान एएमयू छात्र संघ के सदस्य भी रहे हैं। नवेद अंग्रेजी भाषा शिक्षण में स्नातकोत्तर हैं और अब एएमयू में पत्रकारिता और जनसंचार में परास्नातक कर रहे हैं।

एप्लाइड गणित विभाग में राष्ट्रीय गणित दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एप्लाइड मैथमैटिक्स विभाग में राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर ‘श्री निवास रामानुजन का जीवन और सेवाएं‘ विषय पर पोस्टर प्रस्तुति प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता बीटेक इलैक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग के छात्र मोहम्मद आस ने जीती जबकि अनमता रहमान (बी.टेक केमिकल इंजीनियरिंग) को उपविजेता घोषित किया गया।



वहीं मौखिक प्रस्तुति प्रतियोगिता में पीएचडी स्कालर अज़ीज़ा यास्मीन प्रथम व रकीबिल एसके द्वितीय स्थान पर रहे। विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद कमर-उल-जमां ने कहा कि यह प्रतियोगिता गणित के मूल्य को स्पष्ट करने और आधुनिक विकास के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

अतिथि वक्ता प्रोफेसर एमए पठान (विजिटिंग प्रोफेसर, सेंटर ऑफ मैथमेटिकल एंड स्टैटिस्टिकल साइंसेज, केरल) ने विश्लेषणात्मक संख्या सिद्धांत में रामानुजन के योगदान पर बात की। प्रोफेसर नबीउल्लाह खान (कार्यक्रम संयोजक) और डा सबिहा तबस्सुम ने कार्यक्रम का संचालन किया और डा. ग़ज़ाला यासमीन ने स्वागत भाषण दिया। डा. जुबैर खान ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

 

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