एएमयू में इसरो-स्टार्ट कार्यक्रम के लिए नोडल केंद्र स्थापित
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रिमोट सेंसिंग और जीआईएस एप्लीकेशन के अंतःविषयी विभाग को प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)-अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्टार्ट) कार्यक्रम के लिए नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है। इसरो-स्टार्ट नोडल सेंटर का उद्घाटन 20 जुलाई 2023 को रिमोट सेंसिंग और जीआईएस एप्लिकेशन के अंतःविषयी विभाग के परिसर में हुआ।
स्टार्ट कार्यक्रम इसरो द्वारा एक अभिनव ऑनलाइन प्रशिक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी की आकर्षक दुनिया से परिचित कराना है। कार्यक्रम का संचालन अनुभवी इसरो वैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा, जो खगोल विज्ञान, ग्रह विज्ञान, हेलियोफिजिक्स, वायुमंडलीय विज्ञान, माइक्रोग्रैविटी-संबंधित अध्ययन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न अंतरिक्ष विज्ञान डोमेन में गहन ज्ञान प्रदान करेंगे।
विभाग के अध्यक्ष और इसरो-स्टार्ट नोडल सेंटर के समन्वयक डॉ. हारिस हसन खान ने कहा कि यह सहयोग अंतरिक्ष उत्साही विशेषज्ञों की एक नई पीढ़ी के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा जो अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि इसरो-स्टार्ट कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल मानव संसाधनों का पोषण और उत्पादन करना है और अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन डेटा के उपयोगकर्ता आधार को व्यापक बनाकर यह पहल एक संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र कि स्थापना करेगी जो अंतरिक्ष अनुसंधान में सक्रिय छात्र भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।
विशिष्ट अतिथि भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. कुंवर फराहिम खान ने इसरो के साथ समन्वय के लिए अंतःविषयी विभाग के प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप नोडल केंद्र की स्थापना हुई। पृथ्वी विज्ञान में रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों के विशेषज्ञ प्रोफेसर सैयद अहमद अली ने एएमयू के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी छात्रों से इस अवसर का पूरा लाभ उठाने और अपने कौशल और ज्ञान को तेज करने के लिए इसरो-स्टार्ट कार्यक्रम की ज्ञानवर्धक ई-कक्षाओं में नामांकन करने का आग्रह किया।
डॉ. हारिस हसन खान ने अंतरिक्ष विज्ञान में अत्याधुनिक तकनीकों पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्तुति दी, जिसमें अंतरिक्ष खनन, अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, चंद्र और मंगल ग्रह के आधारों की अवधारणाओं जैसे विषयों को शामिल किया गया और निकट-पृथ्वी अंतरिक्ष उपनिवेश की संभावनाओं को रेखांकित किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन डॉ. तंजील ने किया और डॉ. रिजवान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
डा. शारिक अकील का मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधन
दरंभाग के लहेरियासराय स्थित डा जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में इस्लाम एक जीवन शैली विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ के चीफ मेडिकल ऑफिसर डा. शारिक अकील ने मुख्य वक्ता के तौर पर कहा कि मानव प्रेम सभी धर्मों का सार है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म की पवित्र कुरान न केवल मुसलमानों के लिए है बल्कि समस्त मानव के लिए एक मार्गदर्शक है। इसे धर्म के आवरण से अलग होकर भी लोगों को पढ़ने की जरूरत है। जब तक लोग इसे पढ़ेंगे नहीं तब तक इस्लाम धर्म की बुनियादी बातों को नहीं जान पाएंगे। इससे पहले डज्ञ. शारिक अकील का स्वागत डा एम. हसन ने मिथिला संकृति के अनुरूप पाग चादर, गुलदस्ता और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया।