उत्तरप्रदेश के जिला कासगंज में मंगलवार रात्रि पुलिस टीम पर हमले के मामले में बुधवार तड़के एक आरोपी को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में ढेर हुए व्यक्ति की पहचान मुख्य आरोपी मोती धीमर के भाई एलकार के रूप में हुई है। कासगंज के थाना सिढ़पुरा के नगला धीमर गांव में अवैध शराब के कारोबार पर पुलिस छापे के दौरान पुलिस पर जानलेवा हमला हुआ था। मुख्यमंत्री योगी ने मृतक कॉन्स्टेबल के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
इधर, कासगंज के एसपी मनोज सोनकर ने बताया कि मंगलवार की घटना के बाद से ही कई पुलिस टीमें दो नामजद आरोपियों के साथ अज्ञात लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही थी। इसी बीच काली नदी के खादर में बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में गोली लगने से मुख्य आरोपी मोती धीमर का भाई एलगार घायल हो गया। जबकि उसके अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। वहीं, पुलिस घायल आरोपी को उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र सिढ़पुरा लेकर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि मंगलवार रात्रि हुई घटना के बाद जब पुलिस टीम ने कॉम्बिग की तो दारोगा खून से लथपथ हालत में मिले और अर्धनग्न हालत में मिले सिपाही की मौत हो गई है। कासगंज के थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव नगला धीमर में शराब माफियाओं ने दारोगा अशोक पाल और कॉन्स्टेबल देवेंद्र को बंधक बना लिया। इसके बाद दारोगा और सिपाही को किसी अनजान जगह रख दिया। फिर पुलिस टीम उनकी तलाश करने लगी। इसी बीच दारोगा अशोक पाल पुलिस टीम को लहूलुहान हालत में मिले। यह देखकर पुलिस में खलबली मच गई।
वहीं, इलाके में पुलिस टीम के द्वारा की जा रही तलाशी के दौरान पुलिस की बाइक मिल गई। सिपाही देवेंद्र भी अर्धनग्न हालत में मिला। बता दें कि सिपाही की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस टीम के साथ हुई इस घटना के बाद जनपद के अलग-अलग हिस्सों से भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था।
इधर, कासगंज में पुलिस पर हुए हमले की घटना के बाद सीएम योगी प्रशासनिक अमले से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। सीएम योगी ने इस घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने घायल दारोगा का समुचित उपचार कराने की बात भी कही है।