अलीगढ़
” वर्तमान में समाजवाद की राह में कठिनाई पैदा करता मायारुपी पूंजीवाद ! ” विषय पर हैरी एस्ट्रोनाॅमी क्लब में सेमीनार का आयोजन किया गया । जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ वामपंथी नेता काॅमरेड एतशाम बेग ने की।

इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ब्रजराज सिंह राना ने कहा कि हमारा देश 1947 में आजाद हुआ और उस समय भी पंडित जवाहरलाल नेहरू पर पूंजीपतियों का दबाव था कि हमें अमेरिकी पूंजीवाद के माॅडल को अपनाना चाहिए। परंतु इस भारी दबाव के विरुद्ध जाकर उनहोंने ने देश में कृषि पर आत्मनिर्भरता को देखते हुए रुस के समाजवाद के निकट रहते हुए पंचवर्षीय योजनाओं को क्रियान्वित करने का फैसला लिया। उसी का परिणाम है कि मनमोहन सिंह सरकार ने भी दशकों बाद मिश्रित अर्थव्यवस्था के माॅडल को अपनाया और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का कार्य किया।
परंतु वर्तमान सरकार अमरीकी पूंजीवाद के समर्थकों के चंगुल में फंस चुकी है । यह उसी का परिणाम है कि देश की नवरत्न कम्पनियों को बेचा जा रहा है । निजीकरण की आंधी चल रही है। आज़ देश के दो तीन पूंजीपतियों के लिए सरकार ने राष्ट्रीय धरोहरों को उनके निजी स्वार्थ के लिए दांव पर लगा दिया है। इसी क्रम में हैरी एस्ट्रोनाॅमी क्लब के अध्यक्ष संजय खत्री ने कहा कि आज़ सोशल मीडिया के माध्यम से खेलो पर पैसा लगाने व शेयर बाजार में निवेश कर रात भर में करोड़पति बनाने वाले विज्ञापनों को बहुत बड़ी संख्या में दिखाया जा रहा है । यह सब जनता की बचत पूंजी को हड़पने का कुचक्र रचा जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता रंजन राना ने कहा कि आज़ किसानों को सस्ती दरों पर बैंक लाॅन के माध्यम से उनकी जमीनों को बंधक बनाया जा रहा है । कर्ज न चुकाने पर कौड़ियों के भाव अमीरों को बेचा जा रहा है। जबकि पिछली सरकारों ने हमेशा किसानों का कर्ज़ा माफ़ किया है । उन्हें आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है। परंतु वर्तमान में समाजवाद को कुचलने के लिए पूंजीवाद नये नये रुप धारण कर रहा है । धीरे धीरे अपने पैर पसार रहा है । जो भारतवर्ष की बहुसंख्यक आबादी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
इस अवसर अनुराग पूनिया, नंदन, राजीव शर्मा, नासिर, जी एल उपाध्याय, गौरव सक्सैना, अंकित ठाकुर आदि उपस्थित रहे।