जानिए, अलीगढ़ में एक सप्ताह क्यों चलेगा नवजात शिशु देखभाल सप्ताह !

अलीगढ़ :

नवजात की समुचित देखभाल उसके बचपन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत ही जरूरी होती है। इसके अलावा शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में इसकी बड़ी भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए नवजात शिशु देखभाल सप्ताह देश में प्रतिवर्ष 15 से 21 नवंबर मनाया जाता है। इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य बच्चे की उत्तरजीविता और विकास के लिए नवजात शिशु की देखभाल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

 

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद उपाध्याय ने कहा कि इस सप्ताह नवजात शिशु देखभाल के लिए एक सप्ताह अभियान चलेगा इसके लिए समस्त सीएचसी पीएचसी को कार्यक्रम के सफल आयोजन के निर्देश दिए गए हैं। एसीएमओ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बीके राजपूत का कहना है कि बच्चे के शुरू के एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान गर्भवती के खानपान का पूरा ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध अवश्य पिलाएं, क्योंकि यह बच्चे का पहला टीका होता है।

 

 

नवजात शिशु देखभाल सप्ताह पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज मिश्रा ने बताया सोमवार को नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया गया जोकि 15 नवंबर से 21 नवंबर तक चलेगा । उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को शिशु की कैसे देखभाल करनी है और गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के बारे में विस्तारपूर्वक एमओआईसी द्वारा जानकारी दी गई । उन्हेंं कोरोना टीकाकरण के प्रति गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया गया उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने अभी तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है वह भी अपना टीककरण कराकर अपने परिवार सहित खुद को भी कोविड-19 से सुरक्षित कर सकते हैं उन्होंने ब्लाक छर्रा के शहरवासियों से अपील की है आने वाले समय में तीसरी लहर आने की संभावना हो सकती है और इससे बचने के लिए दोनों वैक्सीन की डोज लेना बहुत जरूरी है ।

 

 

 

डीआईसी मैनेजर मुनाजिर हुसैन का कहना है कि नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल के लिए जरूरी है कि प्रसव चिकित्सालय में ही कराएं। प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए चिकित्सालय में रुकें। नवजात को तुरंत न नहलायें केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनाएं। जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध पिलाना शुरू कर दें और छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराएं। जन्म के तुरंत बाद नवजात का वजन लें और विटामिन के का इंजेक्शन लगवाएं। नियमित और सम्पूर्ण टीकाकरण कराएंं। नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखें, संक्रमण से बचाएं और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ख्याल रखें। कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान दें और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाएंं। शिशु जितनी बार चाहे दिन या रात में बार-बार स्तनपान कराएं । कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलाएं, शहद, घुट्टी, पानी आदि बिल्कुल न पिलाएं।

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