अलीगढ़ :
कोरोना संकट के बीच महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत शिविर का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत जिले के जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की गई।
सीएमओ डॉ. आनन्द उपाध्याय ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण का परामर्श देना है इसलिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती और इससे होने वाली मातृ व शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि जनपद में शहरी और ग्रामीण की सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। जिसके तहत “एचआरपी डे” पर एसीएमओ डॉ एसपी सिंह व डीईआईसी मैनेजर मुनाजिर हुसैन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए एसीएमओ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए ब्लाक लोधा को निर्देश दिए ।
डॉक्टर एसपी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर सीएचसी लोधा में काफी सुधार देखने को मिला । निरीक्षण के दौरान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा पर गर्भवती महिलाओं को सौ – सौ आयरन की गोलियां भी दी जा रही थी। एसीएमओ द्वारा वहां के स्टाफ को इंजेक्शन आयरन सुक्रोज देने के लिए प्रेरित किया गया और उन्होंने बताया कि ऐसी जो गंभीर बीमारी वाली गर्भवती महिलाएं हैं जिनको खून की कमी है उसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ब्लड डोनेट के लिए गंभीर स्थिति वाली महिलाओं को ब्लॉक खैर पर ट्रांसफर किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है। आशा सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उसे प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए समय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती हैं।
गर्भवती महिलाओं की हुई ये जांच:
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोधा में 54 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई जिसमें से 6 उच्च जोखिम युक्त वाली महिला पाई गई । एचआरपी डे पर उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जांच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जांच भी की गयी।
डॉक्टर अमित शर्मा ने बताया अत्यधिक स्त्राव से महिला की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून 7 ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है।
—- गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट जरूरी:
– ब्लड टेस्ट
– यूरिन टेस्ट
– ब्लड प्रेशर
– हीमोग्लोबिन
– अल्ट्रासाउंड