दो नाइजीरियन सहित 3 शातिरों ने अलीगढ़ के शिक्षक से ठगे 31 लाख रुपये

यूपी के अलीगढ़ में साइबर सेल की मदद से थाना क्वार्सी पुलिस को बड़ी
सफलता हासिल हुई है। पुलिस ने दिल्ली में रहकर ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गैंग के दो नाइजीरियन सरगनाओं समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उक्त साइबर ठग फेसबुक पर दोस्ती कर लोगों को इनामी लालच देकर ठगते हैं। इस गैंग ने रामघाट रोड स्थित किशनपुर इलाके के एक शिक्षक से इसी तरह का लालच देकर 31.23 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित शिक्षक की शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस गैंग तक पहुंची। साइबर ठगी से जुटाई गई रकम वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये नाइजीरिया ट्रांसफर की गई है। शातिर ठग अब तक डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की रकम इसी तरह ऐंठ चुके हैं।

एसपी देहात शुभम पटेल ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि किशनपुर दयाल नगर निवासी भगवती दत्त शर्मा पेशे से शिक्षक हैं। उन्होंने पांच अगस्त को यह शिकायत की थी कि उनके साथ फेसबुक पर कुछ विदेशी लोगों ने दोस्ती कर पिछले एक साल के दौरान 31.23 लाख रुपये की ठगी कर ली है। एसएसपी ने इस शिकायत पर साइबर सेल को जांच सौंपते हुए थाना क्वार्सी में धोखाधड़ी व साइबर एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया। मामले में साइबर सेल ने जांच करते हुए विभिन्न तकनीकी पक्षों की मदद से पाया कि उक्त गैंग फेसबुक पर खुद को विदेशी बताकर भारतीय लोगों से दोस्ती करते हैं। इसके लिए बाकायदा फर्जी फेसबुक आईडी बनाई जाती हैं। ज्यादातर मामलों में महिला की आईडी से पुरुष से और पुरुष की आईडी से महिला से दोस्ती की जाती है।

फेसबुक पर दोस्ती के नाम पर ये जालसाज अपने शिकार को गिफ्ट पार्सल आदि भेजने की बात कहते हैं। फिर उसे रिसीव कराने के नाम पर रकम ऐंठते हैं। जांच में पुलिस ने पाया कि यह अपने शिकार को धमकाते हैं कि माल कस्टम में फंस गया है। फिर शिकार के पास अलग-अलग विदेशी व भारतीय नंबरों व व्हाट्सएप नंबरों से कॉल की जाती है। कोई खुद को कस्टम अधिकारी बताता है और कोई कुछ बताकर अलग-अलग एकाउंट में रुपये मंगाए जाते हैं। जांच में पाया कि यह लोग देश भर में घूमते हैं। अलग-अलग खातों में रकम मंगाते हैं।

इधर, भगवती दत्त शर्मा से भी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद के अलग-अलग खातों में रुपये मंगवाए गए। जांच में एक बैंक कहते की मदद से पुलिस गैंग तक पहुंचने में सफल हुई और गैंग के नाइजीरिया निवासी सरगना, उसके साथी सहित तीन लोगों को इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटेलाल व उनकी टीम ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों नाइजीरिया के नागरिकों जॉन बुल पुत्र इलोमा व मार्वेलॉस पुत्र कॉफी निवासीगण एग्ब्रो डेल्टा नाइजीरिया हाल निवासी एस 2-59 टॉप फ्लोर महावीर नगर तिलक नगर दिल्ली ने स्वीकार किया कि वे कई साल से भारत में रह रहे हैं। दिल्ली का तिलक नगर उनका बेस कैंप है। वहां एक चर्च भी बना लिया है। उसी के इर्द-गिर्द काफी साथी किराये पर रहते हैं। कोई यहां पढ़ने तो कोई व्यापार करने आया है।

वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी रह रहे भारत में..
जांच में यह भी पाया गया कि पकड़े गए नाइजीरियाई नागरिक में से जॉन बुल का वीजा 2015 में और मार्वेलॉस का वीजा 2019 में खत्म हो चुका है। वहीं पकड़ा गया तीसरा शातिर सुमीर पुत्र श्रीकांत निवासी 28 के ब्लाक महीपालपुर दिल्ली इनका एजेंट है। उसी के बैंक एकाउंट में आखिरी बार भगवती दत्त का रुपया पहुंचा था। इसकी वजह से ये पकड़े गए। पुलिस ने तीनों पर धोखाधड़ी, साइबर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया है। वहीं दोनों नाइजीरियन नागरिकों पर विदेश अधिनियम के तहत वीजा नियमों के उल्लंघन का भी अपराध दर्ज किया गया है। इनके पास से एक लैपटॉप, 18 स्मार्टफोन, 9 फोन कीपेड, 2 हार्ड डिस्क, 4 डोंगल, 6 चार्जर, 3 लैपटॉप चार्जर, 400 नाइजीरियन करेंसी बरामद हुए।

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