पुरानी पेंशन की हुंकार से गूंजी राजधानी, हज़ारों कार्मिकों का उमडा़ सैलाब: डॉ. पसबोला

 

 

देहरादून: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा (उत्तराखंड) के चेतावनी रैली कार्यक्रम में रविवार को हज़ारों कर्मचारियो ने किया प्रतिभाग। सरकार के प्रति पुरानी पेंशन बहाली न होने को लेकर नाराज़गी जताई। कार्मिकों ने संयुक्त मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत की उपस्थिति में  सरकार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सीधी चेतावनी दी।

 

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा सरकार के लिए निर्णायक समय है इसलिये कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर एक नज़ीर पेश करते हुए कार्मिकों की पुरानी पेंशन बहाल करे।

 

प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने मीडिया को अवगत कराया कि प्रदेश सरकार के समक्ष सैकड़ो प्रदर्शन करते हुए लम्बा समय हो गया है परंतु सरकार कार्मिकों के हित में टस से मस नही हो रही है। जो कि सरकार और कार्मिकों के लिए अत्यंत चिंता जनक विषय है। चेतावनी रैली का मकसद सरकार के प्रतिनिधियों और सरकार में बैठे मंत्रियों का ध्यान पुनः इस ओर ले जाना है। यदि सरकार के कार्यकाल से पूर्व इस बाबत कोई कदम नही उठाया गया तो मजबूरन कार्मिको व उनके परिवार परिवर्तन का दामन थामने को मजबूर होंगे।

 

संयुक्त मोर्चा के प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि जब सरकारी कर्मचारियों के बात बुढापे की आती है तो कार्मिकों को केवल पेंशन का सहारा ही नज़र आता है और 2005 के बाद से इस पुरानी पेंशन योजना को बन्द करके बहुत बड़ा अन्याय किया है। अब भूल सुधार का समय है। सरकारी कार्मिकों की एकता और ताकत को नज़रअंदाज़ करके सरकार कार्मिकों को नाराज़ नही करना चाहेगी। 50 से अधिक कार्मिक सँगठन के सदस्य और प्रतिनिधि इस रैली में शामिल हुए मैं उन सभी संगठनों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहना चाहूंगा कि आगे भी इस एकता और अखंडता को बरकार रखें।

 

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डीसी पसबोला ने कहा यह उत्तराखंड प्रदेश की राजधानी देहरादून में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अभी तक की सब से बड़ी रैली है। जिसमें महिला अधिकारी एवं कर्मचारी भी बड़ी संख्या में रैली में शामिल हुयी हैं। मोर्चा की प्रांतीय महिला उपाध्यक्ष योगिता पंत ने अधिक से अधिक संख्या में महिला कार्मिकों से देहरादून पहुंचकर रैली में शामिल होने की अपील की।

 

 

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शनिवार को प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र बिष्ट, प्रांतीय संयोजक मिलिन्द बिष्ट, कानूनी सलाहकार डॉ० अजय चमोला, प्रान्तीय मीडिया प्रभारी लक्ष्मण सिंह रावत, रंजन कफल्टिया कार्मिकों से सम्पर्क करने में जुटे रहे।

 

 

कार्मिक अधिकारी कर्मचारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने पूरी क्षमता और जोश के साथ इस आंदोलन में प्रतिभाग करते हुए कहा कि अब सरकार कार्मिको को बेवकूफ नही बना सकती अब यह कार्मिकों की भविष्य की लड़ाई है जिस पर इनका सम्पूर्ण जीवन टिक है । सरकार को समझना होगा को पुरानी पेंशन का मुद्दा कितना एहम है और इसे लागू करना ही होगा।

 

 

राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने कहा कि कार्मिक एकता की आज केवल एक झलक सरकार ने देखी है यदि सरकार के कार्यकाल के पहले पूरी नही हुई तो सरकार पुरानी पेंशन बहाली न करने के घातक परिणाम भुगतने होंगे।

 

राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि यह काबिल ए तारीफ है कि पेंशन प्राप्त कर रहे और सेवानिवृत्त कर्मचारी भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं । निवेदन है कि इस पुरानी पेंशन विषय पर सरकार को सन्मति आये और कार्मिको की पुरानी पेंशन बहाल करे

 

कार्मिक सँगठन के पदाधिकारियों में विक्रम झींकवान, इत्यादि शामिल रहे। विक्रम सिंह रावत, राजेन्द्र बहुगुणा इत्यादि शामिल रहे।संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने संगठन की रैली को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया।

 

 

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