बुन्देलखण्ड के किलों, गढ़ियों , बांधों, बावड़ियों का अपना वैज्ञानिक महत्व : डॉ प्रदीप तिवारी

झांसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय  द्वारा 1 फरवरी से 28 तक आयोजित होने वाले बुन्देलखण्ड विज्ञान महोत्सव 2023 की सर सी वी रमन लेक्चर सीरीज के आमन्त्रित वक्ता बुन्देलखण्ड पर्यटन विकास एवं पुरातत्व संरक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार तिवारी ने “बुन्देलखण्ड के पर्यटन में विज्ञान का महत्व” पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड की धरती एक ऐतिहासिक धरती है। यहां देवताओं ने जन्म लिया और यहां की धरती को अपनी कर्मभूमि बनाया।

उन्होंने कहा कि यहां के राजाओं द्वारा निर्मित किलों, गढ़ियों , बांधों, बावड़ियों, बाग बगीचों का अपना वैज्ञानिक महत्व है । उन्होंने इन सभी के बारे में विस्तार में बताते हुए बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध इमारतों के पुरातात्विक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व पर तथ्यों के आधार पर प्रकाश डाला तथा बबीना स्थित सुकवा ढुकवा बांध, पन्ना स्थित वृहस्पति कुंड, एरच स्थित बावड़ी,ओरछा स्थित सावन भादों तथा अन्य पर्यटन स्थलों का वैज्ञानिक महत्व बताया । उन्होंने विज्ञान महोत्सव में उपस्थित विश्वविद्यालय के प्रवक्ताओं, श्रोताओं एवं विद्यार्थियों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का भी जवाब देकर संतुष्ट किया।

इस अवसर पर प्रो आर के सैनी, प्रो एम एम सिंह, डॉ. अनु सिंगला, डॉ. जाकिर अली, डॉ. सादिक खान, डॉ. रेखा लागरखा सहित विज्ञान महोत्सव के संयोजक डॉ.एस के श्रीवास्तव , उप संयोजक डॉ. विजय यादव, डॉ. अनुपम व्यास, डॉ. अंजली श्रीवास्तव, डॉ.ब्रजेश दीक्षित, डॉ. सुरेन्द्र वर्मा, डॉ राजीव सिंह आदि उपस्थित रहे। वहीं, कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ ब्रजेश दीक्षित ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

 

रिपोर्ट : प्रवीण भार्गव

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