उत्तरप्रदेश के जिला अलीगढ़ के थाना बन्नादेवी इलाके से बीते 29 नवंबर को गायब हुए छात्र मनीष कुमार की हत्या का शनिवार को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर खुलासा कर दिया। पुलिस के अनुसार, छात्र एक युवती को वश में करना चाहता था। इसकी दवाई लेने के बहाने दो आरोपियों ने उसे गभाना इलाके में बुलाया। पहले उसका मोबाइल व रुपये लूटे। विरोध में छात्र ने पुलिस को बताने की धमकी दी तो उसकी हत्या कर दी थी।
जानकारी के अनुसार, बन्नादेवी के लच्छिमपुर के रहने वाले सिंचाई विभाग से सेवानिवृत्त रामफल के चार बेटों में सबसे छोटा बेटा 25 वर्षीय मनीष कुमार 29 नवंबर को परिजनों से बिरयानी खाने की कहकर निकला था। छह दिसंबर को छात्र का शव गभाना थाना इलाके के गांव हसनपुर के रजबहा में पड़ा मिला था। कपड़े आदि के आधार पर उसकी शिनाख्त हुई थी। पुलिस को छात्र मनीष कुमार का मोबाइल फोेन भी गायब मिला था।
इधर, एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि छात्र के मोबाइल की लोकेशन व सीडीआर खंगाली तो दो लोगों पर शक गहराया। पुलिस ने डौली शर्मा उर्फ नारायन उर्फ मुखिया और मोहन शर्मा निवासी निवासी गईयनपुर थाना चंडौस को शुक्रवार रात सारसौल चौराहे से गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने पुलिस पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया। आरोपियो ने बताया कि मनीष किसी लड़की से एकतरफा प्रेम करता था। ऐसे में लड़की को वश में करने के लिए छात्र वशीकरण की दवाई प्राप्त करना चाह रहा था। इसके लिए मनीष ने आरोपी डौली व मोहन से संपर्क किया। आरोपियो ने दवाई दिलवाने के नाम पर मनीष को 29 नंवबर को रुपये के साथ गभाना इलाके में बुलाया।
आरोपियो का लूट का इरादा था। मनीष को सुनसान जगह पर ले जाकर पहले रुपये व मोबाइल लूट लिया। इस पर मनीष ने पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, तो आरोपियो ने भेद खुल जाने के डर से मनीष की हत्या कर दी। आरोपी छात्र के शव को बंबे में फेंक कर फरार हो गए। इस घटना की साजिश में अंकित निवासी गईयनपुर थाना चंडौस भी शामिल था, जो पुलिस की पकड़ से दूर है। गिरफ्तार आरोपियो से पुलिस ने मनीष का मोबाइल, आधार कार्ड व लूटे हुए 1080 रुपये बरामद किए गए हैं।