अलीगढ़ शराबकाण्ड: मरने वालों की संख्या हुई 87 ?

UP के जिला अलीगढ़  में जहरीली शराब से पांचवें दिन मंगलवार को दो और मौत हुई हैं और अब तक जनपद में 87 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई हैं। वहीं, अब इतनी मौतों के बाद जिला प्रशासन को ठेकों से जहरीली शराब समेटने की सुध आई है। तय किया गया है कि देशी शराब के सभी ठेकों का माल वापस आबकारी में सरेंडर कराया जाएगा।

 

इसके बाद नया माल जारी कर शराब बिकवाई जाएगी। वहीं, गांव करसुआ में ज़हरीली शराब बेचने वाले ठेके को मंगलवार को जेसीबी से गिरवा दिया गया। पुलिस ने शराब तस्कर गिरोह के 50 हजार के इनामी बीजेपी नेता ऋषि शर्मा के भाई मुनीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। मुनीष शर्मा 25 हजार का इनामी है।

इधर, इस मामले में अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस रिमांड पर लिए गए अनिल चौधरी, विपिन यादव, गंगाराम, नरेंद्र से पूछताछ चल रही है। इनसे पूछताछ में इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों के विषय में जानकारी जुटाई जा रही हैं। साथ में धंधे से जुड़े सुराग भी उगलवाए जा रहे हैं।

तस्कर माफिया घोषित किए जाएंगे ?
डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि जिले में इस कांड से जुड़े जितने भी नाम मुकदमों में शराब तस्कर के रूप में सामने आ रहे हैं। उनके विषय में पुलिस से ब्योरा तलब किया गया है। उन्हें बहुत जल्द माफिया घोषित किया जाएगा।

 

देशी शराब के ठेकों पर रखा माल होगा जब्त
जहरीली शराब से मौत के मामले में अब जिला प्रशासन ने तय किया है कि किसी भी देशी शराब के ठेके से पुरानी शराब की बिक्री नहीं की जाएगी। सारा माल आबकारी विभाग जब्त करेगा। नया माल भेजा जाएगा। इसके बाद देशी शराब की बिक्री होगी।

 

लोधा के गांव करसुआ में लाइसेंसी शराब की दुकानों से हुई देशी शराब के सेवन से मौतों की पुष्टि और वहां से भरे गए तीन में से एक सैंपल में मिथाइल अल्कोहल की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने माना है कि शराब माफिया ने अवैध शराब को लाइसेंसी दुकानों में पहुंचा दिया है। इसके बाद अब तय किया गया है कि जिले में देशी शराब की कुल 249 दुकानें हैं, इन सभी दुकानों पर अब तक सप्लाई हुआ माल जब्त किया जाएगा।

 

आबकारी विभाग के निर्देशन में इस माल को किसी गोदाम में रखकर सील किया जाएगा। इस माल के बदले नया माल आबकारी विभाग के गोदामों से दुकानों को सप्लाई होगी, जिसके बाद बिक्री को सुचारू किया जाएगा। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने मंगलवार को आबकारी विभाग के नोडल अधिकारी/एडीएम विधान जायसवाल को इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए कहा है। डीएम ने बताया कि पुराने स्टॉक को नष्ट कराने की अनुमति शासन से लेते हुए इसे नष्ट कराने की भी कार्रवाई की जाएगी।

 

 

अब तक 22 सैंपल भेजे गए
जिला आबकारी विभाग की ओर से अब तक देशी शराब के 22 सैंपल मेरठ स्थित प्रयोगशाला भेजे गए हैं। इन सैंपलों की रिपोर्ट के आधार पर ही यह तय होगा कि आखिरी कितनी मात्रा में नकली शराब की सप्लाई दुकानों पर की गई।

 

 

गोदामों तक थे माफियाओं के तार ?
माफिया की पहुंच सरकारी शराब गोदामों तक थी? दरअसल, लाइसेंसी शराब की दुकानों में जहरीली शराब मिलने की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन हैरान है कि आखिर आबकारी विभाग के लाइसेंसी गोदामों से सप्लाई हुई शराब के बीच में अवैध शराब कैसे लाइसेंसी दुकानों तक पहुंच गई। यह बात भी सामने आ रही है कि शराब माफिया की सीधे शराब विक्रेताओं के साथ सेटिंग की गई होगी। दूसरी बात गोदामों में भी इन लोगों ने अपनी पहुंच बना रखी थी। बहरहाल इस मामले की जांच जारी है।

 

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