उत्तरप्रदेश के जिला अलीगढ़ के दो थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे रोहिग्या बांग्लादेशी महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें आरोपी युवक करीब 10 साल से भारत में रह रहा है और महिला तीन साल से अवैध रूप से रह रही है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सीओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि एटीएस की कार्यवाही के बाद रोहिग्या का सत्यापन करवाया जा रहा है। इसी दौरान जानकारी मिली कि कुछ लोग बिना पासपोर्ट के रह रहे हैं। कोतवाली नगर इंस्पेक्टर धीरेंद्र मोहन शर्मा ने पुलिस टीम के साथ बांग्लादेश के जिला कोक्स बाजार के थाना ठिगनाप के गांव खंजरपाड़ा के रहने वाले लति फुर्रहमान को नुक्कड़ वाली, मकदूम नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि करीब 10 साल पहले दलाल की मदद से वह पश्चिम बंगाल के सतखिरा बार्डर से भारत आया था। पहले यहां अलीगढ़ में आकर रहने लगा, फिर पंजाब भी गया। वहां एक मीट फैक्ट्री में मजदूरी करता था। कुछ दिनों पहले ही अलीगढ़ आया था। इधर, थाना रोरावर पुलिस ने गांव चमरौला से बांग्लादेश के जिला कोक्स बाजार के समोथीपाड़ा की रहने वाली असरूलनिशा पत्नी अक्कास को गिरफ्तार किया है। वह परिवार के साथ करीब तीन साल से रह रही थी। महिला के तीन बच्चे भी हैं और उसका पति पुलिस को नही मिला। सीओ ने बताया कि दोनों आरोपियो के खिलाफ धारा 14 विदेश अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है। महिला के साथ बच्चे भी जेल में रहेंगे।
दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जानकारी हुई कि कुछ अन्य व्यक्ति भी अवैध रूप से रह रहे हैं। हालांकि आरोपियो ने पूछताछ में पुलिस को कुछ नहीं बताया है। फिर भी पुलिस इनके साथियों की तलाश में जुट गई है। सीओ ने बताया कि आरोपितों के साथियों की तलाश के साथ इनके दूतावास से संपर्क करके दोनों का सत्यापन भी करवाया जाएगा।
कोतवाली नगर इलाके के मकदूम नगर में अक्सर ATS या LIU की टीमें रोहिग्या के खिलाफ कार्यवाही करती हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बीते दिनों एटीएस की कार्यवाही के बाद थाना पुलिस को भी बारीकी से सत्यापन करने में लगाया था। पकड़े गए आरोपी लति फुर्रहमान ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह म्यामांर में पैदा हुआ था। ढाई साल की उम्र में ही परिवार बांग्लादेश आ गया। वहीं, महिला बांग्लादेश की रहने वाली है।
आरोपी लति फुर्रहमान के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। पुलिस को उसके पास से यूएनएचआरसी के पत्र की फोटो प्रति व मोबाइल मिला है। आरोपी ने बताया कि उसने शरणार्थी कार्ड के लिए आवेदन किया था। लेकिन, अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। उसका जन्म म्यांमार में हुआ था। ढाई साल की उम्र में पूरा परिवार बांग्लादेश आ गया था। 12 साल पहले पिता की मौत हो गई। फिलहाल मां, तीन बहनें और एक भाई है, जो वहीं रहते हैं। साल 2011 में दलाल की मदद से बार्डर पार करके गुवाहाटी आया था, जहां से ट्रेन से अलीगढ़ आया। इसके बाद कमेला में काम करने लगा और फिर पंजाब चला गया। पांच दिन पहले ही अलीगढ़ आया था। उधर, पकड़ी गई आरोपी महिला अमरूल निशा के पास से पुलिस को कुछ पर्चियां मिली थीं। जिन पर उसके रिश्तेदारों के नंबर लिखे थे। अमरूल की शादी बांग्लादेश में हुई थी। महिला भी बच्चों के साथ दलाल के जरिये बार्डर पार करके भारत आई थी। यहां पहले किराये पर मकदूम नगर में रहती थी। करीब 20 दिन पहले गांव चमरौला पहुंची थी। पुलिस अब दोनों का सत्यापन करने के लिए इनके दूतावास से संपर्क कर रही है।