UP के जिला अलीगढ़ के थाना सिविल लाइन इलाके के दोदपुर स्थित पान वाली कोठी की मालकिन की करोड़ों की संपत्ति को बेच देने के मामले में कोर्ट के आदेश पर बन्नादेवी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि मुख्यतारनामे के आधार पर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर बैनामा कर दिया गया। एफआईआर में पूर्व मंत्री ख्वाजा हलीम की बहन व दो भांजों को नामजद किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के पटौदी हाउस निवासी व हाल निवासी पान वाली कोठी दोदपुर (सिविल लाइन) के अहमद हलीम ख्वाजा ने रिपोर्ट में कहा है कि पान वाली कोठी की असली मालकिन अनवर जहां बेगम थीं। उनकी मौत के बाद वे उनके एकमात्र वारिस हैं। सिविल लाइन के अलावा शहर के टनटनपाड़ा सहित कई जगह पर उनकी कीमती जमीनें हैं। आरोप है कि अब्दुल्ला गर्ल्स कालेज स्थित दिलराम कार्टिज अहमद हुसैन शेरवानी ने 19 जुलाई 2010 में मुख्यतारनामा दर्शाते हुए इन कीमती जमीनों का कूट रचित दस्तावेजों के जरिए कई लोगों को तहसील कोल में बैनामा कर दिया। रेहाना इलियास उर्फ मोना जिनके पास पाकिस्तान की नागरिकता है और जो वर्तमान में लंदन के चार्ल बट कोर्टस स्ट्रीट में रहती हैं, को वारिसान बताते हुए उनका मुख्यतारनामा होने का दावा किया है। अहमद हुसैन ने करोड़ों की जमीनों को बेच दिया है। उन्हें जानकारी हुई तो उन्होंने अहमद हुसैन से मिलकर आपत्ति की। जिस पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई और देते हुए उसे मारकर दरिया में फेंक देने की बात कही। शिकायत पर कहीं सुनवाई न हुई तो उन्हें मजबूर होकर कोर्ट में शरण लेनी पड़ी।
इधर, इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि अहमद हलीम ख्वाजा ने अहमद हुसैन, रेशमा रियाज, शुगुफ्तां उवैस, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद आदिल, नुसरत, सना, खुर्शीद आलम, शबाना निजाम, शाकिर हुसैन, मोहम्मद नबाव, ग्यासुद्दीन अहमद, आहद शेरवानी, रईस अहमद आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। नामजद आरोपी शबाना निजाम पूर्व मंत्री ख्वाजा हलीम की बहन हैं। जबकि आहद शेरवानी व रईस अहमद उनके भांजे हैं।