जानिए, अलीगढ़ में 22,155 दंपतीयो ने क्यों अपनाए परिवार नियोजन के साधन ?

जनपद अलीगढ़ के 18 शहरी अर्बन पीएचसी, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 97 हेल्थ वेलनेस सेंटर हैं । इन केन्द्रों पर परिवार नियोजन के साधन नि:शुल्क उपलब्ध हैं। कोई भी दंपत्ति इन साधनों में से मनपसंद साधन अपना सकता है। जिले में अब तक 22,155 दंपत्ति परिवार नियोजन के साधन अपना चुके हैं । यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद उपाध्याय का ।

 

सीएमओ ने बताया कि नव दंपती जब तक बच्चा न चाहें तब तक अस्थायी साधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। सभी साधन सुरक्षित हैं। परिवार नियोजन के स्थायी साधन यानी नसबंदी को पुरुष और महिलाएं दोनों अपना सकते हैं। उन पुरुषों को नसबंदी करवानी चाहिए जो शादी-शुदा हो और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो। उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए जब पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो। पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है।

 

परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉक्टर एस.पी सिंह ने बताया कि महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है। वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो। दंपती के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो। पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो। महिला की सहमति भी नितांत जरूरी है।

 

सीनियर वरिष्ठ परिवार नियोजन विशेषज्ञ महरोज तसलीम सिद्दीकी ने बताया कि इस वर्ष 01 अप्रैल 2021 से अब तक 22,155 दंपति ने परिवार नियोजन को अपनाया है। इस दौरान 1200 महिला नसबंदी व 22 पुरुष नसबंदी, 9565 आईसीयूडी, 6574 पीपीआईयूसीडी व 4821अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन लगवाए। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर पर नसबंदी शिविर आयोजित किया गया, जिसमे लोगों ने परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया। इस दौरान 9 महिला नसबंदी, 6 पुरुष नसबंदी, 9 आईयूसीडी, 9 पीपीआईयूसीडी, 2 अंतरा इंजेक्शन का वितरण भी किया गया।

 

 

नसबंदी कराने पर लाभार्थियों ने की एक मिसाल पैदा ?

32 वर्षीय सूरजपाल निवासी गांव शुबाला कला के रहने वाले हैं। जिनकी उम्र 32 वर्ष की है और इनके चार बच्चे हैं । जिनमें दो लड़का और दो लड़की है । सूरजपाल का कहना है कि आशा सुनीता ने परिवार नियोजन को लेकर नसबंदी कराने के लिए काफी अच्छे तरीके से समझाया और उनकी बात को समझकर मैंने 21 तारीख को लगाए गए शिविर में नसबंदी करा लिया । मुझे किसी तरह की भी कोई परेशानी नहीं हुई ।

 

45 वर्षीय वीरेंद्र निवासी गांव शुबाला कला के रहने वाले हैं। इनके 6 बच्चे हैं जिनमें तीन लड़का और दो लड़की है। सुरेंद्र का कहना है कि मेरी फैमिली पूरी हो चुकी है और मुझे लग रहा था इससे कोई परेशानी होगी ।लेकिन आशा सुनीता के समझाने पर मैंने 28 तारीख को आयोजित किए गए कैंप में नसबंदी कराकर विरेन्द्र ने एक मिसाल पैदा की है । जो मेरे मन में नसबंदी को लेकर गलत भ्रांतियां थी वह दूर हो चुकी है । आगे भी अपने गांव में लोगों को नसबंदी के लिए जागरूक करूंगा ।

 

ब्लॉक खैर के समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राहुल शर्मा ने कहा खैर ब्लॉक में 21 व 28 सितम्बर को लगाए गए शिविर के में आठ लोगों की नसबंदी की गई। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी लाभार्थियों का फॉलोअप किया गया और उन्होंने सभी से अपील की है अगर ऑपरेशन के बाद किसी को समस्या हो तो आशा सुनीता द्वारा आप खैर सीएससी पर आकर कभी भी आप अपना नि:शुल्क इलाज करा सकते हैं ।

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