अलीगढ़ : तत्कालीन SOG प्रभारी रवि त्यागी समेत 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज ! जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तरप्रदेश के जिला अलीगढ़ के थाना पिसावा इलाके में राजा के किले में छह साल पूर्व विदेशी हथियार, जेवरात, सिक्के और अन्य बेशकीमती उत्पाद चोरी होने का आज तक खुलासा तो नहीं हो सका। मगर, उस समय घटना के खुलासे में जुटी पुलिस के खिलाफ अवैध रूप हिरासत में रखने और उत्पीड़न करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमे मुकदमे में तत्कालीन पिसावा थाना प्रभारी, एसओजी प्रभारीसमेत दस पुलिसकर्मी नामजद आरोपी हैं। यह मुकदमा सीबीसीआईडी जांच के आधार पर इंस्पेक्टर विद्योत्तमा शर्मा की तरफ से पिसावा थाने में दर्ज कराया गया है। जिसके बाद महकमे में खलबली मची है।

 

000000<script async src=”https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-3266838863079147″
crossorigin=”anonymous”></script>
<!– image ads befour post –>
<ins class=”adsbygoogle”
style=”display:block”
data-ad-client=”ca-pub-3266838863079147″
data-ad-slot=”3086160661″
data-ad-format=”auto”
data-full-width-responsive=”true”></ins>
<script>
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
</script>

 

 

जानकारी के मुताबिक, मुकदमे में तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक कमलेश कुमार यादव, थाने के एसआई केके सिंह, कॉन्स्टेबल अमित कुमार अगिभनहोत्री, तत्कालीन एसओजी प्रभारी इंस्पेक्टर रवि त्यागी, कॉन्स्टेबल वीरेश, राकेश, मोहन, सुखवीर, दुर्विजय, मुकेश कुमार नामजद हैं। कमलेश कुमार यादव वर्तमान में यहां डीसीआरबी में तैनात है और अन्य पुलिसकर्मियों का गैर जनपद ट्रांसफर हो चुका है।

 

 

 

पिसावा थाने में 22 मार्च 2015 को चोरी का मुकदमा दर्ज किया गया, जिसकी विवेचना तत्कालीन एसओ ने की। उसी रात उसरह टप्पल के विनोद को हिरासत में थाने लाया गया। जब उसे छोड़ने का अनुरोध ग्रामीणों ने किया तो जवाब मिला कि जगवीर को यहां ले आओ, विनोद को छोड़ देंगे। इसके बाद 25 मार्च को ग्रामीण रामपाल व रवेंद्र जगवीर को थाने लेकर गए तो उसे भी बैठा लिया गया और विनोद को नहीं छोड़ा। बल्कि, रामपाल व रवेंद्र को थाने से फटकार कर भगा दिया।

 

 

इसके बाद 5 अप्रैल को विनोद को पुलिस हिरासत में सीने में दर्द हुआ तो पुलिस उसको गांव छोड़ गई, जबकि जगवीर की हालत बिगड़ी तो उसे भी ग्रामीणों के सुपुर्द कर दिया। ग्रामीणों ने इन दोनों का इलाज कराया तो मेडिकल परीक्षण में इनके चोटों का उल्लेख आया। इस दौरान थाना पुलिस के अलावा नामजद एसओजी कर्मियों ने भी पूछताछ में टॉर्चर किया।

 

 

इसकी वजह से पीड़ितों के चोट आई हैं। साथ में इन दोनों को अवैध हिरासत में रखने के झूठे तस्करे भी जीडी में दर्ज किया। इन आरोपों के संबंध में पीड़ित पक्ष की शिकायत पर सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई। जांच के आधार पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है।  पिसावा इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि मुकदमे में पुलिस विवेचना कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: