उत्तरप्रदेश के जिला एटा के थाना अलीगंज के थाने में एक सिपाही की मौत से महकमे में बुखार को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। सिपाही को चार दिन पहले बुखार आया था। उसका नोएडा के एक निजी अस्पताल में अस्पताल में इलाज चल रहा था।
एटा जिले के थाना अलीगंज पर बीमारियों ने हमला कर दिया है। डेंगू से पीड़ित एक सिपाही की रविवार को मौत हो गई। वहीं तीन अन्य पुलिसकर्मी भी बीमार हैं। इससे पहले अलीगंज क्षेत्र का ही गांव बिल्सड़ डेंगू और लगातार मौत को लेकर चर्चा में रहा था।
जानकारी के मुताबिक, गांव सीकरी निवासी मोहित कुमार पुत्र नेत्रपाल सिंह यहां अलीगंज थाने में तैनात थे। चार दिन पहले उन्हें बुखार आया। अगले दिन उन्होंने आकस्मिक अवकाश ले लिया। डेंगू की पुष्टि होने पर उनको इलाज नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उनके भाई राहुल ने थाने पर सूचना दी कि रविवार की सुबह नोएडा में डेंगू के इलाज के दौरान मोहित की मृत्यु हो गई। इस पर थाना परिसर में पुलिसकर्मियों ने शोकसभा कर दो मिनट का मौन धारण किया। वहीं दोसिपाहियों को मोहित के पैतृक गांव भेजा गया है। इनके अलावा थाने में तैनात दो महिला सिपाही और एक पुरुष सिपाही भी बुखार की चपेट में हैं।
तीन दिन पहले आगरा में हुई थी एटा के सिपाही की मौत ?
इससे पहले एटा के गांव नगला गलुआ निवासी सिपाही शैलेष यादव की मृत्यु 28 अक्तूबर को आगरा में इलाज के दौरान हुई थी। उन्हें भी डेंगू था। उनकी तैनाती मथुरा जिले के थाना दाऊजी थाने में थी। इधर, सीओ अलीगंज राज कुमार सिंह ने बताया कि सिपाही मोहित को डेंगू हुआ था, जिसकी इलाज के दौरान नोएडा में मृत्यु हुई है। तीन अन्य सिपाही बुखार से पीड़ित हैं। बीमारियों को लेकर थाने में अधिक सतर्कता बरती जाएगी।
निजी लैब डेंगू जांच की नहीं दे रहीं सूचना ?
डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मेडिकल कॉलेज से लेकर निजी नर्सिंग होम में मरीजों की भरमार है। वहीं निजी लैब में जांच कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे है। तमाम लोगों को डेंगू बताया जा रहा है, लेकिन लैब संचालक स्वास्थ्य विभाग को जांच की सूचना नहीं दे रहे हैं।