अलीगढ़ :
मलखान सिंह जिला चिकित्सालय में तीन माह से अवसाद अवसाद ग्रस्त महिला का इलाज चल रहा है । परिजनोंने बताया कि महिला के पति एक साल पहले अवसाद यानि डिप्रेशन का इलाज करवा रहे थे। थोड़ा आराम आने के बाद साइकोथेरेपी का सेशन बीच में ही छोड़ दिया । उन्हें लगा कि महिला ठीक हो गई हैं । इस बीच पारिवारिक कलह के कारण पति ने आत्महत्या कर ली । तब से महिला मानसिक स्थिति असंतुलित है । वर्तमान में दवा व साइकोथेरेपी के जरिए महिला सामान्य हो रही है । चिकित्सकों का कहना है कि यह कोई इकलौता मामला नहीं है, बल्कि ऐसे केस हर दिन आते हैं । बस नियमित इलाज से ही मानसिक समस्या का निस्तारण संभव है ।
साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर अंशु एस सोम ने बताया कि डिप्रेशन लाइलाज रोग नहीं है, बल्कि इसका इलाज संभव है । इसके पीछे जैविक अनुवांशिकइसके पीछे जैविक, अनुवांशिक और मनोज सामाजिक कारण होते हैं । जैव रासायनिक असंतुलन के कारण भी डिप्रेशन होता है । इसके कई चरण होते हैं और अधिकता की परिस्थिति में कई रोगी आत्महत्या तक कर सकते हैं ।
तनाव के कारण, लक्षण व इलाज:
डॉक्टर अंशु एस सोम ने बताया कि आजकल हर कोई तनाव से घिरा है। एक सीमा तक का तनाव तो ठीक है परंतु अत्याधिक तनाव ज्यादा खतरनाक है । जब यही तनाव हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में परेशान करने लगता है तभी दिक्कत आती है। जिस व्यक्ति को तनाव हमेशा रहता है उसको इलाज के लिए किसी से सलाह लेना चाहिए। यह बात याद रखें कि यह कोई शर्म की बात नहीं है। यह कोई पागलपन या कोई बीमारी नहीं बल्कि ऐसा कभी भी किसी भी व्यक्ति के साथ हो सकता है।
तनाव के लक्षण:
.उदास रहना किसी काम में दिल न लगना
.ज्यादा सोना या कम सोना
.ज्यादा खाना या कम खाना
.किसी बात पर ध्यान ना देना
.अपने को दूसरों से कम समझना
.अपने ऊपर भरोसा कम करना
.छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ जाना
.खुद को बेकार समझना या मायूस होना
.मौत या खुदकशी के ख्याल आना
.नींद बहुत आना या कम आना
.खुश होने वाली बात पर गुस्सा आना या कम बोलना