अलीगढ़ में STF ने यूपी पुलिस SI परीक्षा में सेंध लगाने वाले तीन आरोपी पकड़े, सामान भी मिला ? जानिए क्या है पूरा मामला

अलीगढ़ जनपद में UPP उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले गिरोह का शुक्रवार को मेरठ की एसटीएफ ने बन्नादेवी थाना पुलिस की मदद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें परीक्षा कराने वाली कंपनी का सेंटर हेड उत्तराखंड हिमांशु भी शामिल है। गिरोह ने परीक्षा केंद्र में केबिल डालकर सिस्टम को हैक कर लिया था। इसके लिए एक मकान में पूरा सेट-अप बना रखा था।

जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा में साल्वर बिठाकर परीक्षा कराने की शिकायत मिल रही थीं। इस पर मेरठ फील्ड यूनिट के सीओ बृजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम गठित की गईं। जांच पड़ताल में पता चला कि अलीगढ़ के कुछ परीक्षा केंद्रों पर कंप्यूटर हैक करके अभ्यर्थियों से मोटी रकम ले कर परीक्षा हल करवाई जा रही है। इस पर मेरठ की टीम शुक्रवार को अलीगढ़ पहुंच गई। पता चला कि बन्नादेवी थाना इलाके के महर्षि इंटर कालेज में इसी तरीके से परीक्षा करवाई जाती है। पुलिस ने कालेज में पास एक मकान में चल रहे इस सेंटर का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सुरक्षा विहार निवासी दीपक उर्फ जीतू, मोहल्ला गायत्री नगर निवासी राजवीर सिंह और उत्तराखंड के हरिद्वार के थाना भगवानपुर के गांव कोटा मुरादनगर निवासी हिमांशु नाम बताया।

पुलिस को इनके पास से एक कंप्यूटर, मानीटर, दो सीपीयू, वाइ-फाइ, इंटरनेट डिवाइस, 11 केबिल, तीन एडप्टर, चार पावर कोड, पावर केबिल, की-बोर्ड, माउस, मल्टी प्लग एक्सटेंशन बोर्ड, दो पावर प्लग, सात हार्ड डिस्क, एख लेन केबिल बरामद की गई है। सीओ मोहसिन खान ने बताया कि गिरोह में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं। इनकी तलाश में पुलिस टीमें लगा दी गईं हैं।

एक लाख रुपये के लालच में दीपक ने दिया था इंटरनेट ?

पुलिस ने सबसे पहले दीपक को गिरफ्तार किया। दीपक ने पूछताछ में बताया कि वह इंटरनेट का कनेक्शन उपलब्ध कराता है। दीपक ने बताया कि योगेंद्र नाम के व्यक्ति ने उसे गाजियाबाद के लक्ष्मीगार्डन लोनी निवासी जितेंद्र की आइडी दी थी। इस पर 21 नवंबर 2021 को महर्षि इंटर कालेज के पीछे गायत्री नगर में राजवीर के मकान में इंटरनेट लगा दिया गया। यहां छह-सात लोगों ने लैब में लगे कंप्यूटर की आइडी को बदलकर एनी डेस्क के माध्यम से अपने फोन पर सभी कंप्यूटर का एक्सेस ले लिया था।

वहीं, 25 नवंबर की सुबह दीपक को फिर बुलाया गया। कहा कि इंटरनेट नहीं चल रहा है। इसके बाद एक अनजान व्यक्ति से फोन पर बात कराई। उसने तकनीकी जानकारी बताई, जिसकी मदद से इंटरनेट चल गया और कुछ ही देर में दोनों कंप्यूटर का एक्सेस फिर से आ गया। इस काम में योगेंद्र के अलावा कुलदीप, योगी चौधरी, उमेश, प्रदीप, मोहन, भूरा, बिट्टू व राजवीर सिंह शामिल हैं। इसके लिए एक लाख रुपये देने की बात कही गई थी। कहा कि इंटरनेट की समस्या आने पर ठीक करना होगा। दीपक के मुताबिक, गिरोह के लोगों ने एनएसआइटी के सेंटर के हेड हिमांशु का नाम लिया। कहा था कि उनसे भी बात हो गई हैं। वह भी साथ हैं।

प्रतिदिन 20 हजार का दिया था लालच ?

दीपक को लेकर पुलिस राजवीर के मकान में पहुंची। जहां से मकान मालिक राजवीर को गिरफ्तार किया गया। राजवीर ने बताया कि गिरोह के सदस्यों ने उसे 20 हजार रुपये प्रतिदिन देने व इंटरनेट फ्री देने का लालच दिया था। आरोपियों के खिलाफ थाना बन्नादेवी में धोखाधड़ी, 66 डी आइटी एक्ट, सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

कालेज के सिस्टम चालू होते ही मिल जाता था एक्सेस ?

पुलिस कार्रवाई करते हुए कालेज पहुंची, जहां हिमांशु को पकड़ा। हिमांशु ने बताया कि लैब की चाबी योगेंद्र के पास है। हिमांशु ने बताया मकान में एक मुख्य सिस्टम इंस्टाल किया, जिसको कालेज की लैब से कनेक्ट करने के लिए एक फिजिकल लैन केबल डाली, जो उस मकान से होते हुए कालेज की उस लैब के सिस्टम के साथ कनेक्ट की गई। इसके बाद गिरोह के लोगों ने ऐसा नेटवर्क तैयार कर लिया, जिससे कालेज के कंप्यूटर चालू होते ही उनका एक्सेस मकान में लगे कंप्यूटर में आ जाता था। इसके बाद मकान में बैठे योगेंद्र व उसके साथी परीक्षा को हल कर देते थे। इसके लिए हिमांशु को प्रतिदिन एक लाख रुपये देने का भरोसा दिया गया था।

इंटरनेट न चलने पर हुई दिक्कत ?

25 नवंबर को हुई परीक्षा में आरोपियो ने दो कंप्यूटर पर एक्सेस तो ले लिया था, लेकिन इंटरनेट ठीक न चलने के कारण सफल नहीं हो पाए। ऐसे में 26 को छुट्टी के दिन इसे पूरी तरह से दुरुस्त करने की योजना थी, ताकि 27 नवंबर को फिर से हैक करके परीक्षा हल करवाई जा सके। हालांकि आरोपियो ने पूछताछ में जो बातें बताईं हैं, पुलिस उसकी तस्दीक करने में लगी है।

 

 

छह केंद्रों पर शनिवार को होनी है परीक्षा ?

अलीगढ़ में छह सेंटरों पर कुल 133 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इनमें 25 नवंबर को परीक्षा हुई है। वहीं 27 नवंबर को फिर से परीक्षा होनी है। इस खुलासे के बाद पूरे स्टाफ को बदल दिया गया है।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि एसटीएफ की जानकारी के आधार पर गिरोह के तीन लोग पकड़े गए हैं, जो दारोगा भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने की तैयारी में थे। विवेचना के लिए साइबर क्राइम व सर्विलांस की टीमों को भी लगाया गया है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है। दूसरी तरफ सभी परीक्षा केंद्रों पर सतर्कता रखी गई है। एसपी सिटी इसके नोडल प्रभारी हैं।

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