फर्जी जाति प्रमाण लगाकर बना सिपाही और 9 साल की नौकरी ! जानिए कैसे खुला भेद



उत्तरप्रदेश के जिला एटा के जलेसर के युवक ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और उसके दम पर पुलिस विभाग में नौकरी पा ली। मामले की जांच में खुलासा हुआ और उसके बाद एसएसपी ने आरोपी सिपाही की सेवा समाप्त कर दिया है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, जलेसर का रहने वाले प्रदीप कुमार ने 2011 की पुलिस भर्ती में शामिल होने का आवेदन किया था।

इस दौरान उसने अन्य पिछड़ा वर्ग यानि यादव जाति से होते हुए अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पा ली।  अलीगढ़ में नौकरी शुरू कर दी और नौ साल नौकरी करने के बाद फर्जीवाडा दिसंबर 2020 में तब सामने आया, जब उसके गांव के एक व्यक्ति ने  अधिकारियों से शिकायत की।

मामले की जांच एसपी क्राइम ने की। जांच रिपोर्ट के बाद आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया गया और  उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की पत्रावली शुरू हुई। मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने निर्णय लेते हुए सिपाही को बर्खास्त कर दिया है।



अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज इलाके में बदमाश बेख़ौफ़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस का इनको जरा भी ख़ौफ़ नही है। एकांत स्थान तो छोड़िए, थाने के सामने दुकान का शटर काटकर माल चोरीकर कर बदमाश फरार हो गए। पुलिस पर मुकदमा दर्ज न करने का भी आरोप है। उधर से, पिछले दिनों साधु आश्रम स्थित तीन दुकानों में हुई चोरी का मुकदमा भी दर्ज नही। पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में आक्रोश है।

जानकारी के मुताबिक, गांव मोरथल के रहने वाले जहीर खान की रामघाट रोड स्थित थाना हरदुआगंज के  सामने कबाड़े की दुकान है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात्रि चोर शटर काटकर दुकान से करीब 40 हजार रुपये का तांबा व पीतल चोरी कर फरार हो गए। घटना की जानकारी शनिवार दुकान खोलने के दोरान हुई। सूचना पर पुलिस ने दुकान का मौका मुआयना कर लिया। जहीर के मुताबिक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नही किया। उसको कबाड़ा बेचने वाले, परिजन आदि को पूछताछ के लिए थाने लाने की बात कहकर वहां पसे टरका दिया।

 

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