उत्तरप्रदेश के जिला में रविवार (30 जनवरी) से स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसमें घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे करेंगी और कुष्ठ रोगियों की पहचान करेंगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि 30 जनवरी को सीएमओ ऑफिस व सभी प्रशासनिक अधिकारी और ग्राम प्रधानों द्वारा जिलाधिकारी का सन्देश जनता को पढ़कर सुनाया जाएगा और जागरूकता संबंधित अपील की जाएगी। ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के अंतर्गत जगह जगह पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। समुदाय द्वारा कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति को उसकी सहमति के बाद सम्मानित किया जाएगा । जागरूकता संबंधित कार्यक्रम स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. खान चंद ने बताया कि जनपद में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान की शुरूआत 30 जनवरी को होगी। इसके तहत जनपद में पोलियो अभियान की भांति घर-घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम कुष्ठ रोगियों की पहचान करेगी। लक्षणों के आधार पर रोगियों की पहचान कर उनकी लाइन लिस्टिंग की जाएगी। जो कुष्ठ रोगी पहले से अपना उपचार करा रहे हैं उनका फॉलोअप किया जाएगा।
डॉ. चंद ने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रो वेक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है।
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यह हैं लक्षण:
डॉ. खान चंद ने बताया कि कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता नहीं है। शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली न हो, पसीना न आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है । कान पर गांठें होना, हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना, कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं।