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एएमयू में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रीसिटी विभाग में चार दिवसीय राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस आज से ऊर्जा हानि को सीमित करने पर जागरूकता कार्यक्रमों के साथ शुरू हुआ। उदघाटन समारोह में ऊर्जा संरक्षण अपनाने का संकल्प दिलाते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने शिक्षकों और छात्रों को ऊर्जा संरक्षण अभियान में भाग लेने का आह्वान किया।



उन्होंने कहा कि आइए हम सभी रोज़मर्रा के जीवन में ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग करने, शून्य अपव्यय सुनिश्चित करने और स्वस्थ पर्यावरण और टिकाऊ भविष्य के लिए ऊर्जा संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने का संकल्प लें। प्रो मंसूर ने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग पर जागरूकता फैलाने और ऊर्जा संसाधनों को बचाने और स्थायी साधनों पर निर्भरता बढ़ने की दिशा में प्रयास करने पर जोर दिया।

उन्होंने परिसर में ऊर्जा संरक्षण की पहल के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की प्राथमिकता और प्रतिबद्धता के बारे में बात की और कुशल हरित ऊर्जा योजनाओं को लागू करने के लिए विद्युत विभाग के प्रयासों की सराहना की। विद्युत विभाग के प्रभारी सदस्य, प्रो मोहम्मद रिहान ने अनियंत्रित ऊर्जा खपत की वित्तीय और पर्यावरणीय चिंताओं के बारे में बात की और ऊर्जा संरक्षण के प्रभावी तरीके सुझाए।

प्रो रिहान ने ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिए ऊर्जा मॉनिटर, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को प्रेरित किया।वाइस चांसलर प्रो मंसूर ने ‘ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन इन इंडिया- इनक्लूडिंग द सक्सेस स्टोरी ऑफ एएमयू’ का भी विमोचन किया, जो प्रोफेसर रिहान द्वारा हरित ऊर्जा संक्रमण और एएमयू में विकास पर राष्ट्रीय मिशन पर लिखी गई पुस्तक है। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रो मोहम्मद अल्तमश सिद्दीकी ने सभी से ऊर्जा के प्रति जागरूक होने और अपने परिवेश में सतर्क रहकर ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

एसोसिएट मेंबर-इन-चार्ज, इलेक्ट्रीसिटी डॉ एम अजमल कफील ने स्वागत भाषण दिया और सैयद मोहम्मद अब्दुल्ला (सहायक अभियंता, एएमयू) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन जावेरिया साजिद ने किया।

 

गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं ने स्टडी टूर किया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग के स्नातक अंतिम वर्ष की छात्राओं ने अपने पाठ्यक्रम आधारित गतिविधियों के तहत जमालपुर मदर टेरेसा मिशनरीज ऑफ चौरिटी अनाथालय और होम फॉर मेंटली रिटार्डेड का दौरा किया।



छात्राओं को सिस्टर जोसियन रोज द्वारा निर्देशित किया गया। छात्राओं ने अनाथों के साथ बातचीत की और मानसिक रूप से मंद बच्चों के प्रबंधन का अध्ययन किया, जो स्व-वित्तपोषित और गैर-सरकारी संगठन द्वारा मदर टेरेसा के नक्शेकदम पर उनके सामाजिक सेवा मिशन के हिस्से के रूप में प्रबंधित किए जाते हैं।

गृह विज्ञान विभाग की छात्राओं ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधित अहमदी स्कूल का भी दौरा किया और छात्रों के लिए उपलब्ध शैक्षिक सुविधाओं और दैनिक जीवन में उनके सामने आने वाली समस्याओं का अध्ययन किया। डॉ. नायला राशिद (प्रिंसिपल, अहमदी स्कूल) ने छात्राओं का स्वागत किया और उन्हें दृष्टिबाधित छात्रों के शैक्षिक माहौल के बारे में बताया।

 

बहुराष्ट्रीय कम्पनी सेंटेली ने एएमयू छात्रों का चयन किया

बहुराष्ट्रीय कम्पनी, सेंटेली ने प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय (कंप्यूटर विज्ञान विभाग) और प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय (सामान्य) के एक संयुक्त भर्ती अभियान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान विभाग के 13 छात्रों को अपने यहां नियुक्ति प्रदान की है।

प्रोफेसर आसिम जफर (अध्यक्ष, कंप्यूटर विज्ञान विभाग) ने बताया कि चयनित छात्रों में अरुण चौधरी (एमसीए), शुभ्रा गुप्ता (एमसीए), ऐमेन फहीम (एमसीए), हम्मादुल हक (एमसीए), लोकेश तिवारी (एमसीए), मोहम्मद बिलाल (एमसीए), शारुख बेग (एमसीए) नोमन सुभानी (एमसीए), वसीम खान (एमसीए), अतहर जावेद (एमसीए), गौरव वार्ष्णेय (एमसीए) और प्रियांशु माहेश्वरी (एमएससी साइबर सिक्योरिटी एंड डिजिटल फोरेंसिक) को रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, बिजनेस इंटेलिजेंस के डोमेन में काम करने के लिए चयनित किया गया है।

प्रो आसिम ने साद हमीद (प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी-जनरल), डॉ मोहम्मद नदीम (प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी, कंप्यूटर विज्ञान) और उप प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी, डॉ फैसल अनवर और डॉ मोहम्मद साजिद के साथ सेंटेली के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया।

 

एएमयू शिक्षक को बीआरएसआई के फेलो के रूप में चुना गया

डॉ. हिफजुर आर सिद्दीकी, एसोसिएट प्रोफेसर, जूलॉजी विभाग, एएमयू को बायोटेक रिसर्च सोसाइटी, इंडिया (बीआरएसआई) के ‘फेलो’ के रूप में चुना गया है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-गुवाहाटी में आयोजित 19बीआरएसआई कन्वेंशन के उद्घाटन सत्र के दौरान भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की उपस्थिति में उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।

उन्हें इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर एडवांस्ड मैटेरियल्स, स्वीडन द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर डायमंड जुबली मेडल के लिए भी चुना गया है। विज्ञान में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए हाल ही में डा. सिद्दीकी को इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय, दिल्ली में सामग्री, ऊर्जा और जलवायु पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान पदक व्याख्यान के बाद पदक दिया गया था।

 

एएमयू में ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ पर कार्यक्रम

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों, विभागों, कॉलेजों और स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों ने ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ पर जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया और महिला अधिकारों और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा की गई।



पैरामेडिकल कॉलेज में 10 दिसंबर को संपन्न हुए ‘महिलाओं के खिलाफ भेद भाव पखवाड़ा’ में यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता पर कविता और भाषण प्रतियोगिता, पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता और नुक्कड़ नाटक समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। पैरामेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो इब्ने अहमद ने कहा कि लैंगिक समानता मानवाधिकारों का केंद्र बिंदु है और लगभग हर मानवाधिकार संधि के तहत लिंग आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित किया गया है। विश्व स्तर पर महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने में काफी प्रगति के बावजूद, लाखों महिलाओं और लड़कियों को भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने के लिए पूरी दुनिया को एक साथ आने का यह सही समय है।

कार्यशाला का संचालन करते हुए डॉ वासिल हसन ने कहा कि चूंकि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और हिंसा निरंतर, व्यवस्थित और समाज के ताने-बाने में गहराई से प्रविष्ट है, इसलिए दुनिया भर में बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों और कर्मचारियों को कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम और निषेध के प्रावधानों पर ज्ञान प्राप्त करने का आह्वान किया।

ज़किया और रुमीज़ा शकील ने विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया। जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज में इसी तरह के एक कार्यक्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के वक्ताओं, प्रो रचना कौशल और डॉ आदिल गजनवी को ‘कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता पैदा करने’ पर व्याख्यान दिया।

महिलाओं के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, वक्ताओं ने कहा कि भारतीय कानून के अनुसार कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न महिलाओं का एक सामान्य अनुभव है, जो महिलाओं के काम के साथ-साथ उनकी भलाई को भी प्रभावित करता है। भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों को रोकने और उनका समाधान करने के लिए 10 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी कार्यस्थलों पर एक आंतरिक समिति के गठन पर ज़ोर दिया गया है।

जेडएडीसी के प्रिंसिपल, प्रोफेसर आर के तिवारी ने महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा और भेदभाव को समाप्त करने की प्रतिबद्धता का आह्वान किया, जो समाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं, लैंगिक समानता में बाधा डालते हैं और देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को बाधित करते हैं।

यौन उत्पीड़न समिति की प्रोफेसर गीता राजपूत ने कार्यक्रम का संचालन किया। समिति के अन्य सदस्यों प्रोफेसर एम के जिंदल, डॉ जूही गुप्ता और डॉ इमान अहमद ने यौन उत्पीड़न को महिलाओं की समानता और सम्मान के अधिकार पर चर्चा की।

अहमदी स्कूल में महिला अधिकारों पर एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया जिसमें शिक्षकों ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के बिंदुओं को समझाया गया। स्कूल की प्रिंसिपल डॉ नायला राशिद ने कहा कि कार्यक्रम में महिला अधिकारों और लिंग आधारित भेदभाव पर जागरूकता ऑडियो भी शामिल थे।

एएमयू गर्ल्स स्कूल में महिला मुद्दों पर छात्रों को संवेदनशील बनाने के लिए जागरूकता व्याख्यान भी आयोजित किए गए। एएमयू गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल, आमना मलिक ने कहा कि छात्राओं ने पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता और जागरूकता मार्च में भाग लिया। महिला हेल्पलाइन नंबर विभिन्न प्रवेश और निकास बिंदुओं और स्कूल के अन्य क्षेत्रों में प्रदर्शित किए गए।

 

 

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