अलीगढ़ में हैंड्स फ़ॉर हेल्प संस्था ने क्यों मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में टीबी के 127 मरीजों को पोषण सामिग्री वितरित की ! जानिए

अलीगढ़ :

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत हैंड्स फ़ॉर हेल्प की तरफ से टीबी के 127 मरीजों को श्रीराम धर्मशाला में पोषण सामिग्री वितरित करने के साथ ही स्वेक्षिक ब्लड डोनर कैम्प लगाया गया। जिसमें रक्तदाताओं द्वारा 158 यूनिट रक्तदान किया । इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टाहार के साथ-साथ नियमित रूप से दवा खाने के लिए क्षय रोगियों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी ली है।

सीएमओ डॉक्टर नीरज त्यागी ने बताया कि हैंड्स फ़ॉर हेल्प की ओर से टीबी के 127 मरीजों को गोद लिया गया है। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों को प्रति माह खाने की पोष्टिक वस्तुएं देने का संकल्प लिया गया है। आगे भी प्रति माह पोषण सामग्री वितरित करते रहेंगे। इससे जनता में टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरणा मिलेगी।

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार बताया कि निक्षय मित्र बनकर पोषण सामग्री बांटना सराहनीय कार्य है और निक्षय ही जनपद को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त कर देंगे। ताकि पोषण की वजह से जल्दी पूर्ण रूप से ठीक हो सके।

संस्था अध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है जो प्रत्येक मरीज जो टीबी से ग्रसित है, उनको गोद लिया जाए । उन मरीजों की देखभाल की जाए और साथ ही पोषण भी वितरित किया जाए। जिससे की 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने में मदद मिले। इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा ऐसे क्षय मरीजों पर विशेष नजर रखी जाती है, जो आर्थिक व शारिरिक रूप से बीमारी के कारण चलने फिरने में असमर्थ है। उनका इलाज जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज जाकर भी करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त अगर किसी मरीज के परिवार में शिक्षा सम्बन्धी परेशानी को भी गंभीरता से लेकर उनके बच्चों को शिक्षा से संबंधित पूर्ण मदद की जाती है। हैंड्स फ़ॉर हेल्प भारत से 2025 तक टीबी समाप्ति के लिए कृतज्ञता के साथ संकल्पित है ।

उन्होंने कहा कि टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। सही समय पर उपचार कराने, नियमित दवा और पौष्टिक पोषाहार का सेवन करने से टीबी से छुटकारा आसानी से मिल सकता है। जिससे वह अपने परिवार के अन्य लोगों को भी इस बीमारी से बचा सकते हैं।
डीटीओ ने क्षय रोगियों से आह्वान किया कि सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें। इससे टीबी संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी।  क्षय रोग का सम्पूर्ण इलाज ही अहर्ता प्राप्त चिकित्सक की देख रेख में ही पूर्ण कराये। ताकि समय पर लक्षणों की सही पहचान कर टीबी से जंग जीत हासिल की जा सके।

उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. इमरान सिद्दीकी का कहना है कि टीबी मुक्त भारत अभियान प्रधानमंत्री का 2025 का जो सपना है। उसको पूरा करने के लिए क्षय रोग विभाग लगातार टीबी मरीजों की खोज करने में जुटा हुआ है।  उन्होंने कहा कि टीबी मरीज पोषण सामग्री या स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किसी भी तरह की परेशानी आती है, तो उसके लिए क्षय रोग विभाग की ओर से जो फोन लोगों को जाता है उस पर आप अपनी समस्या बताएं। जिसका निराकरण तत्काल कराने का कार्य किया जा सके।  स्टेट द्वारा जनवरी माह से दिसम्बर माह तक का जनपद में टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य 15000 का था, जबकि लक्ष्य प्राप्त करते हुए 15600 शत प्रतिशत करके उच्च स्थान पर हैं। क्षय रोगियों को गोद लेकर प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने का काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर डॉ विभव वार्ष्णेय, डॉ नागेश वार्ष्णेय, संस्था की तरफ से डॉ. डीके वर्मा, डॉ. एस के गौड़, चिराग कुमार, नीरज रानी, रामु रावत, मिंकू गर्ग, दीपक खन्ना, ब्रजपाल सिंह ,शिवम माहेश्वरी, अजय सिंह चौधरी, जितेंद्र वार्ष्णेय, मेघ श्याम शर्मा, अरुन शर्मा आदि मौजूद रहे।

 

 

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