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अमेरिकन संस्था ने जेएन मेडिकल कालिज में पैलेटिव केयर यूनिट के लिए सहायता प्रदान की

संयुक्त राज्य अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित गैर-लाभकारी संगठन अलीग्स केयर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज में गरीब व बेसहारा रोगियों के लिए 4 बेडों वाले पैलेटिव केयर यूनिट की स्थापना में सहायता प्रदान की है।

 

रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अकरम और रेडियो डायग्नोसिस विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इब्ने अहमद ने कहा कि जेएनएमसी में स्थापित यह अपनी तरह की पहली अग्रणी सुविधा है। जिससे कैंसर रोगियों के उपचार व प्रबंधन में और अधिक मदद मिलेगी। उन्होंने अलिग्स केयर टीम द्वारा की गई मानवीय सेवाओं की सराहना की।

जेएनएमसी को हर संभव सहायता का आश्वासन देते हुए अलीग्स केयर की संस्थापक अध्यक्ष डा समीना सालिम ने कहा कि उनका संगठन जेएनएमसी में एक पूर्ण पैलेटिव केयर यूनिट सुविधा की स्थापना में हर संभव सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अलीग्स केयर का उद्देश्य जरूरतमंद मरीजों को कैंसर की बेहतर देखभाल और सहायता प्रदान करना है।

अलीग्स केयर ने जेएनएमसी अस्पताल परिसर में शीतकालीन वस्त्र वितरण शिविर भी आयोजित किया जिसमें 50 से अधिक कैंसर पीड़ितों को जैकेट, शॉल और स्वेटर प्रदान किये गए। कार्यक्रम में डा. बिलाल हुसैन, डा. स्मृति प्रसाद व डा. शादाब आलम भी मौजूद रहे।

दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेडएच कालिज आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालोजी के पेट्रोलियम अध्ययन विभाग द्वारा राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के सहयोग से एनडीटी रेडियोग्राफी परीक्षण पर दो सप्ताह का ऑनलाइन औद्योगिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन 16 जनवरी को हुआ।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन, प्रोफेसर एम अल्तमश सिद्दीकी ने कहा कि एनडीटी रेडियोग्राफी परीक्षण विनिर्माण उद्योग, मोटर वाहन उद्योग, अपतटीय उद्योग, रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग, बिजली उत्पादन उद्योग, परिवहन उद्योग, अपशिष्ट प्रबंधन, समुद्री उद्योग, एयरोस्पेस उद्योग, सैन्य रक्षा, आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए अत्यधिक प्रासंगिक है।

जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य प्रोफेसर एम.एम सुफियान बेग ने कहा कि औद्योगिक प्रशिक्षण शिक्षाविदों और उद्योग के बीच की खाई को पाटने में मदद करेगा।

इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम संयोजक और अध्यक्ष, पेट्रोलियम अध्ययन विभाग, डा एम कामिल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के सह-संयोजक, श्री खालिद शकील (मुख्य प्रबंधक, प्रौद्योगिकी, एनएसआईसी नीमका, फरीदाबाद) ने संक्षेप में एनएसआईसी और रेडियोग्राफिक परीक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डाला।

उन्होंने रिसोर्स पर्सन, श्री हैदर अली खान का भी परिचय कराया, जो रेडियोग्राफिक परीक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, जिनके पास भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से एनडीटी प्रमाणपत्र प्राप्त है। डा मोइना अतहर (एसोसिएट प्रोफेसर) और श्री अब्दुल जब्बार (कार्यशाला अधीक्षक, जेएचसीईटी) प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-समन्वयक हैंे। डा एसजेड हसन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

संत तुकाराम की कविता पर एएमयू शिक्षक का व्याख्यान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आधुनिक भारतीय भाषा विभाग के मराठी अनुभाग के प्रभारी, डा ताहिर एच. पठान ने साहित्य अकादमी द्वारा रुपायतन, जूनागढ़, गुजरात के सहयोग से आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘संत साहित्य उत्सव‘ में ‘संत तुकाराम की कविता और नरसिंह मेहता‘ पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने कहा कि भक्ति आंदोलन इस सहस्राब्दी के भारतीय मानस का सबसे शानदार रचनात्मक प्रदर्शन है और संत तुकाराम भक्ति की उदारवादी परंपरा के महाराष्ट्रीयन प्रतीक हैं, जो निर्वाण प्राप्त करने के बाद अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गए।

उन्होंने कहा कि मराठी में संत तुकाराम का स्थान गुजरात के प्रारंभिक कवि नरसिम्हा मेहता के समान है। तुकाराम ने हमें ‘अभंग‘ से समृद्ध किया जबकि नरसिंह मेहता ने ‘पद‘ की रचना करके गुजराती भाषा और संस्कृति को समृद्ध किया। संत नामदेव ने मराठी में नरसिंह मेहता को प्रभावित किया। उनकी लोकप्रियता मराठी भाषा के छंदों से आती है जो उनकी कविता में दिखाई देते हैं।

एएमयू शिक्षक युनुस खान सोलर एनर्जी सोसाइटी के तीसरी बार सदस्य निर्वाचित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक के मैकेनिकल इंजीनियरिंग अनुभाग में सहायक प्रोफेसर, श्री मोहम्मद यूनुस खान को चार साल की अवधि के लिए तीसरी बार सोलर एनर्जी सोसाइटी ऑफ इंडिया (एसईएसआई) की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य चुना गया है।

एएमयू के पूर्व छात्र ने भूविज्ञान विभाग के छात्रों से संवाद किया

सेवानिवृत्त भूविज्ञानी (टीपीएल विशेषज्ञ 1), कुवैत ऑयल कंपनी और भूविज्ञान विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र श्री रियासत हुसैन ने भूविज्ञान विभाग के शोध छात्रों और स्नातकोत्तर छात्रों के साथ बातचीत की और सम्बंधित उद्योग का समग्र अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने तेल और गैस उद्योग में भूवैज्ञानिकों की भूमिका और महत्व पर प्रकाश डाला और छात्रों के प्रश्नों का उत्तर दिया। इससे पहले विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर के.आर फराहीम खान ने उनका स्वागत किया।

 

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