एएमयू छात्र का निलम्बन | Amu News | Aligarh Muslim University | thekhabarilaal | Aligarh News

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के बाद कथित तौर पर कुछ अनुचित नारे लगाए जाने का संज्ञान लेते हुए प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर एएमयू छात्र आचरण एवं अनुशासन नियमावली, 1985 के तहत एक छात्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा इस सम्बन्ध में गठित तीन सदस्यीय जांच समिति से 5 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने का आग्रह किया गया है।

विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कथित नारे औपचारिक निर्धारित कार्यक्रम के पूरा होने के बाद लगाए गए थे और विश्वविद्यालय ने कथित घटना का कड़ा संज्ञान लिया है।

एएमयू कुलपति ने सर सैयद अकादमी द्वारा प्रकाशित पांच पुस्तकों का विमोचन किया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सर सैयद अकादमी द्वारा आयोजित एक समारोह में कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने सर सैयद अकादमी द्वारा प्रकाशित पांच मोनोग्राफ व पुस्तकों का विमोचन किया जिनमें ‘सर सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खां तृतीय (अंग्रेजी), सर रास मसूद (अंग्रेजी), मलाउदी जकाउल्लाह (उर्दू), सर सैयद्स लिगेसी ऑफ प्लुरलिज्म एंड कम्पोजिट कल्चर (अंग्रेजी) और जहाने अलीगढ़ शामिल हैं।

प्रोफेसर तारिक मंसूर ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को अलीगढ़ तहरीक और सर सैयद और उनके साथियों के बलिदान और सेवाओं से अवगत होना चाहिए। इस लिहाज से ये पुस्तकें बहुत महत्वपूर्ण हैं जो न केवल डाक्यूमेंट्री हैसियत रखती हैं बल्कि अलीगढ़ आंदोलन से युवाओं को रूबरू कराने में भी काफी मददगार साबित होगी। कुलपति ने अकादमी के पदाधिकारियों और लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि सर सैयद अकादमी के अकादमिक और अनुसंधान गतिविधियों और प्रकाशन के लिए उनका सहयोग पहले की तरह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी की शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों में तेजी आई है और आशा है कि यह प्रवृत्ति भविष्य में भी जारी रहेगी।

प्रोफेसर मंसूर ने कहा कि प्राचीन दस्तावेजों का संरक्षण और उनका डिजिटाइजेशन जरूरी है ताकि लोग उनसे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद पुस्तकालय में प्राचीन दस्तावेजों के संरक्षण और डिजिटलीकरण का काम पूरा हो चुका है और सर सैयद  अकादमी में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।

कुलपति ने सर सैयद अकादमी के प्रकाशन और अनुसंधान गतिविधियों के लिए पूर्ण समर्थन की बात दोहराते हुए कहा कि सर सैयद शताब्दी समारोह के अवसर पर स्थापित बंदोबस्ती कोष से संगोष्ठियों और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए धन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इससे सर सैयद  अकादमी के साथ-साथ अलीगढ़ आंदोलन और सर सैयद पर शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करने वाले अन्य विभागों को लाभ होगा।

इससे पूर्व सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रोफेसर अली मोहम्मद नकवी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पिछले पांच वर्षों में अकादमी ने लगभग पचास पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उन्होंने कहा कि सर सैयद अकादमी को सक्रिय और संगठित करने का श्रेय कुलपति प्रो तारिक मंसूर को जाता है।

प्रोफेसर नकवी ने कहा कि अकादमी ने सर सैयद की मूल कृतियों को प्रकाशित किया है और सर सैयद पर पहला शैक्षणिक कार्य भी पहली बार प्रकाशित किया गया है ताकि इन दुर्लभ पुस्तकों तक अकादमिक जगत की पहुंच हो सके, इनमें जीएफआई ग्राहम, एसके भटनागर और क्रिश्चियन डब्ल्यू ट्रोल की किताबें शामिल हैं। इसके अलावाए अलीगढ़ आंदोलन से संबंधित प्राथमिक स्रोत जैसे प्राचीन अकादमिक कैलेंडर भी प्रकाशित किए गए हैं और अलीगढ़ आन्दोलन सहित सर सैयद के साथियों पर 25 मोनोग्राफ प्रकाशित किए गए हैं।

डा. सदफ फरीद द्वारा लिखित अंग्रेजी मोनोग्राफ सर सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खान तृतीय पर टिप्पणी करते हुए प्रो. नईमा गुलरेज (प्रिंसिपल, महिला कॉलेज) ने कहा कि सर आगा खान ने एमएओ कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बदलने में मुख्य भूमिका निभाई। उन्होंने सरकार द्वारा आवश्यक तीन लाख रुपये एकत्र करने के लिए पूरे देश का दौरा किया और दो साल की अवधि के भीतर इस राशि को एकत्र करने में सफल रहे।

असद बिन सादात द्वारा अनुवादित अंग्रेजी मोनोग्राफ ‘सर रास मसूद’ पर टिप्पणी करते हुएए प्रोफेसर हकीम सैयद जिल्लुर रहमान ने कहा कि सर रास मसूद प्रतिभाशाली और चुंबकीय व्यक्तित्व के मालिक और अमुवि कुलपति थे। उन्होंने ज्ञान और साहित्य का संरक्षण किया। अल्लामा इकबाल उनके घनिष्ठ मित्र थे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण कार्य किया। वह बारह वर्षों तक अंजुमन तरक्की-ए-उर्दू-हिंदी के अध्यक्ष भी रहे।

डॉ अब्बास रज़ा द्वारा सम्पादित उर्दू मोनोग्राफ ‘मौलवी ज़कउल्लाह’ पर टिप्पणी करते हुए प्रो. शाफे क़िदवई ने कहा कि मौलवी ज़काउल्लाह एक कई पुस्तकों के लेखक थे, जिन्होंने अलीगढ़ आंदोलन पर भी बहुत काम किया। उन्होंने ‘आबे हयात’ पर पहली टिप्पणी लिखी और मौलवी समीउल्लाह की जीवनी लिखी। उन्होंने गणित, अरबी और फारसी के शिक्षक के रूप में कार्य किया।

प्रोफेसर एआर क़िदवई ने डॉ. राहत अबरार और शाह नूर शान द्वारा संकलित अंग्रेजी पुस्तक ‘सर सैयद्स लिगेसी ऑफ प्लुरलिज्म एंड कम्पोजिट कल्चर’ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सर सैयद की बहुलवाद की परंपरा का संरक्षण और प्रचार आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि साझा संस्कृति सर सैयद की विरासत है। उन्होंने सभी समुदायों के साथ सामाजिक संपर्क बढ़ाया तथा मतभेदों से निपटने के लिए एक सभ्य दृष्टिकोण अपनाने और अंतर्धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

डॉ मुहम्मद शाहिद उप निदेशकए सर सैयद अकादमी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पुस्तकों का संक्षिप्त परिचय दिया। उन्होंने सर सैयद अकादमी की प्रकाशन गतिविधियों का भी संक्षेप में उल्लेख किया और अंत में आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के डीन, विभागों के अध्यक्ष, वर्तमान और पूर्व शिक्षक और अन्य गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

एएमयू में ‘परीक्षा पर चर्चा 2023’ की लाइव स्ट्रीमिंग

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने आज आगामी बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संवाद कार्यक्रम पर आधारित ‘परीक्षा पर चर्चा 2023’ की लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया।

विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, संकाय सदस्यों, स्कूल के शिक्षकों और छात्रों ने प्रशासनिक ब्लॉक के सम्मेलन कक्ष में आयोजित इंटरैक्टिव सत्र की लाइव स्ट्रीमिंग देखी।

एएमयू के विभिन्न विभागों और स्कूलों के छात्रों ने विशेष रूप से अपने-अपने संस्थानों में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सुना ताकि आगामी परीक्षाओं को बेहतर बनाया जा सके और एक सुरक्षित, खुला और स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए तनाव के स्तर को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री ने माता-पिता और शिक्षकों से छात्रों पर परीक्षा के डर को दूर करने में मदद करने के लिए दबाव कम करने का आग्रह किया।

एएमयू में गणतंत्र दिवस व्यापक रूप से मनाया गया

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों, विभागों, कार्यालयों, आवासीय हॉलों और स्कूलों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और प्रतिस्पर्धी साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्ल्लास के साथ मनाया गया। विमेंस कॉलेज में प्रधानाध्यापिका, प्रो नईमा खातून ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और भारतीय संविधान की अक्षुणता को बनाए रखने और संरक्षित करने पर भाषण दिया।

प्रोफेसर राकेश भार्गव (प्रिंसिपल और सीएमएस, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज) ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर जेएन मेडिकल कॉलेज सोसायटी ने साहित्यिक प्रतियोगिता का आयोजन किया। इबादत इमान सिद्दीकी को ‘देशभक्तों में स्क्रबः कोविड -19 की प्रतिकूलता के दौरान डॉक्टरों का योगदान’ पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता में विजेता घोषित किया गया, जबकि तहूरा खान उपविजेता बनीं। कैलीग्राफी प्रतियोगिता में रफत आफरीन विजेता बनीं और ऐमन फातिमा को उपविजेता घोषित किया गया।

सैयद हिलाल हुसैन ने जेएनएमसी सोसाइटी के लोगो डिजाइन के लिए पुरस्कार जीता। समारोह के दौरान कॉलेज बैंड ‘ऑक्टेव्स’ द्वारा एक संगीत कार्यक्रम और मौलिक अधिकारों के विषय पर एक नाटक का भी आयोजन किया गया।

प्रोफेसर वीना माहेश्वरी (डीन, चिकित्सा संकाय) ने छात्रों और शिक्षकों से कठिन समय में भी एकजुट रहने का आग्रह किया। प्रोफेसर हारिस एम खान (चिकित्सा अधीक्षक) और प्रोफेसर नजम खालिक (कोषाध्यक्ष, जेएनएमसी सोसाइटी) ने भी सभा को संबोधित किया।

डॉ. जेड ए डेंटल कॉलेज (जेडएडीसी) में समारोह का नेतृत्व करते हुए प्रोफेसर आर के तिवारी (प्रिंसिपल) ने शिक्षकों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता प्राप्त करने और संविधान का मसौदा तैयार करने में देश के नायकों द्वारा किए गए बलिदानों को याद रखें।उन्होंने कहा कि यह हमारे महान नेताओं के कारण ही है कि आज हम अपने उन अधिकारों का आनंद लेते हैं जो संविधान ने हमें दिए हैं।

अब्दुल्ला हॉल में डॉ गजाला नाहिद (प्रोवोस्ट) ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके बाद स्नातक छात्रों, मेहविश खानम और हिरा इदरीस ने क्रमशः अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में भाषण दिए। फातिमा फिरदौस ने एक देशभक्ति उर्दू कविता का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन अंदलीब अंजुम ने किया। प्रोफेसर सायरा महनाज, प्रोवोस्ट, बेगम सुल्तान जहां हॉल ने भारत का झंडा फहराने के बाद भारत के इतिहास में इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ निगहत रशीद ने स्वतंत्रता संग्राम के कई ऐतिहासिक किस्से सुनाए। डॉ नाजिया तबस्सुम ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

मोहसिनुल मुल्क हॉल में भी गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित हुआ जहां प्रोफेसर मोहम्मद अली जौहर (प्रोवोस्ट) ने झंडा फहराया और वार्डन और स्टाफ सदस्यों ने इस अवसर को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया।

सर सैयद हॉल-नॉर्थ में राष्ट्रीय ध्वज समारोह फहराने के बाद, प्रोफेसर मोहम्मद तारिक (प्रोवोस्ट) ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें क्योंकि यह राष्ट्र को वापस देने का सबसे अच्छा तरीका है।

आफताब हॉल में, डॉ. मोहम्मद तलहा (कार्यवाहक प्रोवोस्ट) ने झंडा फहराया और बताया कि कैसे भारतीय संविधान का निर्माण हुआ और 1950 में इसे अपनाया गया।

सैय्यद हामिद सीनियर सेकेंडरी स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ शकील अल्वी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराकर स्कूल में उत्सव का नेतृत्व किया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करने और स्कूल में उच्चतम अनुशासन को बनाए रखने के लिए काम करने का आग्रह किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री सादिया नासिर ने किया। सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) में प्रधानाध्यापिका डॉ नगमा इरफान ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सभी से राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने और देश की एकता और अखंडता में सार्थक योगदान देने का आग्रह किया।

इस अवसर पर छात्रों ने भी भाषण दिये और देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। इसके अलावा शिक्षकों, छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। इसी तरह, दृष्टिबाधित छात्रों के अहमदी स्कूल में डॉ नाएला राशिद (प्रिंसिपल) ने झंडा फहराया। आतिफा और गुलाम हुसैन खान ने क्रमशः हिंदी और अंग्रेजी में भाषण दिए।

23 जनवरी को मैराथन दौड़ के आयोजन के साथ ही विभिन्न सदनों के बीच तथा शिक्षक एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों के बीच मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच खेले गए जिसमें ऑरेंज हाउस और गैर शिक्षक कर्मचारियों की टीमों ने विजय प्राप्त किया। देशभक्ति गीत प्रतियोगिता में अल्फिया खान ने प्रथम, गौरी चैधरी और प्रिया ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।

एएमयू गर्ल्स स्कूल में प्रिंसिपल आमना मलिक ने झंडा फहराया और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की आवश्यकता पर बात की। अब्दुल्ला स्कूल में झंडा फहराने के बाद सुश्री उमरा जहीर (स्कूल अधीक्षक) ने गणतंत्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। जाइना राशिद, अब्दुल्ला इमरान और अबीर मुस्तफा ने क्रमशः इंग्लिश, उर्दू और हिंदी में इस अवसर पर बात की।

डॉ समीना (प्राचार्य, एएमयू एबीके हाई स्कूल) ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे सभी नागरिकों के बीच विविधता, बंधुत्व और समानता में एकता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का दिन है।

एएमयू सिटी गर्ल्स हाई स्कूल, काजीपाडा में गणतंत्र दिवस भाषण में, डॉ मोहम्मद आलमगीर (प्रिंसिपल) ने संविधान में निहित अधिकारों और कर्तव्यों के महत्व पर बात की और सभी से देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

एसटीएस स्कूल में, मुख्य अतिथि प्रोफेसर हम्माद उस्मानी (निदेशक एमएएस) ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संविधान की मुख्य विशेषताओं को रेखांकित किया और सभी से सामाजिक न्याय, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, स्थिति और अवसर की समानता के विचार को बढ़ावा देने का आग्रह किया। प्रो अनवर शहजाद विशिष्ट अतिथि थे।

प्रधानाचार्य, श्री फैसल नफीस ने सभी से संविधान के प्रति उच्च स्तर का सम्मान बनाए रखने और समर्पण के साथ राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया। स्कूली छात्रों, सरवर आलम और रेयान आसिफ ने क्रमशः उर्दू और अंग्रेजी में भाषण दिए। इंदिरा गांधी हॉल में प्रोवोस्ट प्रो. शीबा हामिद ने झंडा फहराया, और भारत के संविधान के महत्व के बारे में बात की और छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया।

स्नातक छात्र, तूबा रहमान ने अंग्रेजी में भाषण दिया, अक्सा ने हिंदी में बात की और निदा फातिमा ने उर्दू में बात की। छात्र-छात्राओं के समूह ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। अफिया ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया, जबकि मरियम खान ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन सुकन्या चैधरी ने किया। विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) में छात्रों और संकाय सदस्यों ने डॉ. अरशद हुसैन (कार्यक्रम समन्वयक) द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ इस अवसर का अवलोकन किया।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अमुवि में मुशायरे का आयोजन

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग द्वारा यूनिवर्सिटी पालीटेक्निक सभागार में मुशायरे का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने किया।

सहकुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उपस्थितजनों का स्वागत उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद अली जोहर ने किया। कार्यक्रम का संचालन सैयद सिराज अजमली ने किया। कार्यक्रम में अमुवि रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान आईपीएस और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आरिफ नजीर के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र भी मौजूद रहे।

प्रोफेसर मोहम्मद अजहर विभागाध्यक्ष नियुक्त

प्रोफेसर मोहम्मद अजहर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वेस्ट ऐशियन एण्ड नार्थ अफ्रीकन स्टडीज विभाग के नये अध्यक्ष होंगे। वह 28 जनवरी 2023 को वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जावेद इकबाल से अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनका कार्यकाल तीन वर्ष के लिये होगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: