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एएमयू शिक्षकों, छात्रों ने ध्यान से सुनी ‘मन की बात’

 भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने अभिनव कार्यक्रम, ‘मन की बात’ के 100वें संस्करण में राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि मन कि बात एक ऐसा त्योहार बन गया है जो विविधता में एकता को मजबूत करने का प्रतीक है और भारतीय नागरिकों के व्यापक क्षेत्रों के बीच समावेशिता, समानता और राष्ट्रीयता को बढ़ावा देता है। यह पर्यटन, स्थानीय व्यवसायों और ‘स्वच्छ भारत’, ‘खादी’ और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ जैसे राष्ट्रीय अभियानों, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण और विकास के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को बढ़ाया और साबित किया है, को बढ़ावा देता है।

 

एएमयू के वाइस चांसलर प्रो मोहम्मद गुलरेज ने अपने कार्यालय में मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को सुना, जबकि विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्र प्रशासनिक ब्लॉक के कॉन्फ्रेंस हॉल में कार्यक्रम को देखने और सुनने के लिए इकट्ठा हुए, जिसे चउवतंकपवण्दपबण्पद के माध्यम से लाइव-स्ट्रीम किया गया था।

प्रधान मंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’ के महत्व पर प्रकाश डाला और बच्चों पर गहरे प्रभाव के लिए शिक्षण की कहानी कहने की पद्धति पर जोर दिया।उ न्होंने कहा कि 3 अक्टूबर 2014 को हमने एक साथ मन की बात शुरू की थी और आज मैं इस कार्यक्रम की 100वीं कड़ी को पूरा करने पर सभी नागरिकों को बधाई देना चाहता हूं, जो हमारे नागरिकों की अभिव्यक्ति और सकारात्मकता का जश्न मनाता है और हमारे लोकतंत्र द्वारा स्थापित व्यवस्था में लोगों की भागीदारी को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि सामूहिक प्रयासों से महत्वपूर्ण बदलाव लाए जा सकते हैं।

 

एएमयू की बीएससी, बीकाम, बीए की प्रवेश परीक्षा देश भर में बने परीक्षा केन्द्रों पर संपन्न

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की बीएससी, बीकाम एवं बीए की प्रवेश परीक्षा आज एएमयू सहित लखनऊ (उत्तर प्रदेश), श्रीनगर (जम्मू एण्ड कश्मीर), पटना (बिहार), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), कोझीकोड (केरल), तथा गुवाहटी (आसाम), में बने परीक्षा केन्द्रों पर दो चरणों में शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गई।

 

प्रथम चरण में बीएससी (आनर्स) तथा बीकाम (आनर्स) की प्रवेश परीक्षा प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक संपन्न हुई। बीएससी की प्रवेश परीक्षा के लिए 8844 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिसमें 18 परीक्षा केन्द्रों पर 7431 अभ्यार्थी शामिल हुए।

बीकाॅम (आनर्स) की प्रवेश परीक्षा भी प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे के मध्य एएमयू में बने परीक्षा केन्द्रों के अलावा लखनऊ, कोलकाता, श्रीनगर, पटना कोझीकोड व गुवाहाटी में 13 परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। समस्त परीक्षा केन्द्रों पर 3182 अभ्यार्थी शामिल हुए। बीकाॅम की प्रवेश परीक्षा के लिए 3717 अभ्यार्थियो ंने आवेदन किया था।

बीए (आनर्स) की प्रवेश परीक्षा सायं 4 बजे से 6 बजे के मध्य एएमयू में बने 12 परीक्षा केन्द्रों के अलावा अन्य प्रदेशों में बनाये गये परीक्षा केन्द्रों पर संपन्न हुई। बीए (आनर्स) के लिये 7394 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था।

अमुवि के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने उक्त प्रवेश परीक्षा सुचारू रूप से संपन्न होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रवेश परीक्षा दो चरणों में शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों ने विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण भी किया।

परीक्षा नियंत्रक मुजीबउल्लाह जुबैरी ने बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर शिक्षकों को पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया था। अभ्यार्थियों व उनके अभिभावकों के मार्गदर्शन के लिए परिसर में विभिन्न स्थानों पर सहायता शिविर भी लगाये गये थे।

राष्ट्रीय सेवा योजना अमुवि के स्वयंसेवी छात्रों एवं एनएसएस में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा बीकाम, बीएससी तथा बीए की प्रवेश परीक्षा में आज सहायता शिविर लगाये गये जिसमें परीक्षा देने दूसरे शहरों से आए हुए छात्र व छात्राओं को उनके सेंटर के बारे में जानकारी दी गयी। अभिभावकों ने विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा केन्द्रों पर किये गये प्रबंधों की सराहना की।

 

एएमयू के कैनाडी हाल में हज ट्रेनिंग कैम्प का आयोजन

अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कल्चरल एजूकेशन सेंटरएवं लब्बैक हज सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से एक दिवसीय हज ट्रेनिंग कैम्प का आयोजन कैनाडी हाल में किया गया जिसमें 400 से अधिक हज जायरीन ने हिस्सा लिया।

अलीगढ़ जनपद से हज पर जाने वाले जायरीन ने हज करने के तरीके सीखे। दिल्ल्ी से आये मिनिस्ट्री आफ माइनोरिटी एफयर्स के मास्टर हज ट्रेनर मोनिस खान जो मक्का एवं मदीना के कोर्डीनेटर रहे हैं ने प्रोजेक्टर के माध्यम से हज करने के तरीके बताये एवं मदीना एवं मक्का में आने वाली छोटी बड़ी परेशानियों का हल बताया। लब्बैक हज सोसाइटी के सचिव तौफीक अहमद खां ने प्रोजेक्टर के माध्यम से हज के 5 दिन में हाजियों को क्या करना है के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। हज यात्रियों को मखसूस दुआओं पर अन्य अरकान के बारे में भी बताया गया।

चिकित्सक डा. कामरान साबरी ने हाजियों को अपनी स्वास्थ्य अच्छा रखने के लिये अहम बाते बताई। इस अवसर पर अलहाज मो. मुइनुदद्ीन खां, तालिब सुभानी, हाजी फैजान, रफी कुज्जमा आदि लोग उपस्थित रहे।

 

फारसी विभाग द्वारा ‘गालिब का फारसी संग्रह और उनका दौर’ विषय पर विस्तार व्याख्यान

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फारसी विभाग द्वारा ‘गालिब का फारसी संग्रह और उनका दौर’ विषय पर विस्तार व्याख्यान देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के अरबी विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर अलीम अशरफ खान ने कहा कि गालिब का काव्य संग्रह फारसी कलाम का एक संपूर्ण काव्य संग्रह है और इससे गालिब की फारसी भाषा में असाधारण दक्षता का अंदाजा होता है।

 

उन्होंने कहा कि भारत में फारसी शायरी का चलन अमीर खुसरो से शुरू होकर गालिब पर खत्म होता है। प्रोफेसर अलीम अशरफ खां ने कहा कि हिन्दुस्तान में फारसी के चार प्रमुख स्तम्भ हैं जिनमें गालिब का चैथा स्थान है इनमें पहले स्थान पर अमीर खुसरो, दूसरे पर फैजी और तीसरे पर बैदिल हैं।

फारसी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर राना खुरशीद ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि फारसी साहित्य में गालिब को जो स्थान प्राप्त है वह सर्वविदित है। उन्होंने कहा कि गालिब न केवल अपने दौर बल्कि फारसी साहित्य के एक महान शायर हैं।

प्रोफेसर सैयद मौहम्मद असद अली खुरशीद ने कहा कि गालिब पर निरंतर शोध कार्य हो रहा है और उनसे हमें नित नई नई जानकारी मिल रही हैं। व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर सैयद मोहम्मद असगर ने कहा कि गालिब की शायरी को फारसी के अलावा उर्दू में भी सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में भी फारसी विभाग इस प्रकार के व्याख्यान का आयोजन करेगा।

कार्यक्रम का संचालन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मोहम्मद कमर आलम ने किया। जबकि डा. मौहम्मद कैसर ने उपस्थितजों का आभार जताया। इस अवसर पर इतिहास विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर गुलफिशां खान, मोडर्न इंडियान लैंग्वेज के प्रोफेसर मुश्ताक जरगर, डा. मोहम्मद नफीस, डा. अता खुरशीद, डा. मोहम्मद अहतशाम उद्दीन, डा. फौजिया नाहीद और डा. हिना इश्हाक के अलावा छात्र एवं छात्रायें भी मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

 

 

 


 

 

 

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