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एएमयू की कक्षा ग्यारह एवं डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा संपन्न
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय द्वारा आज कक्षा ग्यारह-विज्ञान/डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग तथा कक्षा ग्यारह मानविकी/वाणिज्य और ब्रिज कोर्स में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा अलीगढ़ सहित कोलकाता, लखनऊ, पटना, श्रीनगर, मेरठ, बरेली और किशनगंज शहरों में आयोजित की गयी। पहले चरण में आयोजित कक्षा ग्यारह विज्ञान व डिप्लोमा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में 28558 परीक्षार्थी शामिल हुए। इस परीक्षा के लिए 33698 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। यह परीक्षा प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक संपन्न हुई। जबकि दूसरे चरण में सायं 4 बजे से सायं 6 बजे तक कक्षा ग्यारह मानविकी एवं कामर्स पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए परीक्षा शांतिपूर्ण माहोल में संपन्न हुई। इसमें प्रवेश के लिए 8021 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था।

परीक्षा नियंत्रक डा. मुजीबउल्लाह जुबैरी ने बताया कि वरिष्ठ शिक्षकों को विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पर्यवेक्षक के रूप में अलीगढ़ और बाहरी केंद्रों पर पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की गई।

एनएसएस स्वयंसेवकों गैर सरकारी संगठनों एवं व एएमयू स्टाफ ने छात्रों एवं उनके परिजनों की सहायता व मार्गदर्शन के लिये विश्वविद्यालय परिसर में अनेक स्थानों पर सहायता शिविर लगाये गये और ठंडे पानी व बैठने की व्यवस्था भी की गई।

एएमयू शिक्षक डा. मुसव्विर ने आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गणित विभाग के डॉ. मुसव्विर अली ने एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा, उत्तराखंड में डिफरेंशियल ज्योमेट्री एंड रिलेटिविटी पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीडीजीआर-2023) में  ‘हैमिल्टन के ज्यामितीय प्रवाह और सामान्य सापेक्षता में प्रयोग के निश्चित बिंदु समाधान‘ पर एक आमंत्रित व्याख्यान दिया।


डॉ मुसव्विर ने अपने व्याख्यान में ज्यामितीय प्रवाह की अवधारणा, उनके निश्चित बिंदु, और पॉइन्केयर अनुमान के समाधान को निर्धारित करने के लिए उनके उपयोग की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने रिक्की सॉलिटॉन और स्पेसटाइम समरूपता के अध्ययन में सबसे हालिया प्रगति पर प्रकाश डाला और इस क्षेत्र में अध्ययन सामग्री के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने अपने सबसे हाल के निष्कर्षों पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे वे कई गुना सिद्धांत, ज्यामितीय विश्लेषण, अंतर ज्यामिति और आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत पर काम कर रहे युवा शोधकर्ताओं को लाभान्वित कर सकते हैं।

एएमयू चिकित्सक द्वारा रोगाणुरोधी प्रतिरोध पर सामूहिक कार्रवाई के लिए उप्पसल संवाद में सहभाग
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. नफीस फैजी ने उप्साला विश्वविद्यालय, स्वीडन और यूरोपीय संघ की परिषद के स्वीडिश प्रेसीडेंसी के ढांचे के भीतर एंटीबायोटिक प्रतिरोध के खिलाफ कार्रवाई के रिऐक्ट-एक्शन द्वारा संयुक्त रूप से  ‘प्रभावी एंटीबायोटिक दवाओं की वैश्विक आवश्यकता-सामूहिक कार्रवाई के लिए बाधाओं को खोलने‘ विषय पर आयोजित एक संवाद बैठक में भाग लिया। एंटीबायोटिक प्रतिरोध और सामूहिक कार्रवाई के लिए बाधाओं को अनलॉक करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा करने के लिए रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) पर काम करने वाले शोधकर्ताओं के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

डब्ल्यूएचओ और चतुष्कोणीय एजेंसियों में उनकी लंबे समय से चली आ रही एएमआर गतिविधियों के दृष्टिगत डॉ नफीस फैजी ने ‘2024 में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय राजनीतिक घोषणा के लिए आयोजित एक सत्र में पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया। उन्होंने विशेष रूप से इस सम्बन्ध में घोषणाओं को सफल बनाने के बारे में भी चर्चा की।

एएमयू के छात्र को मिला संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम में प्रवेश
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूविज्ञान विभाग के मोहम्मद नवाज खान को भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई अनुसंधान साझेदारी के तहत प्रतिष्ठित आईआईटी बॉम्बे और मोनाश, ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए चुना गया है। नवाज ‘अरावली क्रेटन (एनडब्ल्यू इंडिया) में आर्कियन बेसमेंट और संबद्ध सुप्रा क्रस्टल चट्टानों के क्रस्टल इवोल्यूशनः भिवारा-नधवारा ट्रांसेक्ट से अंतर्दृष्टि‘ नामक परियोजना पर काम करेंगे। भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो कुंवर फराहिम खान ने इस उपलब्धि के लिए खान को बधाई दी, और कहा कि छात्रों की सफलता उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और शिक्षकों द्वारा प्रदान किये गए मार्गदर्शन का प्रमाण है।

अनुसंधान पद्धति पर एक सप्ताह तक चलने वाली राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित
जी20 शिखर सम्मेलन 2023 समारोह के तहत अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कोचिंग एंड गाइडेंस सेल, सर सैयद हॉल (दक्षिण) और यूजीसी-ह्यूमन रिसोर्स सेंटर के सहयोग से मानविकी और सामाजिक विज्ञान के लिए शोध पद्धति पर सप्ताह भी की राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।  उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर जावेद इकबाल, डीन, फैकल्टी ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला और आयोजकों की पहल की सराहना की। उन्होंने नए नियमों के तहत पीएचडी अध्ययन के संदर्भ में अनुसंधान पद्धति के महत्व को रेखांकित किया।

मानद् अतिथि डॉ. सज्जाद हुसैन, सीएमओ (इमरजेंसी एंड ट्रॉमा), जेएनएमसीएच, मानद अतिथि ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। हॉल के प्रोवोस्ट और कार्यशाला निदेशक डॉ फारूक अहमद डार ने कार्यशाला के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया और इसके उद्देश्यों के बारे में बताया। वर्कशॉप के सीनियर हॉल और आयोजन सचिव मोहम्मद एहतशामुल इस्लाम खान ने स्वागत भाषण दिया। डॉ इरफान-उल हक, वार्डन प्रभारी, और अब्दुल मतीन ने संयुक्त रूप से कार्यशाला का समन्वय किया।

 

 

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