एएमयू ने दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल म्यूजियम एक्सपो में भाग लिया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पुरातत्व विभाग ने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो-2023 में भाग लिया और विश्वविद्यालय के मूसा डाकरी म्यूजियम में ऐतिहासिक वस्तुआं को इसमें प्रदर्शित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी कृष्ण रेड्डी, संस्कृति मंत्री, भारत सरकार के साथ संग्रहालय गैलरी का उद्घाटन किया।
एएमयू को आवंटित बूथ संख्या 25 में एएमयू के मूसा डाकरी म्यूजियम में मौजूद पुरावशेष और पुरातात्विक कलाकृतियां को प्रदर्शित किया गया जिनमें दिवंगत पुरातत्वविद् और सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी, इतिहास विभाग, एएमयू के प्रोफेसर इतिहासकार आर. सी. गौड़ द्वारा किए गए विभिन्न उत्खनन के दौरान पाए गए अतरंजीखेड़ा, (एटा जिला) लाल किला (जिला बुलंदशहर) और दो प्रसिद्ध प्रोटोऐतिहासिक स्थलों के अवशेष शामिल थे।
एएमयू बूथ के प्रमुख दर्शकों में पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह, भारत की प्रमुख सचिव गृह, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डी.जी., राष्ट्रीय संग्रहालय के डी.जी., राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान, नई दिल्ली के कुलपति, आईसीएचआर, नई दिल्ली के अध्यक्ष और संसद संग्रहालय के निदेशक सहित अन्य महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल थी।
प्रदर्शित की गई कुछ अन्य विशिष्ट कलाकृतियों में एक महिला की टूटी हुई छवि, एक महिला का चित्रण कण्ठ, एक महिला का चित्रण करने वाला पत्थर का टुकड़ा, एक टेराकोटा शेर, एक अच्छी तरह से ढाला हुआ टेराकोटा महिला का सिर, एक सुंदर टेराकोटा सिर, एक टेराकोटा अगरबत्ती, कपड़े की छपाई के लिए टेराकोटा डिजाइन ब्लॉक, टेराकोटा रेम, टेराकोटा रैटल, टेराकोटा पक्षी और टेराकोटा चूड़ी, टेराकोटा नाव, टेराकोटा और हड्डी, ब्राह्मी लिपि सील, लोहे का हल, कुदाल, दरांती, तीर का सिरा, लौह-शाफ्ट और तांबे की वस्तुओं की चूड़ी का एक हड्डी से बना तीर का सिरा, एक तांबे-होर्ड का तांबा-सील्ट जिसमें उत्कीर्ण स्टार-मार्क्स और एंथ्रोपोमोर्फिक आकृति है, तांबे के मेंढकों की एक जोड़ी, शामिल थी।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की जी20 की अध्यक्षता के उपलक्ष में संग्रहालयों पर समग्र संवाद शुरू करना था ताकि वे सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में विकसित हो सकें जो भारत की सांस्कृतिक कूटनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका उद्देश्य संग्रहालयों के अंतर्राष्ट्रीय परिषद की थीम ‘संग्रहालय, स्थिरता और भलाई’ को भी उद्धृत करना था।
प्रधान मंत्री द्वारा भव्य उद्घाटन के बाद प्रसिद्ध विशेषज्ञों और संग्रहालय पेशेवरों के नेतृत्व में पैनल चर्चा और मास्टर कक्षाएं आयोजित हुईं, जबकि अन्य देशों के विशेषज्ञों ने अपने अमूल्य संग्रहों की आभासी प्रस्तुतियां दीं और संग्रहालयों और संग्रहालय से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। पैनल चर्चाओं के कुछ विषय विरासत संरक्षण, ऐतिहासिक स्मारकों और कलाकृतियों का संरक्षण, पेंटिंग्स और वस्त्रों और अन्य कलाकृतियों के निवारक संरक्षण थे।
एएमयू टीम का नेतृत्व प्रोफेसर गुलफिशन खान, अध्यक्ष और समन्वयक, एडवांस स्टडी सेंटर, इतिहास विभाग ने डॉ. विनोद सिंह (सहायक पुरातत्वविद्), सलीम अहमद (वरिष्ठ क्यूरेटर), शोएब अहमद (वरिष्ठ फोटोग्राफर) और अफरोज जमाल (सहायक पुरातत्वविद्) ने किया।
विधि संकाय द्वारा विधि के प्रक्रियात्मक और व्यावहारिक पहलुओं पर व्याख्यान आयोजित
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा पूर्व पब्लिक प्रासीक्यूटर मोहम्मद इलियास खान का “कानून के प्रक्रियात्मक और व्यावहारिक पहलू” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया जिसमें उन्होंने जीवंत अदालती उपाख्यानों के साथ आपराधिक प्रक्रियात्मक कानूनों की व्याख्या की।
उन्होंने कहा कि प्राथमिकी, जांच और सुनवाई की प्रक्रिया ही वह इमारत है जिस पर सत्र अदालत चलती है और दोष सिद्ध करती है।उन्होंने कहा कि त्वरित न्याय और फास्ट ट्रैक अदालतें जांच की गुणवत्ता और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा के लिए त्वरित सुनवाई की मांग करती हैं।
विधि संकाय के डीन प्रो एम.जेड.एम. नोमानी ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि लॉ के छात्रों के लिए यह अनिवार्य है कि वे बेंच और बार करियर के लिए अपनी यात्रा के लिए क्लीनिकल कानूनी शिक्षा से परिचित हों। प्रो. इशरत हुसैन ने अदालती प्रक्रिया के साथ अधिक से अधिक भागीदारी के साथ कानून की व्यावहारिक समझ की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रोफेसर बदर अहमद ने समारोह की अध्यक्षता की और कानूनी और पैरालीगल कर्मियों द्वारा संकाय में इस तरह के व्याख्यानों की एक श्रृंखला का स्वागत किया।bव्याख्यान में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
फारसी विभाग द्वारा अरबी भाषा और साहित्य में महिलाओं का योगदान विषय पर व्याख्यान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फारसी विभाग द्वारा अरबी भाषा और साहित्य में महिलाओं का योगदान विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें अरबी विभाग के पूर्व अध्यक्ष और कला संकाय की पूर्व डीन प्रो. कफील अहमद कासमी ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कला संकाय के पूर्व डीन व फारसी विभाग की पूर्व अध्यक्ष और फारसी शोध संस्थान की मानद् सलाहकार प्रो. आजरमी दुख्त सफवी ने की।
फारसी विभाग की अध्यक्ष प्रो. राना खुरशीद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि अरबी भाषा में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि अरब क्षेत्र प्राचीन काल से शिक्षा और साहित्य का प्रमुख केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि अज्ञानता से लेकर वर्तमान समय तक महिलाओं ने अरबी भाषा व साहित्य में बेशुमार शैक्ष्णिक और साहित्यिक सेवाओं को अंजाम दिया है।
प्रो. कफील अहमद कासमी ने अपने व्याख्यान में अरबी भाषा और साहित्य में महिलाओं के योगदान पर चर्चा करते हुए उन महिलाओं के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला जिन्होंने अरबी साहित्य के विस्तार में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अरब जगत में अज्ञानता के समय से ही अरबी शायरी में महिला शायरों की एक लम्बी सूची मिलती है। कला संकाय के डीन प्रो. आरिफ नजीर ने कहा कि महिलाओं का स्थान मानव जीवन में आजीवन रहेगा। उन्होंने हिन्दी साहित्य में महिलाओं के योगदान की भी चर्चा की।
प्रो. आजरमी दुख्त सफवी ने अपने भाषण में कहा कि महिलाऐं अरबी भाषा और साहित्य में आरंभ से ही मुख्य भूमिका निभा रही हैं और इसके बाद इसको और गति प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने शोध के साथ आलोचना के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सेवाओं को अंाजम दिया है। प्रो.सफवी ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाऐं पुरूषों के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिला कर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हर एक भाषा चाहे वह अरबी, फारसी, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृति व हिन्दी क्यों न हो महिलाओं को हर एक स्थान पर देखा जा सकता है।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोहम्मद उसमान गनी ने किया और डा. मोहम्मद कमर आलम ने उपस्थितजनों का आभार जताया। इस अवसर पर फारसी विभाग के शिक्षकों के अलावा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यक्ष व शिक्षकों के अलावा विशेष तौर पर प्रो. असद अली खुरशीद, प्रो. मसूद अनवर अल्वी, प्रो. मोहम्मद सना उल्लाह, प्रो. शोकत निहाल अंसारी, प्रो. लतीफ हुसैन काज़मी, डा. अता खुरशीद, डा. जरीना खान, डा. फोजिया वहीद और डा. हिना इसहाक सहित छात्र व छात्राऐं मौजूद रहे।
एएमयू के छह छात्रों का एक्जिओम कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा चयन
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाणिज्य और प्रबंधन संकाय के छह छात्रों को विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय (सामान्य) द्वारा आयोजित कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से नोएडा स्थित साफ्टवेयर परामर्श फर्म ‘एक्जिओम कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा नियुक्त किया गया है। चयनित छात्रों में असबा खान, अनस अली, गौहर अफरोज बेग, लुबना खान, अनामिका दीक्षित और फलक मारूफ शामिल हैं।
साद हमीद, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट अधिकारी (जनरल) ने बताया चयनित छात्र परियोजना प्रबंधन और कार्यात्मक परामर्श के क्षेत्र में काम करेंगे।