हापुड़ में वकीलों पर पुलिस द्वारा किए गए बर्बर लाठी चार्ज और गाली देने का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
यूपी के जिला हापुड़ में बीते दिनों पुलिस द्वारा महिला व पुरुष अधिवक्ताओं पर किए गए बर्बर लाठी चार्ज व अधिवक्ता समुदाय को सीओ हापुड़ अशोक कुमार सिसोदिया द्वारा दी गई गंदी व अश्लील गालियों का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली में दर्ज हो चुका है । इसमे केस नंबर जारी हो चुका है और देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस संदर्भ में एक जनहित याचिका भी भेजी गई है।

अलीगढ़ के युवा अधिवक्ता प्रतीक चौधरी एडवोकेट ने हापुड़ पुलिस की इस बर्बरता के विरोध में यह कार्रवाई की है। अधिवक्ता प्रतीक चौधरी ने बताया कि 29 अगस्त 2023 को जनपद हापुड़ उत्तर प्रदेश में पुलिस के अधिकारियों एवम कर्मचारियों द्वारा संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे रहे महिला व पुरुष अधिवक्तागण को बर्बरता पूर्वक लाठी डंडों से पीटना व पूरे अधिवक्ता समुदाय को गंदी व अश्लील गालियां देकर मानहानि करना और इस घटना के वीडियो फोटो सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के जरिए वायरल होने के बाद भी मुख्य सचिव, डीजीपी का आदि अधिकारीगण व पुलिस कर्मियों पर कोई कार्यवाही ना किए जाने से आहत होकर मैंने 16 सितंबर 23 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस मामले में वाद दर्ज कराया है।
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जिसका डायरी नंबर 15241/IN/2023 है। चूंकि ये मामला संविधान के मूलाधिकारों से जुड़ा है इस लिए संविधान व मूलाधिकारों के संरक्षक मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में जनहित याचिका भेजी गई है। हापुड़ पुलिस के द्वारा संविधान के मूल अधिकारअनु0 19 ( 1 ) और अनु0 21 का सीधे-सीधे अतिलंघन किया गया गया है।
वीडियो न्यूज़ :- https://youtu.be/tjgkZeev2ao?si=k4v481o3MRHsuHDn
प्रतीक चौधरी ने मांग की है की मामले का संज्ञान लेते हुए हापुड़ पुलिस प्रशासन, पुलिस उपाधीक्षक/सीओ अशोक कुमार सिसोदिया व घटना के जिम्मेदार पुलिस इंस्पेक्टर, दरोगा और पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भारतीय संविधान से प्राप्त मूल अधिकार अनु0 19(1) का सामूहिक रूप से अतिलंघन करने व पूरे देश के अधिवक्ताओं को सामूहिक रूप से गंदी-गंदी अश्लील गालियां देने के लिए कठोर कार्यवाही करें और अधिवक्तागण के मूल अधिकार एवम पूरे देश के अधिवक्ता गण के मान सम्मान की रक्षा करें।
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