अलीगढ़ :
किसी को गोद ले लेना एक पुनीत कार्य है। अगर किसी क्षय रोगी को कोई गोद ले लिया जाए तो शायद यह सबसे पुण्य का कार्य होगा। यह कहना है जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) सतेन्द्र कुमार का। डीपीसी क्षय रोगियों के पुष्टाहार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। श्री राम धर्मशाला में हैंड्स फ़ॉर हेल्प की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कई संस्थाएं आजकल बहुत कार्य कर रही हैं। उनके प्रयास से स्वास्थ्य विभाग को भी बल मिल रहा है।
जिला पीपीएम समन्वयक डेविड कुमार शाही ने कहा कि समय पर जांच और इलाज होने पर टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने निक्षय मित्र के बारे में बताया कि इस योजना के तहत कोई भी नागरिक एक या अधिक मरीजों को गोद लेकर उनकी मदद कर सकता है।

जिला टीबीएचआईवी समन्वयक नईम अहमद ने कहा – कि टीबी मरीजों को गोद लेने का उद्देश्य सिर्फ पुष्टाहार मुहैया कराना ही नहीं है, बल्कि मरीजों की मदद करना है। टीबी मरीजों के स्वास्थ्य का ख्याल रखना हमारी प्राथमिकता है।
101 क्षय रोगियों को लिया गोद:
जिले में क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना का लाभ मिल रहा है। आयोजन में उन्हें भुना चना, सत्तू, सोयाबीन, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि वितरित किए गए। हैंड्स फॉर हेल्प के डॉ डीके वर्मा ने बताया कि संस्था अब तक 101 क्षय मरीजों को गोद ले चुकी है। कोटा काशगढ़ी निवासी अभिलाष (29 वर्ष) बताते हैं कि मेरा इलाज गभाना अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी बीच पीपीएम समन्वयक डेविड सर ने बताया कि क्षय मरीजों को निःशुल्क पोषण भत्ता भी मिलता है। इसके बाद मैंने ठान लिया कि अब मैं भी अपना इलाज पूर्ण अवधि तक पोषण के साथ पूरा करूंगा।