Aligarh : परिवार गोद लेने के AMU के एमबीबीएस के छात्र क्यों पहुंचे गांव ! पढ़िए पूरा मामला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ( AMU JNMC ) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र पंजीपुर गांव पहुंच गए हैं। जहां नए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) एमबीबीएस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक मेडिकल छात्र तीन से पांच परिवारों को गोद लेकर नियमित रूप से उनकी स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार उन्हें सलाह देंगे।

उन्हें पंजीपुर गांव ले जाने वाली बस को अलीगढ़ आयुक्त, श्री गौरव दयाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला अलीगढ़, डॉ नीरज त्यागी, आईसीडीएस, जवान ब्लॉक, अलीगढ़, सावित्री पाल और मेडिसिन फैकल्टी के डीन, प्रोफेसर राकेश भार्गव, जेएनएमसी के प्रिंसिपल, प्रो शाहिद अली सिद्दीकी, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष, प्रो सायरा मेहनाज, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर, प्रो एम अतहर अंसारी, डॉ अली जाफर आब्दी, डॉ मोहम्मद सलमान शाह और डॉ नफीस फैजी ने झंडी दिखाकर रवाना किया।

 

गौरव दयाल (अलीगढ़ आयुक्त) ने कहा कि परिवार गोद लेने का यह कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करेगा। नतीजतन, गोद लिए गए परिवार बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल के लिए आत्मनिर्भर हो जाएंगे और इन मेडिकल छात्रों द्वारा प्राप्त परिणामों से ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों की स्वास्थ्य देखभाल में भारी बदलाव आएगा।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी ( CMO ALIGARH ) डॉ नीरज त्यागी ने जोर देकर कहा कि हम ग्रामीण आबादी को समृद्ध करने के लिए स्वास्थ्य सेवा केंद्रों से हर संभव सहायता देने के लिए तैयार हैं।

प्रोफेसर राकेश भार्गव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गोद लिए गए परिवारों की देखभाल करने वाले एमबीबीएस छात्रों को शिक्षकों द्वारा निर्देशित किया जाएगा। चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता भी उनकी सहायता के लिए अपना सहयोग देंगे। इस कार्यक्रम से गांवों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी। प्रिंसिपल, जेएनएमसी, प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने बताया कि हमारे पास पहले से ही मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट्स के लिए एक जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम है, जिससे उनके लिए जिला अस्पतालों में तीन महीने की पोस्टिंग अनिवार्य है। अब एमबीबीएस प्रशिक्षण में एक परिवार गोद लेने के कार्यक्रम को शामिल करने से हम गांवों में लोगों के प्राथमिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर सकते हैं।

 

सामुदायिक चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर सायरा मेहनाज़ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा नियामक, एनएमसी ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए हर मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के तहत इस कार्यक्रम को शामिल किया है। कार्यक्रम का उद्देश्य एमबीबीएस छात्रों को शुरू से ही जमीनी स्तर पर अनुभव प्रदान करना भी है।

उन्होंने शिक्षकों, डा. मोहम्मद सलमान शाह, डा. तबस्सुम नवाब, डा. अली जाफर आब्दी और डा नफीस फैजी के साथ कार्यक्रम के लिए प्रथम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों को भी प्रशिक्षित किया। कार्यक्रम समन्वयक, प्रोफेसर एम अतहर अंसारी ने बताया कि डॉ अली जाफर आब्दी ने कार्यक्रम के लिए फील्ड मैपिंग अभ्यास, संपर्क कार्य और ग्राम समन्वय किया। डॉ. मोहम्मद सलमान शाह और डा. नफीस फैजी ने मार्गदर्शन दस्तावेज, मॉड्यूल और लॉगबुक तैयार की।

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