अलीगढ.। कृष्णाजलि नाट्यशाला प्रदर्शनी़ में धम्म भूमि के सानिध्य में विगत वर्षों की भांति डा. अम्बेडकर स्मृति सेमिनार एवं सांस्कृतिक कार्यकत का भव्य आयोजन हुआ। पूर्व जिला जज शंकर लाल निम की अध्यक्षता में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति चंद्रशेखर ने सेमिनार का उद्धघाटन हुआ। इस बार डॉ अम्बेडकर स्मृति सेमिनार में समाज के सभी सामाजिक एवं धार्मिक संगठन एकत्र हुए।
सेमिनार के मुख्य वक्ता बौद्ध समाज के डॉ. करुणाशील राहुल ने बाबासाहब डॉ. अम्बेडकर के द्वारा समाज के लिए दिये गए मार्गदर्शन का बेहतरीन वर्णन करते हुए कहा की बाबासाहब की जिन बातों का अनुपालन हमें करना था। हम उनसे मुकर गए और यही कारण है कि बाबासाहब के जाने के बाद भी समाज आज भी अशिक्षा अपमान और गरीबी से जूझ रहा है। इसके लिए आज वक्त की जरुरत है कि बाबासाहब को एक बार दुबारा समझना होगा । बाबासाहब ने कहा हमारे कल्याण के लिए बुद्ध का मार्ग ही एक मात्र मार्ग है । जिस पर चलकर जीवन को दुखों से मुक्त किया जा सकता है।
विशिष्ट अतिथि नरेंद्र सिंह डीआईजी् (पटना बिहार ) ने कहा कि हमें शिक्षा पाकर ही अपना और दुनिया के हक वंचित समाज को हर तरह की दसाता से मुक्ति मिल सकती है। लखनऊ से आये डॉ् बी पी अशोक आईपीएस ने बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक जानकारी देते हुए समाज के कल्याण में बाबासाहब द्वारा किये गए मानव उत्थान के महान कार्यों का परिचय कराया। महापुरुषों के मार्ग पर चलने को अपील की । एएमयू अलीगढ़ से डॉ अम्बेडकर चेयर के चेयर पर्सन प्रोफेसर जफर अहमद खान ने डॉ अम्बेडकर के द्वारा सामाजिक न्याय एवं समता बंधुता के लिए संविधान में किये गए प्रावधान के विषय में बताया।
यादव शक्ति पत्रिका के सम्पादक क्रांतकारी विचारों के लिए जाने जाने वाले राजबीर सिंह ने धार्मिक अंध विश्वास कुरुतियों से दूर रहने पर बल देते हुए कहा कि जीवन में बुद्ध के मार्ग पर चल कर श्रेष्ठ जीवन का निर्माण किया जा सकता है। प्रोफेसर मधु माहौर ने महिलाओं के लिए बाबासाहब द्वारा संविधान में दिए गए विशेष अधिकारों के प्रति महिलाओं को जागरूक किया। धम्मभूमि की राज्य प्रतिनिधि सम्बोधि बौद्ध ने महिलाओं को पर्व परम्पराओं और प्रतीको के विषय में बताते हुए समझाया कि अनावश्यक प्रतीको को धारण करने से मानसिक दसाता की अनुभूति होती है । इनका परत्याग कर मानसिक आजादी पाना बेहद जरुरी है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत शशि भूषण त्रशला बौद्ध ने महापुरूषो के जीवन पर आधारित सुन्दर गीतों की श्रृंखला पेश कर एवं बरेली से सुपर डांसर निराली गौतम ने शमा बांध दिया। विभिन्न कॉलेज के बच्चों ने एक से बढ़ाकर एक सांस्कृतिक प्रस्तुति प्रस्तुत की । जनपद बुलंदशहर, बबराला, कासगंज, एटा, आगरा, मथुरा हाथरस के आलावा गुजरात से भी एक प्रतिनिधि मण्डल शामिल हुआ। इस अवसर पर बिम्बसार डॉ डी डी गौतम, चौधरी महेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री रणबीर कश्यप, सत्यवीर सिंह, रामबीर सिंह, सी पी सिंह, बुद्ध सरन, डी पी सिंह, प्रेमपाल बौद्ध, कौशल बौद्ध, ब्रजेश कुमार, ललित गौतम, एडवोकेट ब्रह्मजीत सिंह, अर्चना बौद्ध, शीला बौद्व, डा. लालता प्रसाद त्यागी, साधना बौद्ध गणमान्य लोग उपस्थित रहे।