यूपी के जिला अलीगढ़ में सहकारी समिति के सचिव के द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी उस वक्त हुई जब किसानों के पास नोटिस पहुंचा। खास बात यह है कि घोटालेबाज सचिव की मौत हो चुकी है। मंगलवार को किसान नेता डॉक्टर शैलेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने मामले में असिस्टेंट कमिश्नर को ज्ञापन देकर जांच और दोषी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की ।
डॉक्टर शैलेंद्र पाल सिंह ने बताया कि सहकारी समिति उत्तरी हरदुआगंज मैं सैकड़ों किसान जुड़े हुए हैं। यहां से पूर्व में किसानों ने खाद और बीज प्राप्त कर समय से भुगतान कर दिया। लेकिन वर्ष 2009 से लेकर 2017 तक खाद समिति पर कार्यरत रहे अधिकारी और कर्मचारियों ने धोखाधड़ी से किसानों के नाम से फर्जी लेखा-जोखा एवं प्राप्ति की रसीद देने के बाद उसे समिति के दस्तावेजों में दर्ज नहीं किया गया। पिछले दिनों मामले में विभागीय जांच में उजागर हुआ कि घोटाला करोड़ों रुपए का हुआ है।
किसानों ने बताया कि प्रभारी सचिव निरंजन सिंह यहां कई सालों तक तैनात रहे । उन्होंने भरोसे में लेकर किसानों के साथ करोड़ों का घोटाला किया है । दर्जनों किसान ऐसे हैं जिनसे रुपए ले लिए, लेकिन सरकारी दस्तावेजों में उनकी एंट्री नहीं की। इसके अलावा किसी किसान ने 7 बोरे खाद लिया, तो उसकी एंट्री सरकारी दस्तावेजों में 70 बोरे लिखकर भी घोटाला किया है।
4 दिन पहले किसानों को नोटिस प्राप्त होना शुरू हुआ कि उनकी तरफ समिति का रुपया निकल रहा है । इसको समय रहते कराया जमा किया जाए अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी । जिसके बाद किसानों के होश उड़ गए। मंगलवार दोपहर किसान असिस्टेंट कमिश्नर को ऑपरेटिव कृष्ण कुमार से मिले और और एक ज्ञापन सौंपा।
असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। घोटाला भी हुआ है। किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। जिनके पास रुपए जमा करने की रसीद है वे अपना पक्ष लिख दे और जिनके पास नहीं है वह भी अपनी बात लिख कर दे दे । जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।