AMU इंजीनियरिंग कालिज के छात्रों की टीम ने फॉर्मूला इलेक्ट्रिक कार के लिए शीर्ष रैंक हासिल की ! जानिए क्या है पूरा मामला

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ( AMU ) के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स (एसएई) से संबद्ध छात्रों की एक टीम ने अपनी डिजाइन की हुई फॉर्मूला स्टूडैन्ट इलेक्ट्रिक कार के साथ फॉर्मूला इंडिया के छठे वार्षिक एफएसईवी कॉन्सेप्ट चौलेंज-2022 में भाग लिया।



इस प्रतियोगिता में एएमयू की टीम ने प्रोक्योरमेंट स्ट्रैटेजी में नौवीं रैंक, इंजीनियरिंग डिजाइन, सॉफ्टवेयर और इंटेलिजेंस इंटीग्रेशन कैटेगरी में 12वां स्थान, टीम मैनेजमेंट में 17वां स्थान और फॉर्मूला-स्टूडेंट इलेक्ट्रिक कार डिजाइन में कुल मिलाकर 13वां स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता में आईआईटी मद्रास, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गोवा, आईआईटी (आईएसएम) धनबाद और वीआईटी की टीमों ने भाग लिया।

सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स, एएमयू के कप्तान सैयद इमादउद्दीन ने कहा कि वाहन ड्राइविंग अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पावर ट्रांसमिशन तंत्र के साथ एक्सेलेरोमीटर, गायरोस्कोप, मैग्नेटोमीटर सेंसर और एक डिजिटल स्पीडोमीटर का उपयोग किया गया है। वाइस कैप्टन सैयद तैमूर अली ने कहा कि इलेक्ट्रिक कार में डेटा एकत्र करने में सक्षम ओरियन बैटरी प्रबंधन प्रणाली भविष्य के डिजाइनों को बेहतर बनाने में उपयोगी साबित होगा।

टीम को बधाई देते हुए मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुहम्मद मुजम्मिल ने कहा कि यह उपलब्धि अन्य छात्रों को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। फैकल्टी एडवायजर डाक्टर सैयद फहद अनवर और नफीस अहमद ने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल मोबिलिटी समाधान उपलब्ध करने में ऑटोमोटिव इंजीनियर्स सोसायटी की गतिविधियों और प्रयासों पर एएमयू बिरादरी को गर्व है।



सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स के छात्र अध्यक्ष अरकम हाशिम सिद्दीकी ने कहा कि टीम के सदस्य अभिषेक कुमार (प्रबंधक)एम. अशरफ (तकनीकी प्रमुख)हैसम खुर्शीदफ़वाज़ बिन तसनीममुहम्मद सैफ उस्मानीअमर सलमानफ़राज़ खानसाहिलमुहम्मद अरीब सिद्दीकीएम. अतहर ज़ैदमुहम्मद रेहानमुहम्मद अहदसैयद हैदर अलीमुहम्मद अरीबमुहम्मद सैफअब्दुल रहमानअबू अतहरअली हिशाम रज़ामुहम्मद जीशान खान और मुहम्मद असद ने इस प्रतियोगिता के लिए प्रशिक्षण लिया। 

 

एएमयू तबला प्रशिक्षक एस आर चिश्ती द्वारा कनाडा में आयोजित संगीत समारोह में ऑनलाइन व्याख्यान

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कल्चरल एजूकेशन सेंटर (सीईसी) से जुड़े तबला वादक डॉ. शहाबुर रहमान चिश्ती ने एक प्रशिक्षक के रूप में सर्ब अकाल म्यूजिक सोसाइटी ऑफ कैलगरी, कनाडा द्वारा आयोजित तबला संगीत समारोह में भाग लिया तथा ताल और तबला वादन की कला पर एक ऑनलाइन व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने कैलगरी के सर्ब अकाल म्यूजिक सोसाइटी के सहायक समन्वयक श्री गरदीप सिंह के साथ बातचीत की, संगीत की बारीकियों, इंटरलॉकिंग लय और तबला का प्रदर्शन भी किया।

भारत और कनाडा के प्रतिभागियों ने सत्र के हर पल का आनंद लिया और संगीत की बारीकियों के बारे में सवाल पूछे। डॉ. चिश्ती ने ‘ताल’ कभी जोर से तो कभी धीरे-धीरे और चुपचाप गाया। उन्होंने संगीत कार्यक्रम में ताल की विभिन्न शैलियों की भी व्याख्या की।

उन्होंने कहा कि संगीत मौके पर रचनात्मकता दिखाने और कला को सहज तरीके से प्रदर्शित करने के बारे में है, जो कला की वास्तविक समझ देता है और यह उस अवधारणा से आता है जिसका आप प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सभी तबला वादकों और नवोदित संगीतकारों को अपने दिमाग में यह कल्पना करनी होगी कि वे क्या प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न प्रकार के प्रदर्शनों के बारे में भी बात की।

डॉ. चिश्ती ने कहा कि एक तबला वादक को कविता की तरह अपना बेलेंस बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि संगीत में एक व्यक्तिगत संगीतकार या एक संगतकार के रूप में करियर लोगों के प्रशिक्षण पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि मेरी समझ और मेरा अनुभव भारतीय संगीत के कई शिक्षकों से सीखने का परिणाम है और मेरे प्रदर्शन पर मेरे शिक्षक, लखनऊ परिवार के प्रसिद्ध तबला नवाज खलीफा उस्ताद अफाक हुसैन खान ने अमिट छाप छोड़ी है।



डॉ. चिश्ती ने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें ‘फन-ए-तबला’, ‘तबला संचयन’, ‘तबला में दस अंकों का महत्व’, ‘भारतीय तालों में ठेके के विभिन्न स्वरूप’ ‘यूनिक तबला गट्स’ और कम्पोजीशन आफ द ग्रेट तबला मेस्ट्रोज़ शामिल हैं। डा. चिश्ती को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: