एएमयू कोर्ट द्वारा नए कुलपति के लिए तीन नामों के पैनल की सिफारिश
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय की सर्वोच्च शासी संस्था, यूनिवर्सिटी कोर्ट द्वारा आज आयोजित विशेष बैठक में नये कुलपति की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय के विजिटर एवं भारत के राष्ट्रपति को तीन नामों के एक पैनल की सिफारिश की गयी है।
यूनिवर्सिटी कोर्ट ने नए कुलपति के पैनल के लिए प्रोफेसर मुजफ्फर उरूज रब्बानी जो एएमयू की मेडिसिन फैकल्टी के पूर्व अधिष्ठाता रह चुके हैं, प्रोफेसर फैजान मुस्तफा जो चाणक्या नेशनल ला यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति हैं और विश्वविद्यालय के विधि विभाग में प्रोफेसर हैं तथा प्रोफेसर नईमा खातून जो वीमेन्स कालिज की प्रिन्सिपल और मनोविज्ञान की प्रोफेसर हैं, के नामों की सिफारिश की है।
बैठक में 84 सदस्यों ने भाग लिया । जिसकी अध्यक्षता कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने की। एएमयू के पूर्व कुलपति नसीम अहमद चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी थे।
प्रोफेसर रब्बानी को 61 वोट, प्रोफेसर मुस्तफा को 53 और प्रोफेसर खातून को 50 वोट मिले, जबकि प्रोफेसर फुरकान कमर और प्रोफेसर कय्यूम हुसैन को क्रमशः 45 और 43 वोट प्राप्त हुए।
प्रोफेसर कमर और प्रोफेसर हुसैन उन पांच नामों के पैनल में शामिल थे । जिसकी अनुशंसा विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने गत 30 अक्टूबर को हुई अपनी बैठक में की थी।
एएमयू रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने कोर्ट बैठक का संचालन किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।
एएमयू प्रोफेसर ने इंटरनेशनल कांग्रेस में दिया व्याख्यान
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर निजामुद्दीन खान ने मोरक्को के सफी में ‘जियोडायवर्सिटी, जियोहेरिटेज, जियोटूरिज्म, जियो-एजुकेशन, जियोपार्क्स और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ हाइब्रिड कांग्रेस में ‘भारत में कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव’ पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में व्याख्यान देते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण भविष्य में दुनिया को भयंकर सूखा, बाढ़, मूसलाधार बारिश, बर्फ का पिघलना और समुद्र का स्तर बढ़ना, विनाशकारी तूफान और जैव विविधता की हानि जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रो खान ने बढ़ते वैश्विक तापमान का जिक्र करते हुए कहा कि 1901 से 2020 के बीच वैश्विक तापमान में करीब 1.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। जो विश्व के लिए एक खतरनाक संकेत है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने दुनिया में कृषि को विभिन्न तरीकों से प्रभावित किया है और कृषि उत्पादन में कमी तथा खेती योग्य क्षेत्रों में कमी जलवायु परिवर्तन का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव है। ग्लोबल वार्मिंग और कृषि में, क्लाइन डब्ल्यू (2007) का अनुमान है कि चरम मौसम की स्थिति के कारण भारत सहित अन्य देशों में कृषि उत्पादन में 15 से 25 प्रतिशत की कमी आएगी।
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प्रोफेसर निजामुद्दीन खान ने अपने व्याख्यान में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति प्रतिरोधी कृषि को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
एएमयू के शोधकर्ता का पोस्टडॉक्टोरल पद के लिए चयन
अलीगढ़ : डॉ. शबनम खान, जिन्होंने हाल ही में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग में डॉ. एम शाहिद की सलाह के तहत रिसर्च एसोसिएट (सीएसआईआर-आरए) के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया है, को प्रतिष्ठित पोस्टडॉक्टोरल फेलोशिप से सम्मानित किया गया है। वह हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण के लिए अंतःविषय अनुसंधान केंद्र (आईआरसीएचईएस), किंग फहद यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड मिनरल्स, केएसए में कार्बन डाइऑक्साइड को पकड़ने और पृथक्करण के लिए धातु-कार्बनिक ढांचे (एमओएफ) के उपयोग पर काम करेंगी, जो इन दिनों समकालीन शोध में एक ज्वलंत विषय है।
उन्होंने पर्यावरण अनुप्रयोगों के लिए एमओएफ के क्षेत्र में काम किया है और 20 से अधिक शोध पत्र और 6 पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं। उनके नाम एक अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट भी है।
जॉब मार्केट की गतिशीलता पर कार्यशाला का आयोजन
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय ने वीमेंस कॉलेज की छात्राओं के लिए ‘नौकरी बाजार और व्यावसायिक विकास की गतिशीलता’ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
सद हमीद, टीपीओ ने छात्रों को बहुमूल्य सुझाव दिए और उनसे आग्रह किया कि वे अपने करियर के बारे में सोचते समय बड़ा सोचें और एक ऐसा व्यक्तित्व विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें जो व्यक्तिगत संचार के दौरान नियोक्ताओं पर सकारात्मक प्रभाव छोड़े।
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डॉ. मुजम्मिल नायको, सहायक टीपीओ ने एक प्रभावशाली सीवी लिखने की महत्वपूर्ण विशेषताओं पर चर्चा की। जबकि डॉ. सुआलेहा, सहायक टीपीओ ने नौकरी के लिए साक्षात्कार का सामना करने के बारे में बहुमूल्य सुझाव दिए।
एएमयू रिसर्च फेलो ने पुरस्कार जीता
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विभाग के पोस्ट हार्वेस्ट के सीनियर रिसर्च फेलो श्री अब्दुल हक ने वर्चुअल मोड में कनाडा में यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ फूड एंड न्यूट्रिशन (यूएसएफएन) द्वारा आयोजित ‘खाद्य और पोषण’ पर छठे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कार्यात्मक, पोषण और स्वास्थ्य विशेषताओं का प्रसंस्करण और सुधार पर पेपर प्रस्तुत किया।
उन्होंने अपने पेपर के लिए सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति पुरस्कार प्रदान किया गया। उनके शोध पत्र का शीर्षक ‘मांस उत्पादों में फलों और सब्जियों के अपशिष्ट को शामिल करनाः टिकाऊ मांस के लिए एक दृष्टिकोण’ था। जिसको प्रतिभागियों द्वारा बेहद सराहा गया।
एएमयू शिक्षक द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक सत्र की अध्यक्षता
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी किशनगंज सेंटर, बिहार के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के डॉ. मोहम्मद यूसुफ जावेद ने सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित ‘कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस’ (आईसीसीआई 2023) पर चैथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एक सत्र की अध्यक्षता की।
वीडियो न्यूज़ :- https://youtu.be/tjgkZeev2ao?si=zg0fpZ3Hv2f5bdKa
अपने समापन भाषण में, डॉ. जावेद ने नए युग के व्यवसायों में बिग डेटा एनालिटिक्स और डेटा संचालित निर्णयों के महत्व को समझाया।