अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संगोष्ठी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ‘यूडीएचआर के 75 वर्ष; विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य समकालीन दुनिया में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) के महत्व पर चर्चा करने के लिए प्रख्यात विद्वानों, प्रोफेसरों और छात्रों को एक साथ लाना था।
राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इकबालुर रहमान ने संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मानवाधिकारों के वैश्विक प्रचार में यूडीएचआर की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाना समाज में अधिकारों और कर्तव्यों दोनों की याद दिलाता है।
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विभाग में सहायक प्रोफेसर परवेज आलम ने यूडीएचआर के ढांचे के भीतर मानवाधिकारों से जुड़ी उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने सार्वभौमिकता और सांस्कृतिक सापेक्षवाद के बीच संतुलन बनाने की समकालीन चुनौती पर प्रकाश डाला।
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सम्मानित अतिथि अंग्रेजी विभाग की प्रो. आयशा मुनीरा ने मानवाधिकार प्रवचन पर साहित्यिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम में शामिल लोगों को दैनिक जीवन में मानवाधिकारों के महत्व से जोड़ा। उन्होंने सत्य के बाद के युग में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।
प्रोफेसर मोहिबुल हक ने मानवाधिकारों के लिए दैनिक जीवन में इस के महत्व पर जोर दिया, और प्रोफेसर मोहम्मद आफताब आलम ने अंतरराष्ट्रीय कानून की कमजोरियों को इंगित करते हुए मानवाधिकारों को लागू करने में राज्यों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
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राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इफ्तिखार अंसारी ने कार्यक्रम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन किया। राजनीति विज्ञान के शोध विद्वान अली कैफ ने राज्यों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चर्चा के साथ संगोष्ठी का समापन किया।