यूपी के फिरोजाबाद जिला न्यायालय ने आरईएस विभाग के कामकाज निरस्त करने के मामले में 16 वर्ष पुराने एक मामले में पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सात आरोपियों को दोषमुक्त किया है।
थाना शिकोहाबाद क्षेत्र के मकरंद सिंह के नाम प्रतापपुर रोड शिकोहाबाद से दिखतौली मार्ग आरसीसी का कार्य एक्शईएन आरईएस ने अनुबंध किया था। कार्य पूरा होने के बाद भुगतान नहीं किया तो उसका सामान भी भरकर ले गए। अनुबंध निरस्त कराने का आरोप लगाते हुए मकरन्द के बेटे मुकेश ने थाना शिकोहाबाद में पूर्व विधायक सिरसागंज हरिओम यादव, उनके पुत्र एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य विजय प्रताप उर्फ छोटू, रामहरि यादव, योगेंद्र सिंह, योगेंद्र उर्फ पप्पू, भानुकिशोर, पप्पन, एक्शईएएन आरईएस राजीव गुप्ता एवं सहायक अभियंता डीडी मित्तल के खिलाफ अभियोग दर्ज कराया था।
मुकदमे की विवेचना करते हुए पुलिस ने सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन एवं विशेष जज एमपीएमएलए कोर्ट अम्बरीश त्रिपाठी की अदालत में चला.मुकदमे को दौरान सहायक अभियंता डीडी मित्तल की मौत हो गई। उनकी फाइल को उपसमिति कर दिया। राजीव गुप्ता के हाजिर नहीं होने के कारण फाइल को अलग कर दिया है। न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व विधायक हरिओम यादव, उनके बेटे विजय प्रताप सहित अन्य पांच आरोपितों को दोषमुक्त करार दिया है। पूर्व विधायक की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुलश्रेष्ठ ने की ।