एएमयू में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर कार्यक्रम
फ़िल्म ‘छिछोरे’ भी दिखाई गई
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र के तहत काम करने वाले यूनिवर्सिटी फिल्म क्लब (यूएफसी) द्वारा मनोविज्ञान विभाग की साइकोलॉजिकल सोसायटी के सहयोग से ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ को चिह्नित करते हुए समाज में आत्महत्या की रोकथाम के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए एक पैनल चर्चा और फिल्म स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया।
प्रो. असमा परवीन (अध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग), डॉ. मोहम्मद रियाजुद्दीन (मनोचिकित्सा विभाग, जेएनएमसी), प्रो. आयशा मुनीरा रशीद (अंग्रेजी विभाग) और डॉ. सारा जावेद (मनोविज्ञान विभाग) ने कैनेडी ऑडिटोरियम में आयोजित पैनल चर्चा में भाग लिया।
पैनल में शामिल विशेषज्ञों ने आत्महत्या और इसकी रोकथाम के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और कहा कि आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक मुद्दा है और लोगों, विशेषकर युवाओं को आत्मघाती प्रवृत्ति विकसित करने के खिलाफ शिक्षित करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने किसी भी प्रकार के मानसिक और भावनात्मक तनाव से गुजर रहे युवाओं की सामाजिक परामर्श और सहकर्मी-आधारित निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रोफेसर असमा परवीन ने मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के बीच संबंध का वर्णन किया और कहा कि सामाजिक कारक अकसर इस कृत्य को करने का प्रमुख कारण होते हैं। डॉ. रेयाजुद्दीन ने जैविक कारकों पर जोर दिया और आत्महत्या के चिकित्सीय पहलू और संबंधित व्यक्ति में चेतावनी के संकेतों के विकास पर चर्चा की।
डॉ. सारा जावेद ने मानसिक तनाव अथवा अस्वस्थ मनोदशा से जुड़े कलंक पर चर्चा की जो बड़े पैमाने पर आत्महत्या के मामलों के आसपास घूमता है और सम्बंधित लोगों को मदद मांगने से रोकता है। प्रोफेसर आयशा मुनीरा रशीद ने साहित्य में आत्महत्या के वर्णन समेत आत्महत्या और आत्म-नुकसान जैसे संवेदनशील विषयों से निपटने में फिल्म निर्माताओं की जिम्मेदारी पर बात की।
वीडियो न्यूज़ : – https://youtu.be/tjgkZeev2ao?si=aDX0L123VYKLXtud
क्लब के सचिव अहमद मुदस्सिर ने पैनलिस्टों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। क्लब सदस्य शीजा शुएब ने कार्यक्रम का संचालन किया, आभार क्लब अध्यक्ष मोहम्मद अनस ने जताया। बाद में नितेश तिवारी की फिल्म ‘छिछोरे’ प्रदर्शित की गई, जो आत्महत्या की रोकथाम और सकारात्मक मानसिक कल्याण के महत्व पर जोर देती है। कार्यक्रम के आयोजन में मदीहा दानिश, अकबर सिद्दीकी, तैय्यब अहमद आदि का सहयोग रहा।