दिसम्बर की कड़कड़ाती ठंड में शनिवार रात स्मृति ईरानी का काफिला अमेठी की सड़कों पर चल रहा था। यहां मिले प्यार-सम्मान और रिश्तों को आयाम देने के लिए वे गाड़ी से उतरी और पैदल ही चल पड़ी। उनके साथ समर्थकों का बड़ा समूह और प्रशासनिक अमला भी था। चलते चलते एक ब्रेकर्स की दुकान में पहुंची। उन्होंने दुकान से बंद और हाजमोला की खरीदा । फिर यहीं महिलाओं ने उनके साथ सेल्फी भी ली।
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद स्मृति ईरानी 25 दिसम्बर क्रिसमस डे से अमेठी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन शनिवार को अपने तय कार्यक्रमों को निपटाते हुए रात्रि में उनका काफिला अमेठी तहसील क्षेत्र में पहुंचा। यहां इसलिए पहुंची थीं कि शनिवार दोपहर जब वो पूर्व विधायक स्व. जमुना प्रसाद मिश्र के घर शोक संवेदना व्यक्त करने जा रही थीं। व्यापारियों ने ककवा रोड पर बन रहे ओवरब्रिज निर्माण को लेकर उन्हें रोककर आपत्ति जताई थी। इसी मुद्दे को लेकर स्मृति रात को व्यापारियों से मिलने पहुंची थीं। यहां से लौटते समय वो ककवा रोड पर पवन की दुकान पर पहुंची । यहां से उन्होंने हाजमौला और बंद खरीदा। फिर जगदीश की साड़ी की दुकान पर भी पहुंची।
बता दें कि कल स्मृति ने 2019 में अमेठी की जनता को 13 रूपए किलो चीनी दिलाने का वादा किया था। लगातार अमेठी में कांग्रेसी इस पर स्मृति ईरानी को घेर रहे है। जिस पर आज जब मीडिया ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने जवाब में कहा कि आज अगर आप चीनी के भाव देखें तब जब 2014 की तुलना में यूपीए और राहुल गांधी की सरकार थी तो निश्चित तौर पर आप देखेगे के राहुल गांधी की सरकार में जनता को ना सिर्फ चीनी में लूटा गया । गौरीगंज में किसानों को फर्टिलाइजर लेने के लिए लाठियों से पीटा गया। उन्होंने सम्राट साइकिल का मुद्दा उठाते हुए गांधी परिवार पर तंज कसा और कहा कि राहुल गांधी-सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी किसानों की जमीन वापस करें।
इधर, स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर आक्रमक रुख अपनाते हुए कहा कि इस प्रकरण (वर्तिका सिंह मामला) में फर्जीवाड़े के तीन मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। भारत सरकार के उपक्रमों के आधार पर फर्जी दस्तावेज लिखे गए। साथ ही पहले से ही इस पर दो संदिग्ध अपराधों में मुकदमा जनपद अयोध्या और लखनऊ में दर्ज है। एक बार फिर से कहती हूं, अमेठी कांग्रेस का गढ़ रहा था। अगर कांग्रेस पार्टी को मुझ पर कटाक्ष करना है तो कम से कम ऐसे प्यादे खड़े ना करें जिनका डायरेक्ट संबंध गांधी खानदान से है।