अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों, मेडिसिन विभाग के डॉ हुसैनी एस हैदर मेहदी और कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के डॉक्टर अली जाफर आबिदी ने उत्तर प्रदेश में कोविड टीकाकरण अभियान का सफलतापूर्वक आरंभ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर उन्हें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ‘द सेवियर’ अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
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अलीगढ़ जिला सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने डॉ हुसैनी हैदर और डॉ अली जाफर आबिदी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया और कहा कि देश भर में फैले उनके जैसे अन्य डॉक्टरों ने भारत में दो अरब कोविड टीकाकरण के मील के पत्थर को पार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ हुसैनी हैदर ने इस बात पर जोर दिया कि देश भर में स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता व्यक्तिगत जोखिम बढ़ने के बावजूद कोविड वैक्सीन की खुराक दे रहे हैं और इस तरह के पुरस्कार महामारी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के हमारे प्रयासों के लिए एक उत्साहवर्धन हैं।
डॉ. अली जाफर आबिदी ने कहा कि टीकाकरण या कोविड के खिलाफ लड़ाई एक सामूहिक प्रयास है और कोई भी अकेले कुछ नहीं कर सकता। अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर दिन सुबह से शाम तक कैंपिंग स्थलों पर तैनात रहकर ड्यूटी से बढ़कर काम किया है ताकि लोगों को अधिक से अधिक टीके लग सकें।
गुरुग्राम में कंपनी ने एएमयू के सात छात्रों का चयन किया
अलीगढ़ : हरियाणा स्थित कंपनी और ऑनलाइन बीमा वितरण प्लेटफॉर्म रेन्यू बाई डाट काम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट कार्यालय जनरल द्वारा आयोजित भर्ती अभियान में सात छात्रों का चयन किया गया है
प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी जनरल साद हमीद ने बताया कि चयनित छात्रों में आयशा इलमा (एमआईआरएम), मनमोहन उपाध्याय (एमआईआरएम), नमन मित्तल (एमआईआरएम), आदिल सोहेल (एमबीए), इमान अंसारी (एमबीए), वैभव मिश्रा (एमबीए) और अनस खान (एमबीए) शामिल हैं।
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शोध परियोजना के लिए एएमयू शिक्षक प्रो. काजमी को मिला आईसीपीआर अनुदान
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर लतीफ हुसैन शाह काज़मी को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद (आईसीपीआर), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गीता और कुरान की नैतिकता विषय पर आधारित एक शोध परियोजना के लिए 2,50,000 रुपये का अनुदान प्रदान किया गया है।
प्रोफेसर लतीफ काज़मी ने कहा कि दो महान धार्मिक ग्रंथों, गीता और पवित्र कुरान में वर्णित प्रमुख नैतिक गुणों पर काम करना मेरे लिए खुशी का स्रोत है। यह समय की मांग है कि विद्वान तुलनात्मक धार्मिक अध्ययन को बढ़ावा दें ताकि सामान्य जमीनी समझ, अंतरधार्मिक संवाद और सह-अस्तित्व के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके।