एएमयू कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल कांफ्रेंस के पांच प्रतिनिधि सदस्य
ऑल इंडिया मुस्लिम एजुकेशनल कांफ्रेंस के पांच निर्वाचित प्रतिनिधियों को अमुवि कोर्ट का सदस्य घोषित किया गया है, जिनमें असद यार खान, खुर्शीद अहमद खान, डॉ. मेराजुद्दीन अहमद, मुनव्वर हाज़िक और प्रोफेसर जिल्लुर रहमान को शामिल हैं।
एएमयू के रजिस्ट्रार श्री मुहम्मद इमरान आईपीएस द्वारा जारी सूचना के अनुसार, ये प्रतिनिधि विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार तीन साल की अवधि के लिए एएमयू कोर्ट के सदस्य रहेंगे।
शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एएमयू में शीतकालीन अवकाश नहीं होगा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने चालू शैक्षणिक सत्र 2022-23 को सुनियोजित करने के लिए इस शैक्षणिक सत्र में शीतकालीन अवकाश नहीं करने का निर्णय लिया है।
विश्वविद्यालय की एक अधिसूचना में कहा गया है कि छात्रों के शैक्षणिक हितों की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है। अधिसूचना के अनुसार विश्वविद्यालय के शिक्षकों को शीतकालीन अवकाश के बदले 10 दिन का डिटेंशन लीव दिया जाएगा।
एएमयू के रिसर्च स्कॉलर्स ने शोधपत्र प्रस्तुत किए
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के दर्शनशास्त्र विभाग के छह शोधार्थियों ने महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र में आयोजित भारतीय दर्शन कांग्रेस (आईपीसी) के 95वें सत्र और चौथे एशियाई दर्शनशास्त्र सम्मेलन (एपीसी) में भाग लिया और विभिन्न सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
शाइस्ता अख्तर और अनम इमरान ने ‘समय पर इकबाल का दृष्टिकोणः एक दार्शनिक विश्लेषण’ पर अपना पेपर प्रस्तुत किया, जबकि आज़ाद अली ने ‘जॉन रॉल्स थ्योरी ऑफ़ जस्टिसः एन ओवरव्यू’ पर अपना पेपर पढ़ा।
मुहम्मद आज़ाद ने ‘जस पोस्ट बेलमः ए क्रिटिकल रिव्यू’ और रुबिना सुल्ताना ने ‘शंकरा ऑन आत्माः ए फिलोसोफिकल एनालिसिस’ पर अपना पेपर प्रस्तुत किया। इसी तरह उजै़र खान ने ‘जॉन रॉल्स थ्योरी ऑफ़ जस्टिसः ए क्रिटिक’ शीर्षक से अपना पेपर प्रस्तुत किया।चार दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों और अन्य एशियाई देशों के 450 से अधिक प्रतिनिधियों, विद्वानों और छात्रों ने भाग लिया और अपने पेपर प्रस्तुत किए।
दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. अकील अहमद और पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर लतीफ हुसैन काजमी ने शोधार्थियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह विभाग के अन्य छात्रों को प्रेरित करेगा।
एएमयू शिक्षक ने वार्षिक महिला आर्थिक मंच को संबोधित किया
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग की प्रोफेसर आयशा फारूक ने नई दिल्ली में आयोजित वार्षिक महिला आर्थिक मंच 2022 के वैश्विक संस्करण में वक्ता के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर जी-100 भारत की बैठकें भी आयोजित की गईं। इस वैश्विक बैठक का विषय “अंतर को पाटेंः जी-20 के लिए एजेंडा” था।
स्थानीय हस्तकला ‘अलीगढ़ की सजावटी सिलाई कढ़ाई’ पर चर्चा करते हुए प्रो आयशा फारूक ने कहा कि अलीगढ़ के कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक सजावटी सिलाई और कढ़ाई में प्राकृतिक रेशों का उपयोग होता है। यह ऊर्जा बचाता है तथा पर्यावरण के अनुकूल उत्पादन प्रक्रिया है, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है। यह उत्पाद पुनः प्रयोज्य और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं।
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ सिलाई और कढ़ाई शिल्प में महिला उद्यमियों को शामिल करने और आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता में प्रमुख भूमिका निभाने की जबरदस्त क्षमता है।उन्होंने जोर देकर कहा कि इसमें स्थानीय कारीगरों के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर पैदा करने की काफी संभावनाएं हैं और यह अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर आयशा फारूक वूमेंस इंडियन चौंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डब्ल्यूआईसी) में प्रोजेक्ट एंड इवेंट मैनेजमेंट काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की प्रदेश अध्यक्ष हैं।